सिर्फ पूछताछ से ही गिरफ्तारी की अनुमति नहीं, केजरीवाल प्रकरण पर SC ने क्या कहा
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी केस में जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की. अदालत ने क्या कुछ कहा उसे हम यहां बता रहे हैं.
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दे दी है. दिल्ली शराब घोटाला केस में ईडी ने पीएमएलए के तहत केस दर्ज किया था.मार्च के महीने में पूछताछ के बाद गिरफ्तारी की थी. इस केस में 17 मई को सुनवाई पूरी हो चुकी थी और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि यह मामला हम बड़ी बेंच को भेज रहे हैं लिहाजा तब तक के लिए केजरीवाल को अंतरिम जमानत प्रदान की जाती है. अदालत ने अंतरिम जमानत देते हुए पीएमएलए सेक्शन 19, जीवन का अधिकार और पूछताछ ही सिर्फ गिरफ्तारी के लिए जरूरी नहीं को आधार बनाया. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देत हुए विस्तार से क्या कुछ कहा उसके बारे में हम आपको बताएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत ने बेल के मुद्दे की जांच नहीं की है.बल्कि पीएमएलए के सेक्शन 19 के मापदंडो का परखा है. अदालत ने सेक्शन 19 और सेक्शन 45 को समझाने की कोशिश की है. सेक्शन 19 सब्जेक्टिव या व्यक्तिपरक राय है इसकी न्यायिक समीक्षा की जा सकती है जबकि सेक्शन 45 का इस्तेमाल कोर्ट द्वारा किया जाता है. हम गिरफ्तारी की जरूरत पर विचार कर रहे हैं. यह महसूस हो रहा है कि अरेस्ट की आवश्यकता को सेक्शन 19 में पढ़ा जा सकता है और इसे आनुपातिकता के सिद्धांत पर बड़ी बेंच के पास भेजा जाता है. क्या जरूरत और आवश्यकता गिरफ्तारी के लिए औपचारिक मापदंडो का पूरी करती है. क्या इस सेक्शन 19 पीएमएलए में पढ़ा जा सकता है. हमारा स्पष्ट मत है कि सिर्फ आप पूछताछ के आधार पर ही गिरफ्तारी नहीं कर सकते हैं.
जीवन के अधिकार का भी सवाल
जीवन के अधिकार का भी प्रश्न है. अब इस केस को बड़ी बेंच को सौंप दिया गया है लिहाजा अदालत उन्हें अंतरिम जमानत देती है.केजरीवाल 90 से अधिक दिन तक जेल में रह चुके हैं. इसके साथ ही सीएम पद पर वो बने रहें या इस्तीफा दें इस पर अदालत ने कहा कि वो निर्वाचित नेता हैं लिहाजा पद पर बने रहने या इस्तीफा देने का फैसला उनको ही करना है.