SC ने तस्माक जांच पर लगाई रोक, कहा – ‘ED सभी हदें पार कर रही है’
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जब ASG ने तर्क दिया कि ED एक बड़े घोटाले की जांच कर रहा है जिसमें राजनेताओं को संरक्षण दिया जा रहा है, तो CJI गवई ने कहा कि ED सभी हदें पार कर रहा है और देश के संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रहा है। | फाइल फोटो

SC ने तस्माक जांच पर लगाई रोक, कहा – ‘ED सभी हदें पार कर रही है’

CJI गवई ने एएसजी राजू से पूछा कि अगर राज्य ने खुद भ्रष्टाचार के आरोपों पर शराब दुकान संचालकों के खिलाफ 41 FIR दर्ज की हैं तो तस्माक के खिलाफ अपराध कैसे बनता है?


Tasmac Scam: तमिलनाडु की डीएमके सरकार को सुप्रीम कोर्ट से उस समय बड़ी राहत मिली जब शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार के स्वामित्व वाली तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (तस्माक) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की जा रही जांच और छापेमारी पर रोक लगा दी।

आपकी ईडी सभी हदें पार कर रही है – सीजेआई

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने यह टिप्पणी एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से सुनवाई के दौरान की। रिपोर्टों के अनुसार, चीफ जस्टिस बी.आर. गवई ने सख्त लहजे में कहा “आपकी ईडी तो सारी हदें पार कर रही है। आप देश की संघीय संरचना का पूरी तरह से उल्लंघन कर रहे हैं। यह सुनवाई तमिलनाडु सरकार की उस याचिका पर हो रही थी जिसमें मद्रास हाई कोर्ट द्वारा ईडी की छापेमारी के खिलाफ उनकी याचिका को खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी।

राज्य सरकार ने खुद दर्ज की थीं 41 FIR

सुनवाई के दौरान सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि तस्माक के जरिए शराब की दुकानें देने में गड़बड़ियों को लेकर 2014 से 2021 के बीच तमिलनाडु सरकार ने 41 प्राथमिकी दर्ज की थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये सभी मामले व्यक्तिगत शराब विक्रेताओं के खिलाफ हैं, तस्माक कॉरपोरेशन के खिलाफ नहीं।उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने बिना किसी उचित आधार के 2025 में तस्माक मुख्यालय पर छापे मारे और वहां से अधिकारियों के फोन व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त कर लिए।

ईडी की कार्रवाई पर सवाल

वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी, जो तस्माक की ओर से पेश हुए, ने तर्क दिया कि ईडी ने अधिकारियों के फोन की क्लोन कॉपी बनाकर उनकी निजता का उल्लंघन किया है।कपिल सिब्बल ने भी अनुरोध किया कि ईडी को जब्त किए गए डाटा का प्रयोग करने से रोका जाए।हालांकि कोर्ट ने कहा कि वह पहले ही अंतरिम राहत दे चुकी है, और इस चरण में और कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता।

1000 करोड़ घोटाले का दावा

एएसजी राजू ने दलील दी कि यह 1000 करोड़ के घोटाले से जुड़ा मामला है, जिसमें राजनीतिजनों को बचाया जा रहा है।लेकिन सीजेआई गवई ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पहले ही कार्रवाई कर रही है और ईडी की जांच संघीय ढांचे का उल्लंघन है।

कोर्ट का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा जब तक अगली सुनवाई न हो, ईडी द्वारा याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई आगे की कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही, अदालत ने ईडी को नोटिस जारी कर उससे जवाब भी मांगा है।सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को तमिलनाडु सरकार के लिए कानूनी और राजनीतिक दोनों रूपों में बड़ी राहत माना जा रहा है।

ईडी और केंद्र सरकार पर लगातार यह आरोप लगते रहे हैं कि वे राज्य सरकारों पर राजनीतिक दबाव बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही हैं।अब देखने वाली बात यह होगी कि इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य के बीच संघीय संतुलन को लेकर आगे क्या रुख अपनाया जाता है।

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