सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक नहीं खुलेगा शम्भू बॉर्डर
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सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक नहीं खुलेगा शम्भू बॉर्डर

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल शम्भू बॉर्डर को खोलने पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. साथ ही ये कहा है की पंजाब और हरियाणा कुछ ज़िम्मेदार और निष्पक्ष लोगों की समिति बनाने को कहा है जो समाधान निकाल सके


Shambhu Border: पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित शम्भू बॉर्डर को फिलहाल नहीं खोला जाएगा, वहां जैसी स्थिति है, उसे ऐसे ही बनाया रखा जाए. ये आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभी शम्भू बॉर्डर पर यथा स्थिति बनायीं रखी जाए. इसका मतलब है कि फिलहाल शंभू बॉर्डर नहीं खुलेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने किसानों से बातचीत कर समाधान के लिए एक निष्पक्ष कमिटी का गठन करने का प्रस्ताव दिया है. कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार से कमेटी के लिए उपयुक्त लोगों के नाम सुझाने को कहा है, जो पूरी तरह से निष्पक्ष हों.


क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा दोनों ही राज्यों की सरकार से बात कर इस पर विचार करने को कहा है कि कैसे चरणबद्ध तरीके से बैरिकेड को हटाया जाए, ताकि आम लोगों की दिक्कत को कम किया जा सके.

हरियाणा सरकार ने कहा किसानों के दिल्ली जाने से आपत्ति नहीं लेकिन उनका तरीके से बढ़ सकता है तनाव
हरियाणा सरकार की ओर से सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा कि हमें किसानों के दिल्ली आने से समस्या नहीं है, लेकिन जिस तरह से वो ट्रैक्टर ट्रॉली और जेसीबी के साथ दिल्ली जाने के लिए निकले हैं, उनके आने से तनाव की घटना पैदा होती है. इसके अलावा मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैक्टर, ट्रॉली, जेसीबी को हाइवे पर चलाने की अनुमति नहीं है. इतना ही नहीं किसानों ने ट्रैक्टर ट्रॉली को जंगी टैंक की शक्ल में बदल दिया है.

पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ हरियाणा सरकार ने दायर की थी याचिका
शंभू बॉर्डर खोलने के पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 10 जुलाई को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में शंभू बार्डर के बैरिकेड खोलने का निर्देश दिया था. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने 13 जुलाई को हाई कोर्ट के इस आदेश खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हरियाणा सरकार का कहना है कि क़ानून व्यवस्था की स्थिति बहाल के मद्देनजर उसने रास्ता बंद किया हुआ है. हाईकोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए.

किसने की थी शम्भू बॉर्डर खोलने की मांग
पेशे से वकील वासु शांडिल्य ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शम्भू बॉर्डर खोलने की मांग की थी. वासु शांडिल्य का कहना था कि बॉर्डर के बंद होने की वजह से रोजाना बहुत बड़ी संख्या में लोगों को रोज एक जगह से दूसरी जगह आने जान में काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इस याचिका के बाद ही स्थानीय लोगों ने भी अपनी परेशानी को मीडिया के सामने बयां किया था. उनका कहना था कि नौकरी और अन्य कामों के लिए जाना काफी मुश्किल हो चुका है.

क्या है किसानों की मांग
किसान लम्बे समय से पंजाब और हरियाणा के बीच शम्भू बॉर्डर पर लगभग 6 महीने से धरने पर बैठे हुए हैं. वो MSP की गारंटी को लेकर मांग कर रहे हैं. उनका मकसद दिल्ली आना है लेकिन हरियाणा सरकार ने किसानो को शम्भू बॉर्डर पर ही रोक दिया था. इस आन्दोलन की शुरुआत लोकसभा चुनाव से पहले हुई थी. इस बीच किसानों ने कई बार बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश भी की, लेकिन हरियाणा पुलिस की तरफ से प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले, रबड़ बुलेट्स दागे गए और लाठीचार्ज जैसी कार्रवाई भी की गयी.
दूसरी तरफ किसानों ने खनौरी बॉर्डर से भी पंजाब से हरियाणा में प्रवेश करने की कोशिश की थी, लेकिन वहां भी कड़े बंदोबस्त के बदौलत हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोक दिया था. इस दौरान एक किसान की मौत भी हो गयी थी, जो गोली लगने से हुई थी और आरोप पुलिस पर लगा.


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