सरकार सैफ की 15 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी कर सकती है जब्त! जानें इनसाइड स्टोरी
x

सरकार सैफ की 15 हजार करोड़ की प्रॉपर्टी कर सकती है जब्त! जानें इनसाइड स्टोरी

Saif Ali Khan: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में पटौदी परिवार की संपत्तियों पर लगी रोक हटा दी है, जिससे सरकार को शत्रु अधिनियम 1968 के तहत उन्हें अधिग्रहित करने की अनुमति मिल गई है.


Saif Ali Khan ancestral property: लगता है कि बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान (Saif Ali Khan) की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. चाकू से हमले से बचने के बाद अभिनेता सैफ अली खान (Saif Ali Khan) के सामने एक और चुनौती है. उनको भोपाल में अपनी 15,000 करोड़ रुपये की पैतृक संपत्ति को सरकार के चंगुल से बचाना है.

बता दें कि 12 दिसंबर 2024 को एक फैसले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के तहत पटौदी परिवार की संपत्ति को अधिग्रहित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ अभिनेता की याचिका को खारिज कर दिया था. इन संपत्तियों में फ्लैग स्टाफ हाउस शामिल है. जहां सैफ (Saif Ali Khan) बड़े हुए, नूर-उस-सबाह पैलेस, दार-उस-सलाम, हबीबी का बंगला, अहमदाबाद पैलेस और कोहेफिजा संपत्ति शामिल हैं.

हालांकि, साल 2015 में इन संपत्तियों पर लगाई गई रोक हटाते हुए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा था कि संशोधित शत्रु संपत्ति अधिनियम 2017 के तहत वैधानिक उपाय मौजूद है. जबकि संबंधित पक्षों को 30 दिनों के भीतर एक अभिवेदन दाखिल करने के लिए कहा गया था. कोर्ट ने कहा था कि अगर आज से 30 दिनों के भीतर अभिवेदन दाखिल किया जाता है तो अपीलीय प्राधिकारी सीमा के पहलू पर ध्यान नहीं देगा और अपील को उसके गुण-दोष के आधार पर निपटाएगा.

समय सीमा समाप्त होने के बाद भी पटौदी संपत्ति पर दावा करने में विफल रहे. लेकिन चूंकि पटौदी परिवार में से किसी ने भी अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर संपत्ति पर दावा करने के लिए अपीलीय प्राधिकारी से संपर्क नहीं किया, इसलिए भोपाल सरकार अब अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू करने का पूरा अधिकार सुरक्षित रखती है. हालांकि, पटौदी परिवार अभी भी हाई कोर्ट की खंडपीठ के समक्ष आदेश को चुनौती दे सकता है.

क्या है शत्रु संपत्ति अधिनियम?

यह कानून केंद्र सरकार को पाकिस्तान चले गए और वहां की नागरिकता ले ली, ऐसे व्यक्तियों की संपत्ति जब्त करने का अधिकार देता है. यह कानून 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पारित किया गया था. बता दें कि भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की तीन बेटियां थीं. सबसे बड़ी आबिदा सुल्तान 1950 में पाकिस्तान चली गईं. जबकि दूसरी बेटी साजिदा सुल्तान भारत में ही रहीं. साजिदा ने नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी से शादी की और अपने पिता की संपत्ति की कानूनी वारिस बन गईं. साल 2019 में अदालत ने उन्हें उसी के रूप में मान्यता दी.

साजिदा की संपत्ति उनके पोते सैफ (Saif Ali Khan) को विरासत में मिली थी. हालांकि, सरकार ने आबिदा के प्रवास का इस्तेमाल शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत परिवार की संपत्तियों पर दावा करने के लिए किया है. शत्रु संपत्ति विभाग के संरक्षक द्वारा भोपाल नवाब की संपत्ति को सरकारी संपत्ति घोषित करने के बाद पटौदी परिवार ने 2015 में अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसकी वजह से स्टे ऑर्डर मिला था.

किराएदारों को बेदखली का डर

हाई कोर्ट के ताजा आदेश के बाद भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा है कि प्रशासन पिछले 72 सालों के इन संपत्तियों के मालिकाना हक के रिकॉर्ड की जांच करेगा और इन जमीनों पर रहने वालों को राज्य के कानूनों के तहत किराएदार माना जा सकता है. कोर्ट के आदेश ने इन संपत्तियों के निवासियों की रातों की नींद उड़ा दी है, जिन्हें बेदखली का डर है.

Read More
Next Story