जमानत, फिर भी नहीं राहत! फिर जेल में बिताई रात, आखिरकार सलाखों से बाहर आए अल्लू अर्जुन
Allu Arjun: हाई कोर्ट से राहत के बावजूद अभिनेता ने जेल में रात बिताई. क्योंकि जेल अधिकारियों को शुक्रवार रात जमानत आदेश की प्रति नहीं मिली. वह शनिवार सुबह बाहर निकले.
allu arjun released: आखिरकार तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) शनिवार सुबह जेल से बाहर आ गए. उन्हें तेलंगाना हाई कोर्ट शुक्रवार देर शाम जमानत दे दी थी. उन्हें हैदराबाद में अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'पुष्पा 2: द रूल' (Pushpa 2) के प्रीमियर के दौरान भगदड़ में एक महिला की मौत के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. तेलुगु सुपरस्टार को लेने के लिए पिता अल्लू अरविंद और ससुर कंचरला चंद्रशेखर रेड्डी सुबह ही चंचलगुडा सेंट्रल जेल पहुंच गए थे.
तेलुगु सुपरस्टार अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'पुष्पा 2: द रूल' (Pushpa 2) के प्रीमियर के दौरान भगदड़ में एक महिला की मौत के मामले में जेल में रात बिताने के बाद शनिवार (14 दिसंबर) सुबह जमानत पर बाहर आ गए. बता दें कि शुक्रवार को नाटकीय घटनाक्रम में अभिनेता को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद हैदराबाद की एक निचली अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. हालांकि, कुछ देर बाद तेलंगाना हाई कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी. यह सब पांच घंटे से भी कम समय में हुआ.
जेल में क्यों बितानी पड़ी रात
जेल सूत्रों ने बताया कि हाई कोर्ट से राहत मिलने के बावजूद अभिनेता को जेल में ही रात बितानी पड़ी. क्योंकि जेल अधिकारियों को शुक्रवार देर रात तक जमानत की प्रति नहीं मिली थी. अगर जमानत की प्रति प्राप्त भी हो जाती है तो उसकी जांच करनी पड़ती. जिस वजह से शुक्रवार को रिहाई संभव नहीं हो पाई. ऐसे में अभिनेता के वकील अशोक रेड्डी ने शनिवार सुबह मीडिया को बताया कि उनके सुबह 7 से 8 बजे के बीच बाहर निकलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि उन्हें हाई कोर्ट से आदेश की प्रति प्राप्त हुई. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने उसे रिहा नहीं किया. यह अवैध हिरासत है. हम कानूनी कार्रवाई करेंगे. फिलहाल, उन्हें रिहा कर दिया गया है.
राजनीतिक घमासान
इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी से राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है. इसमें भाजपा और बीआरएस ने तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए स्टार के साथ किए गए व्यवहार पर सवाल उठाए हैं. जबकि टीपीसीसी अध्यक्ष महेश कुमार गौड़ ने पलटवार करते हुए कहा कि कानून सभी के लिए समान है और वह अपना काम करेगा. इस बीच नई दिल्ली में एक मीडिया हाऊस के कार्यक्रम में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि कानून सबके लिए समान है. कोई भी उस महिला के बारे में बात नहीं कर रहा है, जो मर गई या उसके बेटे के बारे में जो कोमा में है. जब वह कोमा से उठेगा तो उसकी मां नहीं होगी.
नाटकीय गिरफ्तारी
इससे पहले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता के आवास पर पुलिस के पहुंचने पर कुछ नाटकीय घटनाक्रम हुआ था. क्योंकि वीडियो में उन्हें एक पुलिसकर्मी से बहस करते और उनके बेडरूम में आने पर आपत्ति जताते हुए दिखाया गया था. उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि यह अच्छी बात नहीं है. इसके बाद अभिनेता को पुलिस वाहन में चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन ले जाया गया. इस अचानक घटना से उनके प्रशंसक स्तब्ध रह गए तथा अन्य लोग आश्चर्यचकित हो गए. उन्हें नामपल्ली कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें जेल भेज दिया गया.
शो में भगदड़
बता दें कि 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में भगदड़ जैसी स्थिति के दौरान एक 35 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी और उसके आठ वर्षीय बेटे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद शहर की पुलिस ने मृतक महिला के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर चिक्कड़पल्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के तहत अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) ने 11 दिसंबर को तेलंगाना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी.
अंतरिम जमानत
शुक्रवार को स्थानीय अदालत द्वारा अर्जुन (Allu Arjun) को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के तुरंत बाद हाई कोर्ट ने उसे चार सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी और मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी को तय कर दी. गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि अभिनेता बेहतर व्यवहार के हकदार हैं. जबकि बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने स्टार के साथ एक “सामान्य अपराधी” की तरह व्यवहार करने के लिए सरकार की आलोचना की.
आलोचना का जवाब देते हुए गौड़ ने कहा कि चाहे आम आदमी हो या कोई सेलिब्रिटी, कानून सभी पर लागू होता है. कानून सबके लिए बराबर है. अर्जुन को पुलिस को उचित सूचना दिए बिना नहीं आना चाहिए था. इसने एक कीमती जान ले ली है. कानून अपना काम करेगा.
पति ने नहीं ठहराया दोषी
मामले में नया मोड़ तब आया, जब मृतका के पति ने कहा कि उन्हें इस हादसे के लिए अल्लू अर्जुन को दोषी नहीं माना जा सकता. उन्होंने कहा कि वह इस घटना के लिए अपना केस वापस लेने के लिए तैयार हैं. अभिनेता द्वारा दायर लंच मोशन पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की जस्टिस जे श्रीदेवी ने उन्हें जेल अधिकारियों को 50,000 रुपये का मुचलका जमा करने और जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया. अर्जुन की कानूनी टीम ने तर्क दिया कि थिएटर प्रबंधन ने अभिनेताओं के कार्यक्रम के बारे में पुलिस को काफी पहले ही सूचित कर दिया था तथा सुरक्षा और यातायात प्रबंधन की मांग की थी.
अभिनेता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस निरंजन रेड्डी ने तर्क दिया कि सिर्फ इसलिए कि भगदड़ से मौत हुई थी. किसी लोकप्रिय व्यक्ति पर अपराध का आरोप नहीं लगाया जा सकता, जब तक कि जानबूझकर और प्रत्यक्ष लापरवाही या चूक न हुई हो. उन्होंने यह भी तर्क दिया कि इस मामले में अभिनेता पर गैर इरादतन हत्या का मामला लागू नहीं होना चाहिए.
तीन गिरफ्तारियां
औपचारिक गिरफ्तारी के बाद अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) को मेडिकल जांच के लिए सरकारी गांधी अस्पताल ले जाया गया. उनके ससुर चंद्रशेखर रेड्डी पुलिस स्टेशन आए. जबकि अर्जुन के पिता अरविंद अस्पताल में मौजूद थे, जब अभिनेता को मेडिकल जांच के लिए लाया गया. अल्लू अर्जुन ने पिछले सप्ताह मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये देने की घोषणा की थी और शोक संतप्त परिवार को आश्वासन भी दिया था कि वे इस दर्दनाक स्थिति में अकेले नहीं हैं और वह व्यक्तिगत रूप से उनसे मिलेंगे.
इससे पहले पुलिस ने अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) की फिल्म के प्रीमियर शो के दौरान भीड़ के कारण दम घुटने से महिला की मौत के मामले में दर्ज मामले के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस के अनुसार, फिल्म देखने और फिल्म के मुख्य कलाकारों को देखने के लिए थिएटर में भारी भीड़ जमा हुई थी. हालांकि, थिएटर प्रबंधन या कलाकारों की टीम की ओर से इस बात की कोई सूचना नहीं दी गई थी कि वे थिएटर में आएंगे.