यूपी में अब निषाद पार्टी बढ़ाने लगी दबाव, अनुसूचित जाति में शामिल करने की माँग दोहराई
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संजय निषाद ने फिर निषाद समाज को अनुसूचित जाति में शामिल करने की माँग की है

यूपी में अब निषाद पार्टी बढ़ाने लगी दबाव, अनुसूचित जाति में शामिल करने की माँग दोहराई

यूपी में एनडीए गठबंधन की सहयोगी निषाद पार्टी ने निषाद और उपजातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में आरक्षण देने का मुद्दा फिर उठाया है। डॉ संजय निषाद ने कहा है कि अगर बीजेपी ऐसा नहीं करती तो नुक़सान होगा।


2027 का चुनावी समर भले ही अभी दूर हो पर यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी के सहयोगियों ने अपने-अपने पुराने मुद्दे उठाना शुरू कर दिया है।ये दल एक बार फिर से पुरानी मांगों को लेकर अपनी ज़मीन तैयार कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी पर दबाव भी बनाते नज़र आ रहे हैं। गठबंधन और सरकार दोनों में शामिल निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने फिर निषाद जाति को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने की माँग नए सिरे से छेड़ दी है।संजय निषाद का कहना है कि कांग्रेस, सपा, बसपा ने आरक्षण में मामले में निषाद समाज को धोखा दिया है और वो सब ख़त्म हो गए।अगर बीजेपी भी ऐसा करेगी तो बीजेपी को नुक़सान होगा।

बीजेपी गठबंधन के सहयोगी निषाद पार्टी के मुखिया और योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद के घर के बाहर आरक्षण को लेकर पोस्टर लगे हैं।पोस्टर में लिखा है ‘पिछड़े से नाम ख़ारिज करो मझवारा आरक्षण जारी करो’। यानि एक बार फिर से उसी पुरानी माँग पर चर्चा तेज़ हो गई है जिसे लेकर निषाद पार्टी चुनाव लड़ती रही है।दरअसल निषाद समाज (मल्लाह-केवट और अन्य अप जातियां) 14 राज्यों में अनुसूचित जाति में हैं।उत्तर प्रदेश और बिहार में उनको ओबीसी में शामिल किया गया है।निषाद पार्टी का मुख्य मुद्दा यही है कि उनको अनुसूचित जाति का लाभ मिलना चाहिए और इसलिए उनको इस वर्ग में शामिल किया जाए।निषाद पार्टी का राजनीतक अस्तित्व इसी मुख्य माँग के साथ शुरू हुआ था।पर अब तक उनकी यह माँग पूरी नहीं हुई है।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद का कहना है कि ‘जब हम 1961 में अनुसूचित जातियों में गिन लिए गए तो अब ओबीसी में निषाद को रखने का क्या मतलब ?’ संजय निषाद ने कांग्रेस, सपा, बसपा को निषाद पार्टी का आरक्षण छीनने वाला बताते हैं।संजय निषाद कहते हैं कि निषाद और उपजातियों को अनुसूचित जाति का के वर्ग में शामिल कर आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।समाजवादी पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले संजय निषाद कहते हैं कि ‘ बीजेपी यही कहकर हमको साथ लायी थी।अब हमारे समाज के लोग का बात का जवाब चाहते हैं।हम ये मुद्दा सिर्फ चुनाव के समय नहीं बल्कि लगातार उठाते रहे हैं।’

निषाद पार्टी का प्रभाव पूर्वांचल के क्षेत्रों ख़ास तौर पर गोरखपुर, कुशीनगर, संत कबीर नगर, वाराणसी जैसे जिलों में हैं।संजय निषाद कहते हैं कि 2024 के चुनाव में सपा ने आरक्षण कि बारे में झूठा वायदा करके उनके समाज के लोगों के वोट लिए।यानी बीजेपी को नुक़सान हुआ। हालांकि संजय निषाद बीजेपी पर इस मामले में भरोसा जताते हुए कहते हैं कि ‘अगर वो राम मंदिर का वायदा पूरा कर सकते हैं, धारा 370 वायदा पूरा कर सकते हैं तो निषाद समुदाय की इस पुरानी मांग को उनको पूरा करने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।संजय निषाद प्रधानमंत्री के ऊपर भरोसा जताते हुए कहते हैं कि निषाद के घर में जाकर उन्होंने दुख दर्द देखा।संजय निषाद कहते हैं कि उनको भरोसा है कि बीजेपी ये वायदा पूरा करेगी।


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