
दिल्ली के ट्रैफिक पर लगेगा ‘ब्रेक’! NHAI बना रहा नया प्लान
Delhi NCR Traffic: दिल्ली की ट्रैफिक समस्या से निपटने के लिए UER-II एक्सटेंशन एक बड़ा और जरूरी कदम है. यह प्रोजेक्ट न सिर्फ ट्रैफिक कम करेगा, बल्कि लोगों के लिए सुरक्षित, तेज और स्मार्ट सफर भी सुनिश्चित करेगा.
Delhi Traffic Jam Solutions: दिल्ली-एनसीआर में अक्सर भारी ट्रैफिक और जाम की समस्या होती है. इसी को देखते हुए NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) एक नया प्रोजेक्ट शुरू कर रही है. इस प्रोजेक्ट के तहत UER-II (अर्बन एक्सटेंशन रोड-2) का 17 किलोमीटर लंबा नया हिस्सा बनाया जाएगा. यह रास्ता अलीपुर से शुरू होकर ट्रोनिका सिटी (NH-709B – दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून एक्सप्रेसवे) तक जाएगा.
ट्रैफिक पर कैसे पड़ेगा असर?
इस हाईवे के बनने से दिल्ली की कई बड़ी सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ कम होगा, जैसे- रिंग रोड, NH-44, NH-48, बरापुल्ला एलिवेटेड कॉरिडोर. साथ ही, हरियाणा और राजस्थान से देहरादून जाने वालों के लिए ये एक फास्ट और आसान रास्ता बन जाएगा.
कितना खर्च होगा?
इस प्रोजेक्ट की शुरुआती स्टडी के लिए 2.32 करोड़ रुपये तय किए गए हैं. स्टडी में 5 महीनों में फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार की जाएगी. पूरा हाईवे बनाने में लगभग 3,350 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
प्रोजेक्ट में खास?
NHAI ने इस प्रोजेक्ट को बहुत ही स्मार्ट और सुरक्षित बनाने की योजना बनाई है. इसमें दो मुख्य चरण होंगे:-
पहला चरण
* ट्रैफिक का अध्ययन
* रास्ते के विकल्प तय करना
* ज़मीन की स्थिति (टोपोग्राफी)
* बिजली, पानी और जंगल जैसी चीज़ों की मंजूरी
* सामाजिक और आर्थिक प्रभाव का अध्ययन
दूसरा चरण
* सड़क का डिज़ाइन
* मिट्टी और पानी की टेस्टिंग
* चौराहों का निर्माण
* ड्रेनेज और साइनेज प्लान
* टोल और खर्च का अनुमान
यह हाईवे मजबूत, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा.
आवारा पशुओं की भी सुरक्षा
सड़क पर घूमते आवारा पशु अकसर हादसों की वजह बनते हैं. NHAI ने इस समस्या का समाधान भी सोचा है. हाईवे के आसपास पशु आश्रय (Animal Shelter) बनाए जाएंगे. यहां चारा, पानी और देखभाल की सभी सुविधाएं होंगी. इससे दुर्घटनाएं कम होंगी और पशु भी सुरक्षित रहेंगे.
कुछ चुनौतियां भी सामने
प्रोजेक्ट को लेकर उत्तरी दिल्ली के कुछ गांवों, जैसे मुंडका-बक्करवाला में टोल प्लाजा को लेकर विरोध हो रहा है. स्थानीय लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए NHAI को समाधान निकालना होगा, ताकि प्रोजेक्ट आगे बढ़ सके.
भविष्य में और विस्तार
जब यह 17 किमी का हिस्सा पूरा होगा, तब यह UER-II दिल्ली के उत्तर, पश्चिम, दक्षिण और गुरुग्राम के ट्रैफिक को बायपास करेगा. द्वारका एक्सप्रेसवे से जुड़कर, यह दिल्ली की रिंग रोड का बोझ भी कम करेगा. भविष्य में इसका दूसरा फेज़ भी तैयार होगा, जो 65 किलोमीटर लंबा होगा. यह ट्रोनिका सिटी से गाजियाबाद होते हुए नोएडा तक जाएगा.