
जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में बड़ी सफलता, आतंकवादी समंदर चाचा मारा गया
Samandar Chacha killed: समंदर चाचा की मौत से आतंकी संगठनों के लॉजिस्टिक नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है. उसकी मौत से कई घुसपैठ की संभावित योजनाएं नाकाम हो गई हैं.
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल की है. एक विशेष अभियान में बागू खान उर्फ समंदर चाचा मारा गया. उसे आतंकियों के बीच 'ह्यूमन जीपीएस' के नाम से जाना जाता था. समंदर चाचा पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में एक्टिव था और भारतीय सीमाओं पर घुसपैठ की कई योजनाओं को अंजाम देने में शामिल था. इस एनकाउंटर में समंदर चाचा के अलावा एक अन्य पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया. उसकी मौत से आतंकवादी संगठनों को करारा झटका लगा है और भारतीय सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई कश्मीर में आतंकवाद को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
समंदर चाचा का इतिहास
बागू खान उर्फ समंदर चाचा 1995 से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में रह रहा था. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, वह पिछले तीन दशकों से गुरेज सेक्टर और उसके आसपास के इलाकों में 100 से ज्यादा घुसपैठ की कोशिशों को अंजाम दिलाने में शामिल था, जिनमें से ज्यादातर सफल भी रहे थे. समंदर चाचा की खासियत यह थी कि उसे इलाके के कठिन पहाड़ी रास्तों और गुप्त रास्तों की गहरी जानकारी थी. यही वजह थी कि आतंकी संगठन उसे अपने लिए बेहद महत्वपूर्ण मानते थे.
आतंकी संगठनों की मदद
हालांकि, समंदर चाचा हिजबुल कमांडर था. लेकिन वह केवल एक आतंकी संगठन तक सीमित नहीं था. उसने लगभग हर आतंकी संगठन को घुसपैठ की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में मदद की. यही कारण था कि आतंकी उसे 'ह्यूमन जीपीएस' कहते थे.
28 अगस्त की रात समंदर चाचा नौशेरा नार इलाके में एक और घुसपैठ की कोशिश कर रहा था, तभी सुरक्षा बलों ने उसे घेर लिया. मुठभेड़ में समंदर चाचा और उसके साथ मौजूद एक और आतंकी मारा गया. अगले दिन यानी 29 अगस्त की सुबह तक इलाके में गोलीबारी और तलाशी अभियान जारी रहा.
आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका
सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, समंदर चाचा की मौत से आतंकी संगठनों के लॉजिस्टिक नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है. उसकी मौत से कई घुसपैठ की संभावित योजनाएं नाकाम हो गई हैं. समंदर चाचा सालों तक सुरक्षा बलों की पकड़ से बचता रहा था. लेकिन अब उसकी मौत ने उसे ढेर कर दिया है. यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है, जिससे आतंकवादियों की घुसपैठ की योजनाओं को नष्ट किया जा सकेगा.