
यूपी में ग्रामीण इलाक़ों को रोशन करेगी ‘सूर्य सखी’, एक लाख महिलाओं को चरणबद्ध तरीके से मिलेगा रोज़गार
उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सूर्य सखियों की नियुक्ति करेगी।2030 तक चरणबद्ध तरीके से एक लाख महिलाओं को रोज़गार दिया जाएगा।
समूह सखी, बैंकिंग सखी के बाद अब उत्तर प्रदेश में ‘सूर्य सखी’ लोगों के बीच काम करेंगी। यूपी सरकार सौर ऊर्जा ( solar energy) को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए 1 लाख से ज़्यादा महिलाओं को रोज़गार देने की तैयारी में है।सूर्य सखियों पर ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर एनर्जी से संबंधित सभी काम करने की ज़िम्मेदारी होगी।अब ’मिशन रोज़गार’ के तहत यूपी सरकार महिलाओं को रोज़गार देने और स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने की तैयारी में है।
उत्तर प्रदेश में बिजली के विकल्प के रूप में सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए अब एक नई योजना तैयार की गई है।इसके तहत यूपी सरकार 1 महिलाओं को रोज़गार देगी।इन महिलाओं को ‘ सूर्य सखी’ कहा जाएगा जो प्रदेश में सौर ऊर्जा( सोलर एनर्जी) से संबंधित सभी काम की जिम्मेदारी संभालेंगी।इसकी शुरुआत एसआरएलएम की ओर से DEWEE(Decentralized Energy for Women’s Economic Empowerment ) की जा रही है।इस अभियान का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 1 लाख महिला नेतृत्व वाले उद्यमों तक डीआरई (Decentralized Renewable Energy) को पहुंचाना है।इसके जरिये जहां सोलर एनर्जी का विस्तार होगा वहीं दूसरी ओर ग्रामीण और शहरी महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगी।
2030 तक चरणबद्ध तरीके से मिलेगा 1 लाख महिलाओं को रोज़गार
यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन ने जानकारी दी कि डिसेंट्रालाइज़्ड रिन्यूएबल एनर्जी (DRE) को बढ़ावा देने के लिए इसे उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण जीवन मिशन से जोड़ा गया है।इसके ज़रिए महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs)को सशक्त बनाने के लिए 1 लाख सूर्य सखियों को इस अभियान से जोड़ा जा रहा है।ये रोज़गार चरण बद्ध तरीके से दिया जाएगा।जिसमें वर्ष 2030 तक एक लाख महिलाओं को लाभ होगा।
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सोलर पैनल इंस्टालेशन, सोलर लाइटिंग, ईवी चार्जिंग समेत सोलर आधारित कई कामों को ज़िम्मेदारी दी जाएगी।इसके लिए उनको तकनीकी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।इसके लिए मानदेय और इंसेंटिव तय करने कर काम चल रहा है।
सूर्य सखियों को काम में दक्ष करने के लिए DEWEE कार्यक्रम के तहत महिलाएं न केवल सोलर एनर्जी का सेट-अप लगाएँगी बल्कि मरम्मत के काम भी कर सकेंगी।इससे उनकी आय में वृद्धि होगी और आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।इसके अलावा महिलाएं छोटे-छोटे उद्यम और स्टार्टअप शुरू कर सकेंगी जिससे उन्हें सशक्त होने का एक नया अवसर मिलेगा।
मिशन रोज़गार में तेज़ी लाने की पहल
यूपी सरकार ने मिशन रोज़गार के तहत हर विभाग में भर्ती शुरू की है।इसके अलावा रोज़गार मेले के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को नौकरी और रोज़गार देने के लिए हर जिले में रोज़गार मेले लगाए गए हैं।अब एक लाख महिलाओं को रोज़गार देकर महिलाओं को सीधे लाभ पहुँचाने की तैयारी में है।प्रधानमंत्री मोदी के ‘लखपति दीदी’ अभियान से प्रदेश भर में स्वयं सहायता समूहों को जोड़ा गया है।अब इस योजना के ज़रिए योही सरकार एम सिर्फ़ महिलाओं को रोज़गार देकर आत्मनिर्भर बनाना चाहती है बल्कि 2027 से पहले मिशन रोज़गार को धार भी देना चाहती है।
समूह सखी, बिजली सखी और बैंकिंग सखी के बाद सूर्य सखी
यूपी में इससे पहले समूह सखी, बिजली सखी और बैंकिंग सखी की नियुक्ति कर महिलाओं को इन क्षेत्रों से जोड़ा गया था।इसके बेहतर परिणाम देखने को मिले।बिजली सखी और बैंकिंग सखी के तौर पर काम कर कई महिलाओं ने न सिर्फ़ रिकॉर्ड कलेक्शन किया बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार में भी इससे बहुत मदद मिली।अब योगी सरकार की योजना सौर ऊर्जा को ख़ास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर तक पहुंचाने की है जिसके लिए सूर्य सखी सहायक हो सकती हैं।
ख़ास तौर पर दूर दराज़ के जिन क्षेत्रों में पारंपरिक बिजली नेटवर्क पहुंचने में परेशानी आ रही है वहां वैकल्पिक ऊर्जा से लोगों को लाभ मिल सकता है।इस अभियान को सफल बनाने के लिए कई यूपी सरकार ने कई संस्थाओं के साथ साझेदारी की है। इसमें ग्लोबल एनर्जी एलायंस फॉर पीपल एंड प्लेनेट,
एचसीबीसी( HSBC),पीसीआई इंडिया,गेट्स फाउंडेशन इंडिया ( Gates Foundation India) और प्रेरणा ओजस जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं शामिल हैं।यह संस्थाएं प्रदेश के 20 जिलों में इस अभियान के तहत काम करेंगी।