सलमान खुर्शीद की जुबां बहकी या फिसली, बोले- बन सकते हैं बांग्लादेश जैसे हालात
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सलमान खुर्शीद की जुबां बहकी या फिसली, बोले- बन सकते हैं बांग्लादेश जैसे हालात

सलमान खुर्शीद ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुजीबुर रहमान द्वारा लिखी किताब के विमोचन पर ये बयां दिया, जिसे बीजेपी ने भड़काऊ बताया है


Salman Khurshid Controversy: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद का एक बयान विवाद का विषय बन गया है. सलमान खुर्शीद ने बयान में कहा है कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वो भारत में भी हो सकता है. उनके इस ब्यान को भड़काने वाला बताया जा रहा है. सलमान खुर्शीद ने ये बयान पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुजीबुर रहमान की किताब शिकवा - ए - हिन्द : द पोलिटिकल फ्यूचर ऑफ़ इंडियन मुस्लिम के विमोचन के अवसर पर दिया.

सलमान खुर्शीद ने कहा कि भारत में भले ही सतह पर सबकुछ सामान्य लग रहा हो, लेकिन यहां भी वैसा ही हो सकता है, जैसा बांग्लादेश में हो रहा है. हम भले ही विजय का जश्न मना रहे हों, लेकिन कुछ लोगों का ये मानना हो सकता है कि 2024 की वो विजय या सफलता बहुत कम है. सलमान खुर्शीद ने कहा कि शायद इससे भी ज्यादा करने की जरूरत है.

बांग्लादेश में जुलाई में ही सरकार के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शनों की लहर शुरू हो गयी थी. जिसके बाद वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा और अपने देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस समय वो भारत में हैं और दूसरे देश में शरण लेने की तैयारी कर रही हैं.

कश्मीर का किया ज़िक्र

खुर्शिद ने अपने बयान में कश्मीर का ज़िक्र करते हुए कहा, भले ही कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिख सकता है, लेकिन हकीकत सतह के कहीं नीचे है.

सलमान खुर्शीद के इस बयान पर आलोचनात्मक रवैया देखने को मिल रहा है.

इस मौके पर सलमान खुर्शीद ने बतला हाउस एनकाउंटर को याद करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने उस समय तत्कालीन केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के साथ अजनबी जैसा व्यवहार किया गया था. जबकि केंद्र में कांग्रेस वाली यूपीए की सरकार थी और सिब्बल उसी सरकार में मंत्री थे. इससे पता चलता है कि पुलिस किस तरह से मनमानी करती है.


बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा ''मोदी से नफरत में वे भारत से नफरत करते हैं. सलमान खुर्शीद/कांग्रेस बांग्लादेश की हिंसा को भारत में भड़काने/प्रार्थना करने की तुलना करते हैं? क्या वे चाहते हैं कि भारत में हिंदुओं पर हमला हो? वे किसको संकेत दे रहे हैं? उनके परिवार ने पहले ही वोट जिहाद कहा था. अब वास्तविक हिंसा? क्या ये भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर नहीं कर रहा है? ये पहली बार नहीं है जब उन्होंने राजनीति को राष्ट्र नीति से ऊपर रखा है.

क्या कांग्रेस उन पर कार्रवाई करेगी?

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