प्रज्वल रेवन्ना ही नहीं इन 6 सेक्स स्कैंडल से कर्नाटक हुआ शर्मसार
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प्रज्वल रेवन्ना ही नहीं इन 6 सेक्स स्कैंडल से कर्नाटक हुआ शर्मसार

कर्नाटक की राजनीति में सेक्स स्कैंडल का मामला किसी एक दल से जुड़ा हुआ नहीं है. खास बात यह है कि ज्यादातर मामलों में पीड़ितों ने अपने आरोप वापस ले लिए.


कर्नाटक में दो चरणों में आम चुनाव संपन्न हो चुका है. लड़ाई दो दलों बीजेपी-जेडीएस गठबंधन और कांग्रेस के बीच है. पहले चरण में दक्षिण कर्नाटक के हिस्सों में चुनाव संपन्न होने के बाद सेक्स स्कैंडल की खबरें आने लगीं. आरोप की जद में कोई सामान्य कार्यकर्ता नहीं आया बल्कि प्रज्वल रेवन्ना आए जो पूर्व पीएम एच डी देवेगौड़ा के पौत्र हैं. प्रज्वल पर आरोप है उन्होंने महिलाओं का यौन शोषण किया है. इस खबर के आने के बाद कर्नाटक सियासी तौर पर सुलग उठा.लेकिन यहां हम बात थोड़ी और आगे की करेंगे. प्रज्वला रेवन्ना का मामला ही नहीं बल्कि 6 और ऐसे सेक्स स्कैंडल के केस हैं जिससे राज्य की सियासत में तूफान उठ खड़ा हुआ.

रेणुकाआचार्य केस

2007 का साल था. कर्नाटक में बीजेपी-जेडीएस की सरकार थी, बी एस येदियुरप्पा के करीबी हुआ करते थे रेणुकाचार्य. एक नर्स को किस करते हुए तस्वीर सामने आई थी. नर्स का आरोप था कि उसके साथ यौन शोषण हुआ है. नर्स का यह भी आरोप था कि उन्होंने जबरदस्ती शादी की और उसे खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा.इससे बीजेपी की जबरदस्त आलोचना हुई और रेणुकाआचार्य को कुर्सी छोड़नी पड़ी. हालांकि तीन साल के बाद पीड़ित ने केस वापस ले लिया था.

हारातालु हलप्पा केस

2009 में पूर्व खाद्य और सिविल अफेयर्स के मंत्री हारातालु हल्लपा पर दोस्त की पत्नी के साथ रेप का आरोप लगा. सियासत गरमाने के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. उस केस की वजह से बीजेपी को शर्मसार होना पड़ा. हालांकि 2017 में साक्ष्यों में अभाव की वजह से हलप्पा दोषमुक्त हो गए.

विधानसभा में पोर्न देखने का मामला

2012 में कर्नाटक विधानसभा में बीजेपी विधायक लक्ष्मण सावदी, सी सी पाटिल और कृष्णा पालेमर पोर्न वीडियो देखते हुए कैमरे में कैद हुए. 2012 में बी एस येदियुरप्पा की सरकार थी. मामला इतना गरमाया कि गृह विभाग ने जांच के आदेश दिए. तीनों को अपना पद छोड़ना पड़ा. हालांकि बाद में कैबिनेट की सब कमेटी ने तीनों को क्लीन चिट दे दिया.

मेटी सेक्स स्कैंडल

यह मामला 2016 का है, कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया थे. उनकी सरकार में एच वाई मेटी एक्साइज मंत्री हुआ करते थे. मेटी पर आरोप लगा कि एक महिला कर्मचारी के ट्रांसफर मामले में उन्होंने उसका शारीरिक शोषण किया. मेटी के ही किसी सुरक्षा कर्मचारी ने वीडियो वायरल किया. सिद्धारमैया ने मेटी को सरकार से हटा दिया. केस को सीआईडी के हवाले किया गया. हालांकि बाद में महिला ने केस वापस ले लिया था.

अरविंदा लिंबावाली वीडियो

जुलाई 2019 में बी एस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रहे अरविंदा लिंबावाली का वीडियो सामने आया. वो किसी दूसरे शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे. लिंबावली ने वीडियो की सत्यता पर संदेह जताया. हालांकि बाद में फोरेंसिक साइंस की जांच में वीडियो जाली पाया गया.

रमेश जरकीहोली सीडीp

मार्च 2020 में बीजेपी सरकार में मंत्री रहे रमेश जरकीहोली पर आरोप लगा. आरोप सेक्स स्कैंडल से जुड़ा था. यह दावा किया गया था कि नौकरी देने के नाम पर वो महिलाओं से शारीरिक संबंध बनाने की डिमांड करते थे. मामला इतना गरमाया कि मंत्री पद छोड़ना पड़ा.जरकीहोली ने इसके लिए कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार को जिम्मेदार बताया. मामला अभी अदालत में है.

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