Supriya Sule
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एनसीपी (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले

सुप्रिया सुले ने एनसीपी के दोनों गुटों के एक होने की अटकलों पर साधी चुप्पी

शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) जुलाई 2023 में उस समय टूट गई थी जब उनके भतीजे अजित पवार तत्कालीन शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार में शामिल हो गए थे.


एनसीपी (शरद पवार) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने एनसीपी के दोनों गुटों के एक होने की अटकलों के सवाल पर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है. सुप्रिया सुले से जब इस बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया. उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि वह दूसरी ज़िम्मेदारियों में व्यस्त हैं और पार्टी मामलों पर चर्चा करने का समय नहीं है.

सुप्रिया सुले से सवाल किया गया कि क्या वह पार्टी के 26वें स्थापना दिवस पर अपने चचेरे भाई और विरोधी गुट के नेता अजित पवार को याद कर रही हैं, तो लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, "मेरे छह भाई हैं और मैं उन्हें हर दिन याद करती हूं. " अजित पवार को फोन कर बधाई देने के सवाल पर उन्होंने जवाब दिया, "मैं अपने सभी भाइयों से अलग-अलग मौकों पर बात करती हूं."

जुलाई 2023 में एनसीपी के दो फाड़ होने के बाद , पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न (घड़ी) अजित पवार गुट को दे दिया गया, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को "एनसीपी (शरदचंद्र पवार)" नाम मिला. जब उनसे पूछा गया कि एनसीपी (शरद पवार) के भीतर एक वर्ग भी दोनों गुटों के पुनर्मिलन की भावना रखता है और शरद पवार ने कहा है कि पार्टी से जुड़े फैसले अब सुप्रिया सुले लेंगी, तो उन्होंने कहा, "पिछले 15 दिनों से मुझे न तो पार्टी नेताओं से मिलने का समय मिला है, न ही अपने परिवार से." उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है.

सुले ने कहा, "एनसीपी एक ऐसा संगठन है जिसे शरद पवार ने स्थापित किया था और यह 26 सालों से कार्यरत है. जो हमारे साथ हैं या नहीं हैं, सभी ने पार्टी की मजबूती में योगदान दिया है. यह एक टीमवर्क था. आज मैं आर.आर. पाटिल को याद कर रही हूं, जो अब हमारे बीच नहीं हैं. "

सुप्रिया सुले हाल ही में एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए विदेश दौरे पर गई थीं, जहाँ उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि मंगलवार दोपहर वे दिल्ली रवाना होंगी, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करेंगे, जो विदेश यात्रा पर गए थे.

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