
जल्द ही लोकसभा की वोटर लिस्ट के साथ सामने आ सकती है समाजवादी पार्टी, कार्यकर्ताओं को सौंपा गया टास्क
सपा ने चुनाव आयोग हलफनामा भेजकर जो शिकायत की थी उसमें ज्यादातर मुस्लिम-अनुसूचित जाति के वोटर हैं।द फ़ेडरल देश के पास ऐसे वोटरों की सूची और हलफ़नामे हैं जिनसे पता चलता है कि सपा की शिकायत ज्यादातर उन सीटों की सूची को लेकर है जहाँ सपा प्रत्याशी मज़बूत लड़ाई में थे। वहीं कुछ हाई प्रोफाइल सीटों पर शिकायत भी है जहाँ एक ही प्रत्याशी जीतते रहे हैं।
राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोप से मचे घमासान के बीच उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने अपना पुराना आरोप नए सिरे से उठा दिया है। द फ़ेडरल देश की जानकारी के अनुसार 20 से ज़्यादा जिलों में अलग-अलग विधानसभाओं में वोटों में हेराफेरी का मामला अब तूल पकड़ सकता है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर अपने पदाधिकारियों को नए सिरे से मैदान में उतार दिया है और लोकसभा चुनाव की सूची को लेकर तैयारी शुरू कर दी है।
वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के सवाल पर मचे घमासान के बीच उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने नए सिरे से चुनाव आयोग को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है।विधानसभा और लोकसभा की सूची अलग होने की वजह से सपा ने कार्यकर्ताओं को एक्टिव कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार उन जिलों और इन सीटों पर फोकस रहने वाला है जहाँ पहले समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है या सपा की हार और भाजपा की जीत का मार्जिन कम रहा है। ख़ास बात यह है कि कार्यकर्ताओं को काग़ज़( निर्धारित परफ़ॉरमा) पर वोटर की सहमति लेनी होगी और जिससे पहले से ही सपा शिकायत करते समय काग़ज़ पर मज़बूत रहे।
लोकसभा चुनाव की वोटर लिस्ट पर शुरू किया काम
जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोटों में गड़बड़ी का मामला उन जगहों पर सामने आया था जहाँ बीजेपी कमजोर है। सपा के अनुसार बीजेपी उन सीटों पर हेरफेर करती है जहाँ पार्टी की स्थिति मज़बूत नहीं है और ऐसे क्षेत्रों में अगर ‘स्विंग वोट्स ‘( swing votes) पर बीजेपी ध्यान दे तो बीजेपी के वोट बढ़ सकते हैं।सपा का आरोप है कि इसके लिए उन वोटों को बीजेपी वोटर लिस्ट से कटवाने की कोशिश करती है जो उनको लगता है सामने मज़बूत प्रत्याशी को जा सकते हैं।
सपा प्रवक्ता फ़ख़रूल हसन चाँद कहते हैं ‘ज़िलों में सपा का लोकसभा सूची पर काम चल रहा है क्योंकि अगर एक संसदीय क्षेत्र में चार विधानसभा है और दो विधानसभा में बीजेपी कमज़ोर है तो वहाँ से अगर वो कुछ वोट भी कटवा देते हैं तो पूरी लोकसभा सीट के नतीजों पर असर पड़ सकता है।’ वहीं फ़ख़रूल हसन चाँद यह भी कहते हैं कि देवबंद जैसी सीट को लेकर ख़ास नज़र रहेगी जहाँ से सपा को पहले ही गड़बड़ी की आशंका है।
समाजवादी पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में जिन विधानसभा सीटों पर वोट कटने की शिकायत चुनाव आयोग से की थी उन सीटों पर कार्यकर्ताओं को ख़ास नज़र रखने के लिए कहा गया है।वजह यह भी है कि 2022 में जो वोटर ग़लत ढंग से नाम कटने की वजह से मतदान नहीं कर पाए की उन्होंने लोकसभा चुनाव में मतदान किया? द फ़ेडरल देश को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के अनुसार उन सीटों का पूरा ब्योरा जल्द सामने आ सकता है।
पीडीए वोटों वाली सीटों पर कटे वोट : सपा
अखिलेश यादव ने सोमवार को संसद के बाहर बोलते हुए यह कहा कि पिछड़ों का वोट काटा गया है।अखिलेश ने कहा था ‘यह जानबूझकर पिछड़ों का वोट काटते हैं, इसमें बिंद, मौर्य, पाल, राठौर समाज सब शामिल हैं…’ सपा ने वोटरों के एफिडेविट के साथ जिन क्षेत्रों की शिकायत चुनाव आयोग को सौंपी थी उसमें मुबारकपुर, बाबागंज, कुंडा, रायबरेली, पटियाली,अमरोहा भी शामिल है।इन विधानसभा क्षेत्रों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि ये ज्यादातर मुस्लिम बहुल हैं। उसके बाद इन सीटों पर अनुसूचित जाति और ओबीसी के मतदाता हैं।
पीडीए का गढ़ मानी जाने वाली आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट ओर मुस्लिम वोटर्स की संख्या सबसे ज़्यादा है। 3 लाख, 54 हज़ार 153 वोटर्स में से 1 लाख 10 हज़ार मुस्लिम वोट हैं।इसके बाद 76 हज़ार वोट अनुसूचित जाति के और 61 हज़ार यादव वोटर हैं।ऐसे में मुस्लिम + यादव कॉम्बिनेशन होने की वजह से सपा के लिए यह सीट मुफीद थी।हालाँकि स्थानीय तौर पर बेहद मज़बूत माने जाने वाले बीएसपी के पूर्व विधायक शाह आलम ‘गुड्डू जमाली’ को सपा ने शामिल करवाकर जीत की राह आसान की थी।इस सीट पर सपा ने जिन वोटरों के वोट कटने का आरोप लगाया है उनमें ज्यादातर मुस्लिम वोटर हैं।
सपा ने जिन सीटों पर दी टक्कर, वहां वोट कटने की शिकायत
वहीं सपा की शिकायत में अमरोहा भी है।यहाँ भी सपा की मजबूती का अंदाज़ा इसी से लगाया का सकता है कि जिले की चार विधानसभा सीटों में से 2 पर सपा ने जीत दर्ज की है।2022 के चुनाव में सपा के महबूब अली में भाजपा के राम सिंह को हराया है।पिछले एक दशक से इस सीट पर सपा का क़ब्ज़ा रहा है।यहाँ के क़रीब 4 लाख मतदाताओं में 70% प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं को सीधे-सीधे हार जीत का फ़ैसला करते हैं।
इसके बाद जाट, सैनी मतदाता हैं।सपा ने जो शिकायत चुनाव आयोग को दी थी उसमें मुस्लिम इलाक़ों के वोट ग़लत ढंग से काटने का आरोप है।सपा ने कासगंज जिले की पटियाली विधानसभा मो लेकर भी शिकायत की है।पटियाली में मुस्लिम और ओबीसी मतदाता ही ज़्यादा हैं।हालाँकि 2017 में इस सीट से बीजेपी के ममतेश शाक्य ने सपा की मौजूदा विधायक नज़ीबा ख़ान ज़ीनत को हराया था लेकिन इस बार सपा की नादिरा सुल्तान यहाँ से जीती हैं।
रोचक तथ्य यह है कि मुस्लिम वोटर सबसे ज़्यादा होने के बावजूद यहाँ सिर्फ़ तीन बार ही मुस्लिम कैंडिडेट जीता है।यहाँ 16% मुस्लिम, 15% जाटव, 14% शाक्य, 12% ठाकुर और उसके बाद अन्य जातियों के वोट हैं।सपा ने यहाँ के अनुसूचित जातियों के वोटरों के वोट कटने को लेकर शिकायत की है।
कुंडा, रायबरेली जैसी हाई प्रोफाइल सीटों पर भी शिकायत
विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत का ट्रेंड देखें तो ज्यादातर पीडीए वर्ग के वोट हैं।रोचक तथ्य यह है कि सपा ने उन प्रतापगढ़ की उन दो सीटों में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया है कहाँ रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भैया’ का वर्चस्व है।प्रतापगढ़ की बाबागंज और ख़ुद राजा भैया की सीट कुंडा को लेकर भी सपा ने वोटर लिस्ट से समर्थकों के नाम कटने की शिकायत सौंपी है।
कुंडा सीट पर 1993 से राजा भैया ही जीतते रहे हैं।यह बात दिलचस्प है कि सपा ने यहाँ 20 साल बाद प्रत्याशी उतारा था।इस हाई प्रोफाइल सीट पर गुलशन यादव को प्रत्याशी बनाकर सपा ने राजा भैया को चुनौती दी थी।यहाँ अनुसूचित जाति के वोटर बड़ी संख्या में हैं।सपा ने जिन इलाक़ों को लेकर शिकायत की है वो मुस्लिम बहुल इलाके हैं।
यहाँ 75 हज़ार अनुसूचित जाति के वोटर, 55 हज़ार मुस्लिम, 50 हज़ार यादव, 40 हज़ार ब्राह्मण, 20 हज़ार क्षत्रिय और अन्य ओबीसी वर्ग के वोटर हैं।सपा का भरोसा मुस्लिम + यादव के कॉम्बिनेशन पर भी था।वहीं प्रतापगढ़ की ही बाबागंज( सुरक्षित) सीट पर राजा भैया के करीबी विनोद कुमार फिर जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी से जीते हैं।सपा के गिरीश चंद्र तीसरे नम्बर पर रहे हैं।यहाँ के 3 लाख 18 हज़ार मतदाताओं में अनुसूचित जाति के 75 हज़ार, 45 हज़ार यादव, 40 हज़ार मुस्लिम, 25 हज़ार क्षत्रिय और बाक़ी वोट अन्य जातियों के हैं।
सपा की चुनाव आयोग में शिकायत का ट्रेंड अगर देखें तो है हैं हाई प्रोफाइल सीटों पर भी सपा ने वोटरों के वोट करने की शिकायत की है।इसमें रायबरेली सदर सीट पर एक एक बूथ पर कई मतदाताओं के नाम कटने की शिकायत है।
2017 में कांग्रेस से विधायक बनीं अदिति सिंह ने इस बार भाजपा प्रत्याशी के तौर कर जीत दर्ज की है।उन्होंने समाजवादी पार्टी के राम प्रताप यादव को हराया है।हालाँकि यह सीट अदिति सिंह के पिता बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की सीट होने की वजह से परिवार का भी वर्चस्व रहा है।सपा की शिकायत पर इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति और यादव वोटरों के ग़लत ढंग से वोट काटने की शिकायत है।