हिज्ब-उत-तहरीर के 11 ठिकानों पर एनआईए ने तमिलनाडू में की छापेमारी
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हिज्ब-उत-तहरीर के 11 ठिकानों पर एनआईए ने तमिलनाडू में की छापेमारी

एनआईए अधिकारियों ने चेन्नई, तांबरम और कन्याकुमारी जिलों में 11 संदिग्धों के घरों पर छापे मारे और हिज्ब-उत-तहरीर से संबंधित डिजिटल डिवाइस, बेहिसाब नकदी और साहित्य सहित कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की.


Raids Against Hizb-ut-Tahrir :एनआईए ने देश में इस्लामी शासन स्थापित करने की चाहत रखने वाले अखिल-इस्लामी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर द्वारा प्रचारित "चुनाव विरोधी अभियान" की जांच के तहत मंगलवार को तमिलनाडु में कई स्थानों पर छापेमारी की. एनआईए द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने चेन्नई, ताम्बरम और कन्याकुमारी जिलों में 11 संदिग्धों के घरों पर छापे मारे और डिजिटल उपकरण, बेहिसाबी नकदी और हिज्ब-उत-तहरीर से संबंधित साहित्य सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है.

एनआईए ने कहा कि यह छापेमारी विभिन्न सोशल मीडिया हैंडलों के माध्यम से असंतोष पैदा करने और चुनावी मताधिकार के प्रयोग के खिलाफ अभियान चलाने से संबंधित मामले के तहत की गई, जिसे हिज्ब-उत-तहरीर गैर-इस्लामी या 'हराम' मानता है.

लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ने के लिए उकसाता है हिज्ब-उत-तहरीर
एनआईए के अनुसार, हिज्ब-उत-तहरीर एक कट्टरपंथी संगठन है जो अपने अनुयायियों को विभाजनकारी कार्रवाइयों के माध्यम से वैध रूप से स्थापित लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उकसाता है. इसमें कहा गया है कि मामले के प्रमुख साजिशकर्ता हामिद हुसैन ने पांच अन्य आरोपियों के साथ मिलकर हिज्ब-उत-तहरीर की भारत विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देने के लिए गुप्त बैठकें की थीं.

तमिलनाडु में रची थी साजिश
एनआईए ने बयान में कहा है कि "इस मामले में अब तक की एनआईए जांच से पता चला है कि आरोपियों ने कई लोगों के समूहों के साथ मिलकर भारत में खिलाफत या इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए पूरे तमिलनाडु में अभियान चलाया था और लोगों को विभाजित करने तथा देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के उद्देश्य से गतिविधियों में शामिल थे." इस वर्ष जुलाई में चेन्नई सिटी पुलिस से एनआईए द्वारा अपने हाथ में ली गई इस मामले की जांच जारी है और तलाशी के दौरान जब्त सामग्री की जांच की जा रही है.


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