
तमिल एक्टर विजय के राजनीतिक में प्रवेश पर कांग्रेस ने तोड़ी चुप्पी, कही ये बात
तमिलगा वेत्री कझगम के संस्थापक विजय ने 27 अक्टूबर को अपनी पहली राजनीतिक रैली को संबोधित किया और अपना एजेंडा बताया था.
Tamil actor Vijay: तमिल फिल्मों के सुपरस्टार थालापति विजय ने हाल ही में राजनीति में एंट्री ले ली है. विजय ने एक बड़ी रैली में अपनी पार्टी ‘तमिलगा वेत्री कझगम’ (टीवीके) पार्टी को लॉन्च किया. 27 अक्टूबर को विल्लुपुरम जिले में आयोजित इस रैली में भारी भीड़ भी जुटी. अब कांग्रेस ने तमिल अभिनेता विजय के राजनीति में प्रवेश पर अपनी पहली प्रतिक्रिया जाहिर की है. कांग्रेस ने कहा कि इससे इंडिया गठबंधन को फायदा मिलेगा.
विजय के भाषण और उनके प्रवेश से राजनीतिक क्षेत्र में कोई बदलाव आने के सवाल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (टीएनसीसी) ने कहा कि इससे कोई बदलाव नहीं आएगा. बल्कि यह इंडिया ब्लॉक के लिए "अत्यधिक लाभकारी" होगा. टीएनसीसी अध्यक्ष के सेल्वापेरुन्थगई ने कहा कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा. उनकी राजनीतिक यात्रा इंडिया ब्लॉक की जीत के लिए बेहद फायदेमंद होगी.
हालांकि, सेल्वापेरुन्थगई ने इस बात का ब्यौरा नहीं दिया कि विजय का राजनीतिक प्रवेश इंडिया गठबंधन के लिए किस प्रकार लाभदायक होगा. जब विजय द्वारा पेश किए गए सत्ता-साझेदारी के विचार और सत्तारूढ़ डीएमके के नेतृत्व वाले गठबंधन पर इसके प्रभाव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों पर असर पड़ सकता है, जो झिझक रहे हैं. लेकिन इंडिया ब्लॉक मजबूत बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2004 से 2014 के बीच केंद्र में सत्ता साझा की है. इस आधार पर हम सत्ता साझेदारी के विचार से सहमत हैं. लेकिन सत्ता साझेदारी पर अंतिम फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व लेगा. विजय ने तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के विकिरावंडी गांव में टीवीके के पहले राज्य सम्मेलन में भारी भीड़ के सामने बोलते हुए घोषणा की थी कि उनकी पार्टी 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव लड़ेगी.
उन्होंने कहा कि वह अलगाववादियों और भ्रष्ट राजनेताओं के खिलाफ लड़ेंगे. उनके वैचारिक दुश्मन अलगाववादी होंगे और उनका राजनीतिक दुश्मन एक राजनीतिक पार्टी (डीएमके) होगी जो द्रविड़ मॉडल की बात करती है और फिर भी वंशवादी राजनीति में लिप्त रहती है.