
स्टालिन बोले, राज्य के हक से कोई समझौता नहीं, NITI आयोग की बैठक में शामिल होने का किया बचाव
स्टालिन ने यह भी सवाल उठाया कि उनकी पार्टी DMK को आखिर क्यों ED की कार्रवाई को लेकर समझौता करना चाहिए, जबकि यह कार्रवाई उन FIRs पर आधारित है जो AIADMK सरकार के समय TASMAC (सरकारी शराब कंपनी) में हुई कथित गड़बड़ियों से जुड़ी हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली नीति आयोग (NITI Aayog) की बैठक में इसलिए हिस्सा लिया क्योंकि उसमें देश के भविष्य और विकास की योजनाओं पर चर्चा हो रही थी।
उन्होंने विपक्ष के आरोपों को गलत बताया, जिसमें कहा जा रहा था कि स्टालिन ED (प्रवर्तन निदेशालय) की कार्रवाई से बचने के लिए मोदी से मिले। स्टालिन ने साफ किया कि DMK पर जो आरोप लगे हैं, वे पुराने AIADMK सरकार के समय हुए घोटालों से जुड़े हैं और उनकी पार्टी अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रही है — समझौता नहीं कर रही।
स्टालिन ने कहा कि ED की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है, जिससे साफ है कि कानून का पालन नहीं हुआ। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि AIADMK नेता पलानीस्वामी ने अपनी पार्टी को केंद्र सरकार के दबाव में ला दिया है, लेकिन DMK ऐसा कभी नहीं करेगी।
उन्होंने बताया कि NITI आयोग की बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री को कहा कि भारत की 2045 तक बनने वाली 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में तमिलनाडु का योगदान 4.5 ट्रिलियन डॉलर होगा। अभी राज्य का योगदान लगभग 10% है, जो आगे 15% तक जा सकता है।
स्टालिन ने यह भी कहा कि DMK एक देशभक्त पार्टी है, जो राज्य के विकास और देश की सुरक्षा दोनों के लिए काम करती है।
उन्होंने कहा, "राजनीतिक मतभेद अलग बात हैं, लेकिन जब देश की भलाई की बात हो, तो हम सहयोग भी करते हैं।"
आख़िर में उन्होंने साफ किया: राज्य के अधिकार हमारे लिए सबसे पहले हैं, और इस पर कोई समझौता नहीं होगा।