
सौम्या कांड का दोषी गोविंदाचामी फरारी के कुछ घंटे बाद गिरफ्तार
2011 के सौम्या रेप केस का दोषी गोविंदाचामी को पकड़ लिया गया है। वो कन्नूर सेंट्रल जेल से फरार हो गया था। उसकी फरारी ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए थेै। ।
Soumya rape case: केरल की सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी चूक सामने आई। 2011 के बहुचर्चित सौम्या बलात्कार और हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा दोषी गोविंदाचामी शुक्रवार तड़के (25 जुलाई) कन्नूर सेंट्रल जेल से फरार हो गया। यह सनसनीखेज मामला उस समय उजागर हुआ जब जेल में नियमित निरीक्षण के दौरान सुरक्षाकर्मियों को हाई-सिक्योरिटी ब्लॉक से गोविंदाचामी गायब मिला। हालांकि अब वो पुलिस की गिरफ्त में है।
रात के अंधेरे में भागा, बाहरी मदद की आशंका
जेल प्रशासन को शक है कि फरार होने में बाहरी मदद मिली हो सकती है, हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि एक हाथ वाला यह कैदी राज्य की सबसे कड़ी सुरक्षा वाली जेल से कैसे फरार हो गया। जेल विभाग ने आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं और रात की शिफ्ट में तैनात सभी कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है।
हाई-सिक्योरिटी ब्लॉक में था बंद
गोविंदाचामी ब्लॉक नंबर 10 में बंद था, जिसे जेल का अत्यधिक सुरक्षित हिस्सा माना जाता है। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि फरारी के पीछे जेल की आंतरिक प्रणाली में गड़बड़ी या निगरानी में चूक हो सकती है। हालांकि, सीसीटीवी कवरेज का कुछ हिस्सा पुराना और अप्रभावी बताया गया है, जिससे फरारी का तरीका स्पष्ट नहीं हो सका है।
कौन है गोविंदाचामी?
गोविंदाचामी, जो कि केवल एक हाथ वाला व्यक्ति है, 2011 में 23 वर्षीय सौम्या के साथ ट्रेन में बलात्कार और हत्या के जुर्म में दोषी ठहराया गया था। सौम्या एर्नाकुलम से शोरानूर जा रही एक पैसेंजर ट्रेन के महिला डिब्बे में अकेली यात्रा कर रही थी, जब गोविंदाचामी ने उसे निशाना बनाया।
सौम्या कांड का पूरा मामला
1 फरवरी 2011: सौम्या, जो एक सेल्सवुमन थी, एर्नाकुलम-शोरानूर पैसेंजर ट्रेन में सफर कर रही थी।
अपराधी गोविंदाचामी ने उसे अकेला देख कर डिब्बे में घुसकर सिर दीवार पर मारा, चलती ट्रेन से बाहर फेंका।
फिर ट्रेन से उतरकर 200 मीटर दूर एक सुनसान इलाके में बलात्कार किया और उसे मरने के लिए छोड़ दिया।
6 फरवरी को थ्रिसूर मेडिकल कॉलेज में उसकी मौत हो गई।
3 फरवरी को गोविंदाचामी की गिरफ्तारी हुई और डीएनए, फोरेंसिक, चश्मदीद गवाहों सहित पुख्ता सबूत मिले।
अदालत की कार्रवाई और विवादित फैसला
31 अक्टूबर 2011- थ्रिसूर फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने मौत की सज़ा सुनाई।
17 दिसंबर 2013- केरल हाई कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा।
15 सितंबर 2016- सुप्रीम कोर्ट ने हत्या की धारा 302 को हटाकर केवल बलात्कार (धारा 376), डकैती (394) और गंभीर चोट (325) का दोषी माना।
सज़ा को मृत्युदंड से घटाकर उम्रकैद में बदला गया।इस फैसले ने केरल समाज को गहराई से झकझोर दिया था। जनता में यह भावना थी कि यह न्याय से वंचित करने वाला निर्णय है। केरल सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी।
पुलिस की अपील और राज्यभर में अलर्ट
गोविंदाचामी के फरार होते ही पूरे केरल में अलर्ट जारी कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन, बस टर्मिनल पर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है, क्योंकि अतीत में वह ट्रेन यात्रियों को निशाना बनाता रहा है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को विशेष सतर्कता बरतने का आदेश दिया है। जेल विभाग ने सार्वजनिक सहायता की अपील की है हेल्पलाइन नंबर 94468 99506 जारी किया गया है। उसकी लंगड़ाकर चलने की शैली और बायां नकली हाथ पहचान के अहम संकेत हैं। तस्वीरें सोशल मीडिया और थानों में भेजी गई हैं।