तेजस्वी यादव पर चुनावी फर्जीवाड़े का साया, वोटिंग अधिकार खतरे में!
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तेजस्वी यादव पर चुनावी फर्जीवाड़े का साया, वोटिंग अधिकार खतरे में!

बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव विवादों में घिर गए हैं। दो वोटर कार्ड के मामले में चुनाव आयोग ने नोटिस भेजा है। फ्रॉड साबित होने पर वोटिंग अधिकार पर असर पड़ सकता है।


बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासत गर्म है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर पहले से ही विपक्ष और सत्ताधारी गठबंधन आमने-सामने हैं, अब RJD नेता तेजस्वी यादव खुद विवादों में घिर गए हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर EPIC नंबरों का ब्यौरा मांगा है, क्योंकि उनके पास दो अलग-अलग वोटर आईडी होने का दावा सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

तेजस्वी ने दावा किया कि उनका नाम 1 अगस्त 2025 की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से गायब है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में EPIC नंबर RAB2916120 दिखाया और कहा कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में इसी से मतदान किया था।चुनाव आयोग की सूची में उनका नाम EPIC नंबर RAB0456228 के साथ दर्ज है। आयोग ने RAB2916120 को रिकॉर्ड में गैरमौजूद बताया और जांच शुरू कर दी।

दो वोटर कार्ड, बड़ा संकट

एक व्यक्ति के पास दो वोटर कार्ड होना कानूनन अपराध है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 17, 18 और 31 के तहत यह गंभीर उल्लंघन माना जाता है।अगर फर्जीवाड़ा साबित हुआ तो तेजस्वी यादव की उम्मीदवारी रद्द हो सकती है और उनका मतदान अधिकार सस्पेंड किया जा सकता है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज़

BJP और NDA नेताओं ने इसे चुनावी घोटाला बताया और तेजस्वी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की।गिरिराज सिंह से लेकर नित्यानंद राय तक कई नेताओं ने तेजस्वी पर वोटर लिस्ट को लेकर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया।तेजस्वी ने बदले में BJP पर चुनाव आयोग को नियंत्रित करने का आरोप लगाया।

तेजस्वी के बचाव की राह क्या है?

अगर तेजस्वी यह साबित कर देते हैं कि दूसरा EPIC नंबर गलती से बना या निष्क्रिय है, और उन्होंने इसका इस्तेमाल नहीं किया, तो वह कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं।लेकिन उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुद दावा किया कि उन्होंने इसी नंबर से वोट डाला, जो अब उनके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है।

कानून क्या कहता है?

एक व्यक्ति का नाम केवल एक विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में होना चाहिए। फर्जी या डुप्लीकेट EPIC नंबर देने पर जुर्माना, जेल या दोनों की सज़ा हो सकती है।तेजस्वी पर चुनावी धोखाधड़ी का आरोप भी लग सकता है, जिससे उनकी चुनाव लड़ने की योग्यता प्रभावित हो सकती है।अब गेंद तेजस्वी यादव के पाले में है। उन्हें चुनाव आयोग को स्पष्ट और संतोषजनक जवाब देना होगा कि दो EPIC नंबर कैसे और क्यों बने। जवाब के आधार पर आयोग आगे की कार्रवाई तय करेगा।

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