दावोस में अडानी से किये करोड़ों के सौदे, अब तेलंगाना के सीएम कर रहे प्रदर्शन
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दावोस में 'अडानी' से किये करोड़ों के सौदे, अब तेलंगाना के सीएम कर रहे प्रदर्शन

रेवंत रेड्डी ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच द्वारा की गई कथित अनियमितताओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी सवाल किया.


Telangana Adani Politics: तेलंगाना में 12,400 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के लिए अडानी समूह के साथ चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के महीनों बाद, राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी गौतम अडानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के विरोध में शामिल हो गए हैं, और इस "मेगा घोटाले" की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग की है. तेलानागना की विपक्षी पार्टी बीआरएस ने रेवंत रेड्डी को घेरते हुए कहा है कि दावोस में करोड़ों के सौदे पर हस्ताक्षर करने के बाद तेलंगाना के सीएम ने अडानी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है, ये प्रदर्शन सबसे बड़ा मजाक है.


स्विट्जरलैंड में हुआ था समझौता
17 जनवरी को स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच 2024 में रेड्डी और अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी की उपस्थिति में अडानी समूह और तेलंगाना सरकार के बीच चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए. अब, सात महीने बाद, रेड्डी गुरुवार (22 अगस्त) को हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कार्यालय के सामने अडानी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं.
विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो साझा करते हुए रेड्डी ने अपने 'X' हैंडल पर पोस्ट किया, “अडानी महा घोटाले की जेपीसी जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में @INCTelangana की टीम के साथ हिस्सा लिया.” कांग्रेस ने अपनी सभी राज्य इकाइयों को भाजपा नीत एनडीए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है तथा अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों की जांच की मांग की है. रेड्डी ने सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच द्वारा की गई कथित अनियमितताओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का हवाला देकर किया विरोध
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि उसे संदेह है कि अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में सेबी की अनिच्छा का कारण ये हो सकता है कि इसके प्रमुख बुच की समूह से जुड़े ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी - इस आरोप को सेबी प्रमुख ने "निराधार" बताया, जबकि अडानी समूह ने कहा कि उसका बुच के साथ कभी कोई वाणिज्यिक संबंध नहीं था.

रेड्डी ने अपने 'X' अकाउंट पर तेलुगु में लिखा, "गुजरात के नरेंद्र मोदी-अमित शाह, अडानी-अंबानी ने देश पर शासन करने के लिए एक दुष्ट चौकड़ी बना ली है. मोदी के शासन में भी, सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने सेबी घोटाले के कारण इस्तीफा नहीं दिया. केंद्र ने घोटाले पर जेपीसी नहीं बैठाई. करोड़ों कार्यकर्ता इस मुद्दे पर श्री राहुल गांधी के संघर्ष का समर्थन करेंगे और हम देश की संपत्तियों की रक्षा करने की जिम्मेदारी लेंगे."
उन्होंने बीआरएस पार्टी पर भी हमला किया. "बीआरएस सेबी घोटाले पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दे रहा है? अगर बीआरएस का भाजपा में विलय हो जाए तो हमें कोई आपत्ति नहीं है...गंदी बात है...सेबी घोटाले पर बीआरएस का क्या रुख है?"

बीआरएस ने इस विरोध प्रदर्शन को सबसे बड़ा मजाक करार दिया
अडानी के खिलाफ रेड्डी के विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए बीआरएस नेता केटी रामा राव ने इसे "साल का सबसे बड़ा मजाक" करार दिया. रामा राव ने अपने 'X' अकाउंट पर लिखा "विडंबना ये है कि अभी-अभी आत्महत्या की गई है!! रेवंत रेड्डी एंड कंपनी का अडानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन इस साल का सबसे बड़ा मज़ाक है. आप उन्हें आमंत्रित करते हैं, गले लगाते हैं, सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करते हैं, प्रोत्साहन देते हैं, उन्हें पैसे कमाने देते हैं और फिर उनके खिलाफ़ विरोध करने/धोखेबाज़ होने का आरोप लगाने की हिम्मत करते हैं!! या तो आप कांग्रेस के लोग विभाजित व्यक्तित्व विकार से पीड़ित हैं या आपको ये सोचकर भ्रम है कि आप इस नाटक से भारत को मूर्ख बना सकते हैं,"


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