सीबीआई नहीं कर रही बैंक घोटाले की जांच, कर्णाटक सीएम ने किया था दावा
ये घोटाला तब उजागर हुआ जब आरबीआई ने निकासी पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे बैंक प्रबंधन द्वारा लगभग 2,500 करोड़ रुपये की हेराफेरी का पता चला
SGRSBN Bank Scam: कर्णाटक के श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक नियामिथा (एसजीआरएसबीएन) सहकारी बैंक से जुड़े घोटाले की जांच को लेकर क्या मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने झूठा दावा किया था? क्या मुख्यमंत्री का दावा मनघडंत था? ये सवाल इसलिए खड़े हुए हैं क्योंकि हाल ही में एक आरटीआई का जवाब देते हुए सीबीआई ने इस बात का खंडन किया है कि श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक नियामिथा (एसजीआरएसबीएन) सहकारी बैंक घोटाले की जांच उसके पास नहीं है और वो इस मामले में कोई जांच भी नहीं कर रही है. सीबीआई के इस जवाब से उन लाखों लोगों की उम्मीद को भी झटका लगा है जो इस घोटाले के शिकार हैं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक आरटीआई पूछताछ के जवाब में कहा है कि वो बेंगलुरु स्थित श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक नियामिथा (एसजीआरएसबीएन) सहकारी बैंक से जुड़े घोटाले की जांच नहीं कर रही है, जो कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के दिसंबर 2023 के दावे का खंडन करता है कि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था.
ये खबर कि सीबीआई इस घोटाले की जांच नहीं कर रही है, उन हजारों जमाकर्ताओं के लिए बड़ी निराशा है, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई खो दी है.
मुख्यमंत्री ने पिछले वर्ष किया था दावा
पिछले वर्ष दिसंबर में कर्णाटक के मुख्यमंत्री ने दावा करते हुए कहा था कि घोटाले के उजागर होने के बाद जमाकर्ताओं का भविष्य अनिश्चित हो गया है और उन्होंने पुष्टि की थी कि केंद्रीय जांच एजेंसी को मामले की जांच के लिए मंजूरी मिल गई है.
सिद्धारमैया ने दिसंबर में कहा, "हजारों जमाकर्ताओं ने अपनी जीवन भर की बचत बैंक में निवेश की थी, ताकि वे अपनी सेवानिवृत्ति, बच्चों की शादी, घर खरीदने और अन्य सपनों को पूरा कर सकें। बैंक की धोखाधड़ी गतिविधियों के कारण, अब वे अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हो गए हैं."
उन्होंने यह भी कहा कि जब वे विपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने कई बार घोटाले की सीबीआई जांच का मुद्दा उठाया था.
क्या था घोटाला
सहकारी बैंक से जुड़ा घोटाला तब उजागर हुआ जब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक पर निकासी प्रतिबंध लगा दिया, जिससे बैंक प्रबंधन द्वारा लगभग 2,500 करोड़ रुपये की हेराफेरी का खुलासा हुआ.
बैंक में 45,000 से ज़्यादा लोगों ने पैसे जमा किए थे और उनमें से ज़्यादातर को डिपॉज़िट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से 5 लाख रुपये की बीमा राशि मिली थी. लेकिन 6 लाख रुपये से ज़्यादा जमा करने वाले 15,000 से ज़्यादा जमाकर्ताओं को पूरी राशि नहीं मिली है.
159 करोड़ की सम्पति को चुकी है कुर्क
श्री गुरु राघवेंद्र सहकारी बैंक नियामिथा (एसजीआरएसबीएन) सहकारी बैंक घोटाले मामले में ईडी भी जांच कर रही है. ईडी की जांच मनी लौन्डरिंग से जुड़ी है. इस मामले में ईडी ने बैंक की 159 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी.
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