सुप्रीम कोर्ट के सुझाये रास्ते के बाद नहीं थम रही दिल्ली और हरियाणा सरकार की रार
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सुप्रीम कोर्ट के सुझाये रास्ते के बाद नहीं थम रही दिल्ली और हरियाणा सरकार की रार

दिल्ली के पानी की समस्या को दूर करने के लिए बेशक सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता सुझाया लेकिन इस बीच दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोप का खेल खत्म नहीं हुआ है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र


दिल्ली के पानी की समस्या को दूर करने के लिए बेशक सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता सुझाते हुए हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है और सोमवार को इस पर फिर से सुनवाई तय की है लेकिन इस बीच दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के बीच आरोप प्रत्यारोप का खेल खत्म नहीं हुआ है. दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने एक बार फिर से हरियाणा सरकार को पत्र लिखते हुए मुनक नहर में कम पानी छोड़े जाने का गंभीर आरोप लगाया है.

दिल्ली सरकार की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने लिखा है कि ये पत्र हरियाणा द्वारा यमुना नदी में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ने के मसले पर लिखा जा रहा है, ताकि आपके संज्ञान में आते ही आपकी ओर से तत्काल हस्तक्षेप कर इसका समाधान निकाला जा सके. आतिशी ने लिखा कि राष्ट्रिय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से पानी की बड़ी समस्या चल रही है. राज मर्रा की जरूरत के लिए भी पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. दिल्ली की जनता यमुना के पानी पर बड़े स्तर पर निर्भर रहती है.

मैंने कई बार आपको इस सन्दर्भ में पत्र लिखे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से किसी का कोई उत्तर नहीं मिला है. आज जो पत्र मै लिख रही हूँ, वो दिल्ली की पानी की समस्या को लेकर है. पिछले कुछ दिनों से, हरियाणा मुनक नहर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं छोड़ रहा है. इसका नतीजा ये हुआ है कि दिल्ली में रहने वाले लोग पानी की समस्या से काफी परेशान हैं'.


दिल्ली को क्यों नहीं दिया जा रहा आवंटित पानी

आतिशी ने अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल सरकार के बीच मई 2018 में अपर यमुना रिवर बोर्ड की 53वीं बैठक में हुए समझौते के मुताबिक दिल्ली को सीएलसी और डीएसबी नहरों के माध्यम से मुनक नाहर के रस्ते दिल्ली को लगभग 1050 क्यूसेक (यानी 568 एमजीडी) आवंटित किया गया था. लेकिन इतना पानी दिया नहीं जा रहा है.

पानी की आपूर्ति में कम क्यों?

आतिशी ने कहा कि ये पानी दिल्ली में बवाना संपर्क बिंदु पर लगे मीटर से नापा जाटा है. इन प्रवाह मीटरों की जांच पिछले सप्ताह ही अपर यमुना नदी बोर्ड के प्रतिनिधियों द्वारा की गई है. जिसके बाद ये पता चला है कि औसतन बवाना संपर्क बिंदु पर सिर्फ 980 से 1030 क्यूसेक के बीच ही पानी मिल रहा है. इस बात के तथ्य इस पत्र के साथ संलग्न है, जिसमें पिछले 5 सालों का ब्यौरा शामिल है. जबकि पिछले एक सप्ताह में इस मात्रा में भारी कमी देखी गई है. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

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