संभल में जो मरे उन्हें कट्टे से लगी थी गोली, लेकिन सवाल चलाई किसने?
Sabhal Violence: संभल हिंसा में जिन चार लोगों की मौत हुई थी उसकी ऑटोप्सी रिपोर्ट आ चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक गोली कट्टे से चली थी।
Sambhal Violence Updates: 24 नवंबर की तारीख थी, संभल में जामा मस्जिद में सर्वे कर रही टीम बाहर निकल रही थी और बवाल हो गया। सवाल इसी बवाल पर कि कौन है उसके पीछे। इस केस में संभल से सपा सांसद जियाउर रहमान बर्क और सपा के विधायक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। मजिस्ट्रियल जांच भी हो रही है और उसके साथ सियासत भी। सियासत इस बात पर कि जिन चार लोगों की मौत हुई उसे यूपी पुलिस ने गोली मारी थी। हालांकि यूपी पुलिस ने कहा कि अनर्गल आरोप लगाए जा रहे हैं। उपद्रवियों की तरफ से फायरिंग हुई जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। अब इस संबंध में ऑटोप्सी रिपोर्ट भी आ चुकी है जिसके मुताबिक जो लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं उन्हें कट्टे से गोली मारी गई। लेकिन मूल सवाल यह है कि कट्टे से गोली किसने चलाई।
अब हो रही है सियासत
बता दें कि समाजवादी पार्टी की 12 सदस्यों वाली फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन अखिलेश यादव ने किया है। हालांकि संभल प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा रही है। समाजवादी पार्टी की तरफ से यह आरोप लगाया जा रहा है कि कट्टे से गोली पुलिस की तरफ से चलाई गई। समाजवादी पार्टी ने मृतकों के परिजनों के बयानों के आधार पर आरोप लगाया है। हालांकि यूपी पुलिस का कहना है कि हम 9 एमएम पिस्टल का इस्तेमाल करते हैं। जिनकी मौत हुई उनको गोली दंगाइयों की तरफ से लगी है। हालांकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने कहा कि पुलिस दो तरह के हथियार रखती है। यानी कि औपचारिक तौर पर समाजवादी पार्टी का मानना है कि कहीं न कहीं तो कुछ गड़बड़ है।
नजदीक से चली थी गोली
सपा सांसद ने भड़काऊ बयान दिए और विधायक के बेटे ने पुलिस और सर्वेक्षण दल पर हमला करने के लिए भीड़ जुटाई। वे 19 नवंबर को अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद में मौजूद थे और शुक्रवार को वापस लौटे। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं जो बताते हैं कि यह एक पूर्व नियोजित साजिश थी, क्योंकि हमलावरों ने आग्नेयास्त्र और पत्थर जमा कर रखे थे।" झड़पें रविवार सुबह शुरू हुईं जब एक भीड़ ने पुलिस और 16वीं सदी की शाही जामा मस्जिद का अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण करने वाली एएसआई टीम पर पत्थर फेंके। सर्वेक्षण एक याचिका के बाद शुरू किया गया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुगल सम्राट बाबर ने मस्जिद बनाने के लिए एक मंदिर को ध्वस्त कर दिया था।