तमिलनाडु ट्रेन हादसा: तकनीकी टीम ने घटनास्थल के निरीक्षण के बाद जताया साजिश का शक
x

तमिलनाडु ट्रेन हादसा: तकनीकी टीम ने घटनास्थल के निरीक्षण के बाद जताया साजिश का शक

11 अक्टूबर को मैसूर-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन पर एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे नौ यात्री घायल हो गए।


Tamilnadu Train Accident: तमिलनाडु के कावराईपेट्टई रेलवे स्टेशन पर हुई रेल दुर्घटना को लेकर गड़बड़ी की आशंका जताई गयी है. रेलवे सूत्रों का कहना है कि सिग्नल एवं दूरसंचार, इंजीनियरिंग और परिचालन विभाग के वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की तीन सदस्यीय तकनीकी टीम ने दुर्घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद इसके पीछे गंभीर साजिश की आशंका जताई है.


क्या है मामला
11 अक्टूबर को, ट्रेन संख्या 12578 मैसूरु-दरभंगा बागमती एक्सप्रेस तमिलनाडु के चेन्नई रेल डिवीजन के कवराईपेट्टई रेलवे स्टेशन पर रात लगभग 8.30 बजे एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस हादसे में नौ यात्री घायल हो गए थे.
इस हादसे की जांच कर रहे रेलवे के निरीक्षण दल से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि "वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने पाया है कि इंटरलॉकिंग सिस्टम के यांत्रिक हिस्से खुले हुए थे. आमतौर पर ये हिस्से इंजन और कोचों के भारी प्रभाव के कारण दुर्घटना के बाद टूट जाते हैं."
उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि इंटरलॉकिंग प्रणाली में हस्तक्षेप करने वाले बदमाशों ने किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से जानकारी प्राप्त की थी और अनुभव के लिए पहले कहीं और ऐसा करने का प्रयास किया था।"

पहले भी इसी घटना स्थल के पास हो चुके थे साजिश के प्रयास
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि पहले भी कवारईपेट्टई रेलवे स्टेशन के पास विभिन्न स्थानों से कुछ मामले सामने आए थे, जहां बदमाशों ने इंटरलॉकिंग सुरक्षा प्रणाली को तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके.
सूत्र ने कहा, "शायद उन्होंने कहीं और ऐसा करके अनुभव प्राप्त किया और अंततः कावराईपेट्टई में अपनी साजिश को सफलतापूर्वक लागू किया. इंटरलॉकिंग प्रणाली को कुछ ही मिनटों में विफल कर दिया गया, क्योंकि पिछली ट्रेन जो उक्त इंटरलॉकिंग बिंदु को पार कर गई थी, वह मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस से चार मिनट पहले थी."

सिग्नलिंग में नहीं थी कोई खराबी
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल की स्थिति की जांच करने के बाद ऐसा प्रतीत हुआ कि सिग्नलिंग प्रणाली में कोई खराबी नहीं थी या सिग्नलिंग विभाग की ओर से कोई त्रुटि नहीं थी. रेलवे के एक अधिकारी ने बताया, "शुरू में ऐसा लगा कि सिग्नल मुख्य लाइन के लिए दिया गया था, लेकिन इंटरलॉकिंग लूप लाइन के लिए की गई थी, जिसके कारण यात्री ट्रेन लूप लाइन में घुस गई और खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। हालांकि, अब घटनास्थल पर मिले साक्ष्य कुछ और ही संकेत दे रहे हैं."

इंटरलॉकिंग से हुई छेड़छाड़
रेलवे सूत्रों के अनुसार "अब ऐसा लग रहा है कि इंटरलॉकिंग प्वाइंट पहले ही पलट गया था, इसलिए इस बात की प्रबल आशंका है कि ट्रेन पहले इंटरलॉकिंग प्वाइंट पर पटरी से उतरी और फिर अपनी तेज गति के कारण मालगाड़ी से जा टकराई. यही कारण हो सकता है कि लोको पायलट ने इंटरलॉकिंग प्वाइंट पर भारी झटका महसूस किया था."
इससे पहले, डेटा लॉगर के यार्ड सिमुलेशन वीडियो का विश्लेषण करने के बाद सुरक्षा विशेषज्ञों के एक वर्ग ने इंटरलॉकिंग बिंदु पर मैसूर-दरभंगा एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की संभावना भी जताई थी. रेलवे के उच्चस्तरीय निरीक्षण के अलावा रेलवे सुरक्षा आयुक्त और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है.


Read More
Next Story