TN budget 2025-26: वित्तीय घाटा GSDP का 3.04% तक रहने का अनुमान
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TN budget 2025-26: वित्तीय घाटा GSDP का 3.04% तक रहने का अनुमान

तमिलनाडु का बजट 2025-26 राज्य की आर्थिक दिशा और वित्तीय समेकन की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. हालांकि, केंद्रीय करों में अनुपातहीन हिस्सेदारी और हस्तांतरण में कमी जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं.


तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राज्य का बजट प्रस्तुत करते हुए 2030 तक राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा. बजट में विभिन्न राजकोषीय उपायों और राजस्व वृद्धि की योजनाओं का उल्लेख किया गया.

राजस्व में वृद्धि का अनुमान

तमिलनाडु सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपने कर राजस्व में 14.6 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है. इसके तहत राज्य का अनुमानित कर राजस्व ₹2,20,895 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है. जो 2024-25 के संशोधित अनुमान ₹1,92,752 करोड़ से एक महत्वपूर्ण सुधार है. राज्य सरकार का यह सुधार बेहतर टैक्स कलेक्शन और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण हुआ है.

राजस्व प्राप्तियों का अनुमान

राज्य सरकार ने कुल राजस्व प्राप्तियों में 12.8 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है, जो ₹2,49,713 करोड़ तक पहुंच सकता है. इस राशि में से 75.31 प्रतिशत का योगदान कर राजस्व से होगा. गैर-कर राजस्व में भी मामूली वृद्धि का अनुमान है. जो 2024-25 में ₹28,124 करोड़ से बढ़कर ₹28,819 करोड़ तक पहुंच सकता है.

तमिलनाडु का संघर्ष

तमिलनाडु के लिए एक गंभीर चुनौती केन्द्रीय करों में अनुपातहीन हिस्सा बना हुआ है. राज्य का केन्द्रीय करों में हिस्सेदारी केवल 4 प्रतिशत है. जबकि यह राज्य भारत के जीडीपी में 9 प्रतिशत और जनसंख्या में 6 प्रतिशत का योगदान करता है. वित्त मंत्री ने इसे "कठोर अन्याय" बताया और केन्द्रीय सरकार की वित्तीय नीतियों पर निराशा व्यक्त की. इस मुद्दे पर गहरी चिंता जताते हुए थेन्नारसु ने बताया कि 2024-25 में केंद्रीय अनुदान ₹20,538 करोड़ तक घटने का अनुमान है, जो कि पिछले वर्ष ₹23,354 करोड़ था.

राज्य का वित्तीय संकट

केंद्रीय हस्तांतरण में कमी राज्य की वित्तीय स्थिति पर गहरा असर डाल रही है. थेन्नारसु ने बताया कि 2016-17 में केन्द्रीय हस्तांतरण राज्य के जीएसडीपी का 3.41 प्रतिशत था, जो अब घटकर 1.96 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके कारण राज्य को ₹45,182 करोड़ का संचित नुकसान हुआ है, जो राज्य के राजकोषीय घाटे का 44.43 प्रतिशत है. हालांकि, राज्य को उम्मीद है कि 2025-26 में केंद्रीय अनुदान में थोड़ा सुधार होगा, जो ₹23,834 करोड़ तक पहुंच सकता है.

राजस्व और पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी

तमिलनाडु सरकार ने गैर-विकासात्मक व्यय को नियंत्रित करने के उपाय किए हैं. राजस्व व्यय में 9.65 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो 2025-26 में ₹3,73,204 करोड़ तक पहुंच सकता है. इसके साथ ही पूंजीगत व्यय को प्राथमिकता दी गई है. 2025-26 में पूंजीगत व्यय के लिए ₹57,231 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जो पिछले वर्ष से 22.38 प्रतिशत अधिक हैं. कुल मिलाकर पूंजीगत व्यय ₹65,328 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है, जिसमें शुद्ध ऋण भी शामिल है.

राजकोषीय घाटा नियंत्रण में रखने की योजना

तमिलनाडु सरकार का लक्ष्य अपने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करना है. सरकार ने 2025-26 के लिए अपने घाटे को जीएसडीपी का 3.04 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा है. यह वित्तीय समेकन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.

इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने अपने राजस्व घाटे को भी घटाने की योजना बनाई है. 2024-25 के संशोधित अनुमानों में राजस्व घाटा ₹46,467 करोड़ से घटकर 2025-26 में 41,635 करोड़ तक पहुंच सकता है. सरकार का लक्ष्य है कि राजस्व घाटा जीएसडीपी का 1.17 प्रतिशत हो, जो 2015-16 के स्तरों के करीब होगा.

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