
भिवानी और चरखी दादरी में इंटरनेट बंद, हरियाणा के दो जिले आखिर क्यों सुलग रहे हैं?
हरियाणा सरकार ने कहा कि यह निलंबन व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर और एसएमएस के जरिए फैलने वाली अफवाहों और गलत सूचनाओं पर रोक लगाने के लिए किया गया है, जिनका इस्तेमाल आंदोलनकारियों को जुटाने में किया जा सकता है।
हरियाणा के दो जिलों भिवानी और चरखी दादरी में हालात बेकाबू दिख रहे हैं। एक उन्नीस साल की शिक्षिका की मौत के बाद व्यापक विरोध प्रदर्शनों ने हरियाणा सरकार की नींद उड़ा रखी है।
हरियाणा सरकार ने भिवानी और चरखी दादरी जिलों में दो दिन के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश के अनुसार, मंगलवार सुबह 11 बजे से शुरू हुआ यह निलंबन गुरुवार सुबह 11 बजे तक जारी रहेगा।
भिवानी जिले के सिंघानी गांव के एक खेत में 13 अगस्त को एक शिक्षिका का शव मिला था, जो प्ले-स्कूल से लापता होने के दो दिन बाद बरामद हुआ। तभी से विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला चल रहा है।
परिवार ने दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया है।
बढ़ते तनाव को देखते हुए भिवानी और चरखी दादरी में मोबाइल इंटरनेट (2G/3G/4G/5G/CDMA/GPRS), बल्क एसएमएस (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और डोंगल सेवाएं—वॉइस कॉल को छोड़कर—पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं। हरियाणा के सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
सरकार ने कहा कि आदेश जारी करते समय जनता की सुविधा का ध्यान रखा गया है। व्यक्तिगत एसएमएस, मोबाइल रिचार्ज, बैंकिंग एसएमएस, वॉइस कॉल, ब्रॉडबैंड और घरेलू/कॉरपोरेट लीज़लाइन इंटरनेट सेवाओं को इससे मुक्त रखा गया है ताकि राज्य के वाणिज्यिक और वित्तीय हितों तथा आम नागरिकों की बुनियादी आवश्यकताओं पर असर न पड़े।
अपने आदेश में सुमिता मिश्रा ने उल्लेख किया: “एडीजीपी/सीआईडी हरियाणा और भिवानी व चरखी दादरी के उपायुक्त ने 19.08.2025 को दिए अनुरोधों में बताया है कि जिले में तनाव, अशांति, आंदोलन, सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान तथा शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका है।” आदेश में यह भी कहा गया: “इंटरनेट सेवाओं के दुरुपयोग से भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहें सोशल मीडिया/मैसेजिंग सेवाओं के जरिए प्रसारित हो रही हैं, जिससे सार्वजनिक उपयोगिताओं में बाधा, संपत्ति का नुकसान और कानून-व्यवस्था भंग होने की पूरी संभावना है।”
सरकार ने जोर देकर कहा कि यह निलंबन व्हाट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर और एसएमएस जैसे प्लेटफॉर्मों के जरिए अफवाहों के प्रसार को रोकने और आंदोलनकारियों की भीड़ जुटाने से बचाने के लिए है, क्योंकि इससे जान-माल का गंभीर नुकसान, आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसक गतिविधियां हो सकती हैं।
विरोध प्रदर्शनों के बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया। सोमवार को भिवानी, हिसार, फतेहाबाद, जींद, रोहतक और हरियाणा के अन्य हिस्सों में विरोध मार्च निकाले गए। इस बीच पुलिस ने प्रमुख सबूतों, जिनमें विसरा की फॉरेंसिक जांच शामिल है, के आधार पर कहा कि युवती ने संभवतः आत्महत्या की होगी। वहीं विपक्षी कांग्रेस लगातार इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही है।
पीड़िता के पिता ने आत्महत्या की थ्योरी को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी आत्महत्या नहीं कर सकती, भले ही प्रशासन ऐसा कह रहा है। मैं इस दलील को स्वीकार नहीं करता।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने आंदोलन का नेतृत्व कर रही समिति पर दबाव डालने की कोशिश की और समिति ने भी उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया।