
आज़म ख़ान को हाईकोर्ट से मिली राहत, जेल से बाहर आने का रास्ता साफ़
आज़म ख़ान को चर्चित क्वालिटी बार की ज़मीन पर क़ब्ज़े के मामले में हाईकोर्ट से ज़मानत मिल गई है।इसके बाद आज़म के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ़ हो गया है। आज़म ख़ान क़रीब दो साल से जेल में बंद हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म ख़ान को हाई कोर्ट ने चर्चित क्वालिटी बार मामले में राहत से दी है। हाई कोर्ट ने आज़म ख़ान की ज़मानत अर्ज़ी को मंज़ूर कर लिया है। इसके साथ ही आज़म ख़ान को अब लगभग सभी मामलों में ज़मानत मिल गई है। आज़म के वकीलों के अनुसार अब जल्द आज़म जेल से बाहर आ सकते हैं।
डूंगरपुर मामले में भी मिली थी ज़मानत
दो साल से जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता आज़म ख़ान को कुछ राहत मिल गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने आज फ़ैसला सुनाते हुए चर्चित क्वालिटी बार पर अवैध क़ब्ज़े के मामले में उनकी ज़मानत अर्ज़ी को मंज़ूर कर लिया। जस्टिस समीर जैन ने यह फ़ैसला सुनाया। उन्होंने 21 अगस्त को सुनवाई पूरी होने के बाद फ़ैसला रिज़र्व किया था।आज़म के वकीलों के अनुसार आज़म पर यही इकलौता मामला था जिसमें उनको ज़मानत नहीं मिली थी। आज यह फ़ैसला आने के बाद अब वो जेल से बाहर आ पाएंगे।
आज़म ख़ान को दस दिन के अंदर यह तीसरी राहत मिली है। 10 सितंबर को डूंगरपुर मामले में भी हाई कोर्ट ने उनकी ज़मानत अर्ज़ी को मंज़ूर करते हुए उनको राहत दी थी जबकि दो दिन पहले अवमानना के एक मामले में भी रामपुर कोर्ट ने उनको राहत दी थी।
क्या था पूरा मामला?
रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में क्वालिटी बार के मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत पर 17 नवंबर 2019 को यह मामला दर्ज किया गया था।राजस्व निरीक्षक अनंगराज सिंह ने एफआईआर दर्ज करायी थी। उस समय अवैध क़ब्ज़े के इस मामले में आज़म ख़ान का नाम नहीं दर्ज किया गया था। उस समय आज़म की पत्नी तज़ीन फातिमा, बेटे अब्दुल्ला आज़म और सैयद ज़फ़र अली ज़ाफ़री को नामज़द किया गया था। बाद में विवेचना के दौरान आज़म ख़ान का नाम इसमें शामिल किया गया। एमपी/एलएलए कोर्ट ने आज़म की ज़मानत के लिए दी गई अर्ज़ी को मंज़ूर नहीं किया था।इसके ख़िलाफ़ आज़म ख़ान ने हाई कोर्ट में अपील की थी।
आज़म के वकील इमरानउल्लाह ने कोर्ट में यह दलील दी थी कि आज़म सियासी रंजिश का शिकार हुए हैं। उनका नाम इसी के तहत बाद में जोड़ा गया। जबकि ज़मानत का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि आज़म का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है और उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इसमें भूमिका निभाई है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। बृहस्पतिवार को फैसला सुनाते हुए आज़म ख़ान की ज़मानत को मंज़ूर कर लिया गया। आज़म ख़ान 23 महीने से जेल में बंद हैं।उनके बाहर आने से यूपी की राजनीति में सियासी हलचल देखने को मिल सकती है।