
ED जांच पर तमिलनाडु सरकार पहुंची मद्रास हाई कोर्ट, अधिकारों के उल्लंघन का लगाया आरोप
डीएमके सरकार ने संघीय शक्तियों पर नया विवाद छेड़ दिया है, कहा कि ईडी की जांच राज्य शासन के दायरे में आने वाले मामलों की निगरानी करने के उसके अधिकार को कमजोर करती है.
तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा तमिलनाडु राज्य मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (तस्मैक) के कथित घोटाले की जांच के खिलाफ याचिका दायर की है. राज्य सरकार ने आरोप लगाया कि ईडी ने अपनी अधिकार सीमा का उल्लंघन किया है और राज्य की स्वायत्तता में हस्तक्षेप किया है, जिससे संघीय शक्तियों को लेकर एक नया विवाद पैदा हुआ है.
मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर रोक की मांग
तमिलनाडु सरकार ने इस सप्ताह अदालत में याचिका दायर की, जिसमें तस्मैक के खिलाफ चल रही कथित मनी लॉन्ड्रिंग जांच को रोकने की मांग की गई है. तस्मैक राज्य में शराब बिक्री का एकाधिकार रखता है. राज्य सरकार का कहना है कि ईडी की जांच, जो 6 मार्च से 8 मार्च के बीच तस्मैक के चेन्नई मुख्यालय पर छापे मारने से शुरू हुई, कानूनी आधार पर नहीं है और इसे अवैध करार दिया है.
प्रक्रिया का उल्लंघन और आरोप
सरकार ने अपनी याचिका में यह भी दावा किया है कि ईडी की छापेमारी उचित वारंट के बिना की गई, अधिकारियों को लंबे समय तक रोककर रखा गया और कई दस्तावेज जब्त किए गए, जो कि कानून के खिलाफ था. राज्य सरकार का तर्क है कि इन कार्रवाइयों ने उसकी अधिकारिता को कमजोर किया है, विशेषकर जब बात राज्य के निषेधाज्ञा मामलों और राजस्व की निगरानी की हो. तीन दिन की कार्रवाई के दौरान ईडी की टीम ने तस्मैक के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की, कंपनी के दस्तावेज़ जब्त किए और डिजिटल फोरेंसिक विशेषज्ञों ने उपकरणों से डेटा निकाला. राज्य सरकार ने इन कार्यों को "अतिक्रमण" और "अनावश्यक" करार दिया है.
महिला कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप
तस्मैक अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी और न ही किसी स्पष्ट कारण के लिए छापेमारी की गई. साथ ही, यह भी आरोप लगाया गया कि तस्मैक के कर्मचारियों विशेषकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया और कुछ कर्मचारियों को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया. महिला कर्मचारियों के साथ अधिकारियों द्वारा आक्रामक व्यवहार करने का भी दावा किया गया है. याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि तस्मैक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी कोई ठोस साक्ष्य नहीं हैं और इसे "रेंडम जांच" करार दिया गया है.
राज्य सरकार की मांग
तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट से मांडमस (वह आदेश जो सरकारी अधिकारियों को उनके कर्तव्यों को निभाने के लिए निर्देशित करता है) जारी करने की मांग की है, ताकि ईडी द्वारा किए गए उत्पीड़न को रोका जा सके. इसके अलावा राज्य ने यह भी अनुरोध किया है कि छापेमारी और दस्तावेज़ जब्ती की कार्रवाई को अवैध घोषित किया जाए. क्योंकि यह तस्मैक कर्मचारियों के अधिकारों और गोपनीयता का उल्लंघन करती है. सरकार ने यह भी तर्क दिया है कि ईडी का अत्यधिक हस्तक्षेप प्रशासनिक कार्यों को बाधित कर रहा है और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा राज्य के स्वायत्त क्षेत्र में हस्तक्षेप के लिए एक खराब मिसाल स्थापित कर रहा है. मद्रास हाई कोर्ट से यह उम्मीद की जा रही है कि वह इस याचिका पर गुरुवार 20 मार्च को सुनवाई करेगा.