'श्री राम' की एक लीला ऐसी भी जहाँ नृत्य नाटक में बयां की जाति है सम्पूर्ण रामायण
श्रीराम काला केंद्र में 3 अक्टूबर से 26 अक्टूबर 2024 तक, हर रोज़ शाम 6:30 बजे, कॉपर्निकस मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है श्री राम नृत्य नाटक. इस वर्ष ये अपने 68वें साल में मनाया जा रहा है.
Shri Ram : शारदीय नवरात्री के दौरान देशभर और राजधानी दिल्ली में यूँ तो अलग अलग तरह से भगवान राम की लीला का आयोजन होता है, लेकिन नयी दिल्ली स्थित श्रीराम भारतीय कला केंद्र (एसबीकेके) में कुछ ख़ास तरह से भगवन श्री राम की लीला का आयोजन किया जाता है. ये लल्ला नृत्य-नाटक "श्री राम" के नाम से जानी जाती है, जो अब अपने 68वें वर्ष में मनाई जा रही है. इस नृत्य नाट्य की ख़ास बात ये है कि यह अद्भुत प्रस्तुति भगवान राम के जन्म से लेकर उनके राज्याभिषेक तक, रामायण के कालातीत महाकाव्य को 2 घंटे और 15 मिनट की आकर्षक प्रस्तुति में उजागर करता है.
कहाँ से आया इस नृत्य नाटक ''श्री राम'' का विचार
"श्री राम" का विचार एसबीकेके की संस्थापक सुमित्रा चरत राम के द्वारा किया गया था, जिनकी सांस्कृतिक यात्रा और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियों ने इसकी प्रस्तुति के लिए उन्हें प्रेरित किया. अब इसे उनकी बेटी और एसबीकेके की चेयरपर्सन पद्मश्री श्रीमती शोभा दीपक सिंह के मार्गदर्शन में विस्तार दिया गया है. हर वर्ष इसका मंचन समकालीन और पारंपरिक नृत्य शैली, नवीनतम मंच प्रौद्योगिकी और पारंपरिक भारतीय शिल्प कौशल को एकीकृत और सुधारता है, जो उत्कृष्ट कलात्मकता का एक दृश्य और भावनात्मक कार्य को पैदा करता है.
भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और मूल्यों की एक विरासत
श्रीराम भारतीय कला केंद्र के बारे में