
Delhi pollution: दिल्ली में स्मॉग का संकट, विजिबिलिटी शून्य; 228 उड़ाने रद्द
dense fog: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, सुबह के समय मध्यम कोहरा और कुछ इलाकों में घना कोहरा रह सकता है।
toxic smog: दिल्ली जहरीले और घने कोहरे की चपेट में है। शहर के कई इलाकों में विजिबिलिटी शून्य तक गिर गई है। इसका सीधा असर सड़क, रेल और हवाई यातायात पर पड़ रहा है। सोमवार रात 10 बजे तक 800 से अधिक उड़ानों में देरी हुई, जबकि 228 उड़ानें रद्द कर दी गईं, यह सब हालिया एयरपोर्ट अपग्रेड के बावजूद हुआ।
सोमवार को इस सीजन का पहला ‘घना से अत्यंत घना’ कोहरा दर्ज किया गया। राजधानी पहले से ही खराब हवा से जूझ रही थी और लगातार तीसरे दिन वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही। सोमवार शाम 4 बजे 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 427 दर्ज किया गया, जो रविवार के 461 के मुकाबले थोड़ा कम था। रविवार दिसंबर का अब तक का दूसरा सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाला दिन रहा।
इस जहरीले माहौल के चलते दिल्ली सरकार ने कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए स्कूलों को हाइब्रिड मोड से ऑनलाइन मोड में स्थानांतरित कर दिया। हालांकि, लगभग ढाई करोड़ की आबादी वाले शहर के निवासियों को कोई खास राहत नहीं मिली, जो प्रशासनिक उदासीनता, कमजोर व्यवस्थाओं और लंबी सर्दी के बीच फंसे हुए हैं।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, सुबह के समय मध्यम कोहरा और कुछ इलाकों में घना कोहरा रह सकता है। हालांकि, दिन में 15–25 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सतही हवाएं चलने का अनुमान है, जिससे प्रदूषकों के फैलाव में कुछ मदद मिल सकती है।
पिछले वीकेंड की तरह ही कमजोर हवाओं, गिरते तापमान और “इनवर्जन लेयर” के कारण प्रदूषक वातावरण में फंसे रहे। कमजोर धूप भी इन्हें फैलाने में नाकाम रही। लोगों ने सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन की शिकायतें जारी रखीं, जो अब दिल्लीवासियों के लिए आम होती जा रही हैं। यह हालात हर साल आने वाले स्वास्थ्य संकट और उससे निपटने में नाकाम होती व्यवस्थाओं की याद दिलाते हैं। इस साल यह लगातार छठा दिन था, जब हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में रही। इससे पहले 11 से 13 नवंबर के बीच भी तीन ऐसे दिन दर्ज किए गए थे। IMD के अनुसार, जब विजिबिलिटी 500 से 1,000 मीटर के बीच होती है तो कोहरा ‘उथला’, 200 से 500 मीटर के बीच ‘मध्यम’, 50 से 200 मीटर के बीच ‘घना’ और 50 मीटर से कम होने पर ‘अत्यंत घना’ माना जाता है।
सफदरजंग में 10 घंटे से अधिक समय तक घना कोहरा बना रहा, जबकि पालम में यह करीब पांच घंटे तक दर्ज किया गया। IMD के अनुसार, रविवार रात से ही विजिबिलिटी तेजी से गिरने लगी थी। सफदरजंग में रात 11.30 बजे विजिबिलिटी 150 मीटर रह गई थी, जो सोमवार तड़के 12.30 बजे शून्य तक पहुंच गई और सुबह 2 बजे तक बनी रही। पालम में तड़के करीब 4 बजे न्यूनतम दृश्यता 50 मीटर दर्ज की गई। कम हवा की गति ने कोहरे के बनने में अहम भूमिका निभाई।
कम विजिबिलिटी के कारण इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर परिचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ। तड़के 4 बजे से सुबह 9 बजे तक लगभग पांच घंटे तक उड़ानों का प्रस्थान लगभग ठप रहा। सुबह की इस अव्यवस्था का असर पूरे दिन देखने को मिला। कुल मिलाकर, 800 उड़ानों में देरी हुई, 228 रद्द की गईं और पांच उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ा। सीनियर प्रीम कोर्ट वकील संजय हेगड़े भी इससे प्रभावित हुए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि सुबह 7.45 बजे की उड़ान के लिए वे 5 बजे पहुंचे, लेकिन उन्हें बताया गया कि उनसे पहले 40 विमान कतार में हैं और कई विमान चार घंटे से अधिक समय से रनवे पर खड़े हैं।
हवाई अड्डे पर कम विजिबिलिटी की प्रक्रिया रात 2.30 बजे शुरू की गई थी। सुबह 4 बजे के बाद विजिबिलिटी करीब 100 मीटर रह जाने से उड़ानों में व्यवधान बढ़ गया। हवाई अड्डा प्रशासन ने बताया कि CAT-III प्रणाली के तहत संचालन जारी है, लेकिन देरी बनी रह सकती है। दोपहर बाद कोहरा छंटने के बावजूद, पहले से जमा भीड़ के कारण देरी जारी रही। प्रभावित यात्रियों में अर्जेंटीना के फुटबॉल दिग्गज लियोनेल मेसी भी शामिल थे। उन्हें सुबह मुंबई से दिल्ली पहुंचना था, लेकिन कोहरे के कारण उनकी चार्टर्ड फ्लाइट देर से चली और वे दोपहर करीब 2.30 बजे दिल्ली पहुंच सके।
हाल ही में तीसरे रनवे को CAT-III मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया गया था, जिससे लैंडिंग संभव रही, लेकिन टेक-ऑफ के लिए न्यूनतम 125 मीटर रनवे विजिबिलिटी जरूरी होती है। सुबह के समय यह मानक पूरा न होने के कारण विमान पार्किंग बे में खड़े रहे और जाम की स्थिति बन गई।
रेल यातायात भी प्रभावित हुआ। उत्तर रेलवे के अनुसार, 90 से अधिक ट्रेनें 30 मिनट से लेकर पांच घंटे तक देरी से चलीं। इसके अलावा, हरियाणा के नूंह के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कई वाहनों की टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई। ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर 10 वाहनों की टक्कर में एक 24 वर्षीय युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। सुबह 9–9.30 बजे के बाद विजिबिलिटी में सुधार दर्ज किया गया। सफदरजंग में 9.30 बजे दृश्यता 300 मीटर हुई, जो 10.30 बजे तक 700 मीटर तक पहुंच गई। पालम में भी 9 बजे 100 मीटर से बढ़कर दोपहर तक 500 मीटर हो गई।
विशेषज्ञों के अनुसार, वीकेंड में प्रदूषण में आई तेज वृद्धि स्थानीय एनसीआर स्रोतों के कारण थी, न कि पराली जलाने या मौसम संबंधी कारणों से। सोमवार शाम 5 बजे शहर के 39 में से 28 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन ‘गंभीर’ श्रेणी में थे। रोहिणी और वजीरपुर में AQI 500 तक पहुंच गया।
केंद्र सरकार की एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) के अनुसार, 16 से 18 दिसंबर के बीच दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ सकती है और 19 दिसंबर के बाद के छह दिनों में भी स्थिति ऐसी ही रहने की संभावना है। हालांकि, इस सीजन में यह प्रणाली कई बार गलत अनुमान लगा चुकी है।

