
सिगाची विस्फोट में 38 मौतें और 11 लापता, पुरानी मशीनों पर उठे सवाल
तेलंगाना की सिगाची फैक्ट्री में विस्फोट से अब तक 38 की मौत हुई है। लेकिन 11 लोग लापता है। इसके साथ ही कंपनी पर पुराने उपकरणों के उपयोग का आरोप लगा है।
Sigachi Pharma Blast Updates: तेलंगाना के पाशमाईलारम स्थित सिगाची इंडस्ट्रीज़ के संयंत्र में सोमवार को हुए भीषण विस्फोट में मृतकों की संख्या बुधवार को बढ़कर 38 हो गई। हादसे के बाद कंपनी ने मृतकों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये मुआवज़ा देने की घोषणा की, लेकिन इस बीच संयंत्र में पुरानी और असुरक्षित मशीनों के उपयोग को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री सी. दामोदर राजा नरसिम्हा, जो राहत और बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, ने बताया कि 11 लोग अब भी लापता हैं। अधिकतर मलबा हटाया जा चुका है, लेकिन अभी तक उनके अवशेष नहीं मिले हैं।
कंपनी ने 38 मौतों की पुष्टि, पर दो आंकड़ों में विरोधाभास
संगारेड्डी के पुलिस अधीक्षक परीतोष पंकज ने पीटीआई को बताया कि अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, सिगाची इंडस्ट्रीज़ ने शेयर बाजार में दिए गए अपने रजिस्ट्रेशन में 40 लोगों की मौत की बात कही, लेकिन कुछ घंटों बाद कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अमित राज सिन्हा ने सफाई देते हुए कहा कि यह "ओवर-कैलकुलेशन" था और असली आंकड़ा 38 है।
कंपनी का दावा धूल का विस्फोट, मशीनें पुरानी नहीं
सीईओ अमित राज सिन्हा ने घटना का कारण डस्ट एक्सप्लोजन (धूल से हुआ विस्फोट) बताया। उन्होंने पुरानी मशीनों के इस्तेमाल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि “फैक्ट्री भले पुरानी हो, मशीनें नहीं थीं। उत्पादकता के लिए उपकरणों की नियमित मरम्मत और बदलाव होता रहता है।
एफआईआर में गंभीर आरोप
संगारेड्डी पुलिस ने मृतक कर्मचारी के परिजन की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की है। FIR में आरोप लगाया गया है कि कई कर्मचारियों और शिकायतकर्ता के पिता ने बार-बार प्रबंधन से मशीनों को बदलने की मांग की थी, क्योंकि वे बहुत पुरानी और खतरनाक थीं। लेकिन, इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया।
अग्निशमन विभाग और सुरक्षा चूक
तेलंगाना अग्निशमन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया कि कंपनी के पास फायर एनओसी (No Objection Certificate) नहीं था। संयंत्र में फायर अलार्म, हीट सेंसर और आवश्यक सुरक्षा उपाय मौजूद नहीं थे। एक अन्य अधिकारी ने कहा कि संभव है कि संयंत्र की इमारत की ऊंचाई एनओसी के मानकों के अनुरूप नहीं रही हो।
हादसे का संभावित कारण ड्रायर में अत्यधिक दबाव
फैक्ट्रियों के निरीक्षण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि विस्फोट का कारण संयंत्र के ड्रायर में अत्यधिक दबाव का निर्माण था। इसके पीछे तापमान स्तर का अधिक होना और अन्य तकनीकी कारक हो सकते हैं।
जांच में बाधा
जांच अधिकारियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कंपनी के तीन प्रमुख अधिकारी फैक्ट्री मैनेजर, डिप्टी जनरल मैनेजर (उत्पादन) और एक ऑपरेटर की इस हादसे में मौत हो चुकी है, जिससे कई जरूरी जानकारियां सामने नहीं आ पा रही हैं।
राज्य सरकार ने गठित की जांच समिति
तेलंगाना सरकार ने बुधवार को इस दुर्घटना की जांच के लिए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है, जो घटनाक्रम की कड़ी-दर-कड़ी जांच कर हादसे के कारणों की पहचान करेगी। समिति गुरुवार को साइट पर पहुंचकर निरीक्षण करेगी।
राजस्व विभाग के अनुसार अब तक 19 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं, जिनकी पहचान डीएनए टेस्ट और परिजनों द्वारा की गई। शेष शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी है। कई परिवार अब भी अपने प्रियजनों की खोज में इंतज़ार कर रहे हैं और मलबा हटाने की धीमी रफ्तार को लेकर नाराज़गी जता रहे हैं। एक महिला ने मीडिया को बताया, एक शव मिला जिसकी त्वचा और कपड़े पूरी तरह सुरक्षित थे। अगर उसे पहले निकाल लिया जाता तो शायद उसकी जान बच जाती।