शरद पवार के दिमाग में क्या है? 100 बार जन्म लेने पर भी नहीं पता कर पाएंगे फडणवीस: संजय राउत
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शरद पवार के दिमाग में क्या है? 100 बार जन्म लेने पर भी नहीं पता कर पाएंगे फडणवीस: संजय राउत

संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह 100 बार भी जन्म लें तो भी यह नहीं समझ पाएंगे कि शरद पवार के दिमाग में क्या चल रहा है.


Sanjay Raut targeted Devendra Fadnavis: शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह 100 बार भी जन्म लें तो भी यह नहीं समझ पाएंगे कि एनसीपी (सपा) सुप्रीमो शरद पवार के दिमाग में क्या चल रहा है.

बता दें कि संजय राउत की यह प्रतिक्रिया फडणवीस के उस दावे के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि शरद पवार ने राज्य विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए तीन से चार नामों को शॉर्टलिस्ट किया था, जिसमें उद्धव ठाकरे का नाम शामिल नहीं था.

राउत ने कहा कि फडणवीस को पवार की सोच और योजना के बारे में समझ नहीं है. क्या साल 2019 में फडणवीस को पता था कि शरद पवार क्या सोच रहे थे और क्या योजना बना रहे थे? भले ही वह 100 बार भी जन्म लें. लेकिन फडणवीस यह नहीं समझ पाएंगे कि शरद पवार के दिमाग में क्या चल रहा है. अगर राज्य में सत्तारूढ़ दल में कोई हिम्मत बची है तो उन्हें चुनाव के लिए आह्वान करना चाहिए.

राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर राजनीतिक दलों और यहां तक ​​कि इन दलों का नेतृत्व करने वाले परिवारों में हाल ही में हुए विभाजन की साजिश रचने का भी आरोप लगाया. यह आरोप महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के हाल ही में दिए गए बयान के बाद लगाया गया है, जिसमें उन्होंने परिवार के विघटन पर समाज के विचारों के बारे में बताया था.

बता दें कि अजीत पवार ने गढ़चिरौली में एक रैली के दौरान धर्मराव बाबा आत्रम की बेटी भाग्यश्री को शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) में जाने से रोकने की कोशिश करते हुए यह टिप्पणी की. अजीत पवार ने कहा कि समाज उन लोगों से नाराज होता है, जो अपने परिवार को तोड़ते हैं. ॉ

वहीं, राउत ने पीएम मोदी और शाह के खिलाफ अपने आरोपों को विस्तार से बताया. राउत ने कहा कि किसने राजनीतिक दलों और परिवारों को (महाराष्ट्र में) तोड़ा? मोदी और शाह ने राजनीतिक दलों और यहां तक ​​कि परिवारों में भी विभाजन की साजिश रची. वे (एकनाथ शिंदे और अजीत पवार) इसके शिकार हुए. उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि उन्हें अपनी पार्टियों से अलग होने के लिए धमकाया गया, दबाव डाला गया या लालच दिया गया. उन्होंने दावा किया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी दोनों ने कई वर्षों तक शिंदे और अजीत पवार को पर्याप्त अवसर दिए. लेकिन उन्होंने फिर भी अलग होने का विकल्प चुना.

राउत ने मणिपुर में हिंसा के नए दौर को लेकर अमित शाह पर निशाना साधा और उन पर पूर्वोत्तर राज्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाया. शाह इस समय प्रमुख गणेश मंडलों का दौरा करने और एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मुंबई में हैं. राउत ने कहा कि मणिपुर में नए हमलों और महिलाओं की लगातार पीड़ा के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्री मुंबई में हैं. उन्हें (शाह को) मणिपुर, जम्मू और कश्मीर जाना चाहिए. मुंबई में उनका क्या काम है? उन्हें मणिपुर जाने का साहस दिखाना चाहिए.

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