तनखैया सुखबीर सिंह बादल को धोने होंगे जूठे बर्तन करनी होगी शौचालयों की सफाई
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'तनखैया' सुखबीर सिंह बादल को धोने होंगे जूठे बर्तन करनी होगी शौचालयों की सफाई

अकाल तख़्त ने पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल को तनखैया करार देने के मामले में अब लगभग 3 महीने बाद सजा सुनाई है.


Sukhbir Singh Badal : पंजाब के अमृतसर स्थित अकाल तख्त साहिब ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफी देने और बेअदबी मामलों में भूमिका के लिए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को सजा सुनाई है। जत्थेदार रघुबीर सिंह ने इस फैसले की घोषणा करते हुए सुखबीर बादल को गुरुद्वारे में सेवा करने का आदेश दिया।


सजा के प्रावधान
1. सुखबीर सिंह बादल को बाथरूम साफ करना होगा।
2. लंगर घर में संगत के जूठे बर्तन धोने होंगे।
3. एक घंटे तक कीर्तन सुनना और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा।
4. सजा के दौरान सुखबीर बादल को तख्ती गले में पहननी होगी और हाथ में बरछा रखना होगा।

सेवा के स्थान और समय
3 दिसंबर को सुखबीर बादल को गोल्डन टेंपल के लंगर घर और बाथरूम की सफाई करनी होगी।
अगले 2-2 दिनों तक उन्हें श्री केशगढ़ साहिब, श्री दमदमा साहिब, श्री मुक्तसर साहिब, और श्री फतेहगढ़ साहिब में भी इसी प्रकार सेवा करनी होगी।

ये है मामला
यह फैसला 2015 के बेअदबी मामलों और राम रहीम को दी गई माफी के बाद अकाली दल पर लगे आरोपों के संदर्भ में आया है। सुखबीर बादल ने इस मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए सेवा के माध्यम से खुद को प्रायश्चित करने का वचन दिया।

क्या है राजनीतिक संदेश?
अकाल तख्त का यह फैसला न केवल धार्मिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि शिरोमणि अकाली दल के भीतर गुटबाजी और नेतृत्व पर सवालों को भी उजागर करता है। यह सजा अकाली दल की साख और भविष्य की रणनीतियों पर गहरा प्रभाव डाल सकती है।

सुखबीर सिंह बादल ने स्वीकारी गलती

सुखबीर सिंह बादल ने डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम के मामले में श्री अकाल तख़्त से सामने अपनी गलती को स्वीकार किया है. सुखबीर सिंह बादल ने सत्ता में रहते हुए राम रहीम को माफ़ी दी थी, जिसे लेकर सिख समाज ने नाराज़गी जताई थी, खासतौर से श्री अकाल तख़्त साहिब ने.


30 अगस्त को किया गया थ तनखैया घोषित
ज्ञात रहे कि सुखबीर सिंह बदल को 30 अगस्त को तनखैया घोषित किया गया था. तनखैया का मतलब सिख धर्म में सबसे बड़ा अभिशाप माना जाता है. इसका मतलब ये होता है कि तनखैया करार व्यक्ति का धर्म और समाज बहिष्कार कर देता है. जब तक की ऐसा व्यक्ति सजा पूरी न कर ले उसे धर्म और समाज में वापिस नहीं लिया जाता.




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