
EXCLUSIVE- यूपी में तो शपथ पत्र देकर भी ठीक नहीं हुई वोटर लिस्ट की गड़बड़ी, समाजवादी पार्टी ने फिर भेजे सबूत
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार (17 अगस्त) को राहुल गांधी को चुनौती दी कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोपों पर या तो शपथ पत्र दें या माफी मांगें। लेकिन यूपी में तो 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग में शपथपत्र देकर शिकायत की थी कि बड़ी संख्या में वोटरों के नाम सूची से काटे गए हैं। लेकिन आयोग ने कोई एक्शन नहीं लिया। जबकि इसके प्रमाण है कि वो पहले वोट डाल रहे थे। अब सपा ने फिर से उन सूचियों को चुनाव आयोग को भेजा है।
उत्तर प्रदेश में वोटर लिस्ट से नाम कटने का मामला गरमा गया है।समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर चुनाव आयोग से इस बात की शिकायत की है कि बड़े पैमाने पर लोगों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं।समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फ़ख़रूल हसन चाँद ने बताया कि चुनाव आयोग को ईमेल के माध्यम से फिर से शिकायत की गई है।इसके साथ ही यूपी के अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों को सूची भी सौंपी गई है।
ये वो सूचियां है जो विधानसभा चुनाव के दौरान सपा ने चुनाव आयोग की दी थीं।सपा का कहना है कि उस समय भी चुनाव आयोग को शपथपत्र देकर शिकायत की गई थी।इधर अखिलेश यादव ने शपथपत्र देकर शिकायत के बदले में मिली रिसीविंग को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
मुस्लिम, पिछड़ी जाति और दलित वोटरों के नाम जाते:सपा
वोटर लिस्ट के मामले पर चुनाव आयोग के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश में भी वोटर लिस्ट से नाम कटने का मामला गरमा गया है।सपा ने विधानसभा चुनाव के फौरन बाद चुनाव आयोग को यह शिकायत की थी कि बड़े पैमाने पर मुस्लिम, पिछड़ी जातियों और दलित मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए गए हैं।
इसके कुछ समय बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सपा को एक नोटिस देकर यह कहा था कि शिकायत हलफनामे( affidavit) के साथ दाखिल लिए जाएँ।उसके बाद समाजवादी पार्टी ने बड़ी संख्या में एफिडेविट के साथ आयोग में फिर से शिकायत की और दस्तावेज़ सौंपे।
रायबरेली, प्रतापगढ़, जौनपुर, गोंडा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियाँ
हाल ही में राहुल गांधी के आरोपों के बाद आज समाजवादी पार्टी में फिर से विधानसभा चुनाव की उस सूची को चुनाव आयोग को भेजा है और यूपी के कई जिलों में वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने की समाजवादी पार्टी ने की है।द फ़ेडरल देश के पास वो सूचियां हैं जो सपा ने चुनाव आयोग को सौंपी हैं।इनके साथ शपथ पत्र भी है।समाजवादी पार्टी ने रायबरेली, कुंडा( प्रतापगढ़),बाबागंज ( प्रतापगढ़), पटियाली(कासगंज),मरियाहूँ ( जौनपुर), बलिया नगर( बलिया),कर्नलगंज( गोंडा), अमरोहा विधानसभा क्षेत्रों के वोटरों के नाम काटने का आरोप लगाते हुए पूरी सूची भेजी हुआ।
सपा के प्रवक्ता फ़ख़रूल हसन चाँद का कहना है कि ‘विधानसभा चुनाव में सपा को शिकायत मिले के बाद सपा ने ख़ुद इस बात की जाँच की थी।तथ्य सही निकले तो चुनाव आयोग में शिकायत शपथ पत्र के साथ की गई थी।फिर शिकायत की गई है।हम लोग अब लोकसभा की मतदाता सूची को भी देख रहे हैं।’
यूपी के मंत्री असीम अरुण ने भी नाम कटने का मुद्दा उठाया
इधर अखिलेश यादव ने नए सिरे से एक्स पर पोस्ट करके यह दोहराया है कि चुनाव आयोग को शिकायत करते हुए शपथपत्र दिया गया था।इसके साथ ही जो शिकायत की गई थी उसकी पावती (रिसीविंग) चुनाव आयोग ने ईमेल का जो जवाब दिया था उसको भी अखिलेश यादव ने पोस्ट किया है।अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को उनके ही सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है और एक बार फिर यह कहा है कि शिकायत एफिडेविट के साथ ही की गई थी।
मैनपुरी सांसद डिम्पल यादव ने मैनपुरी में इस बात को उठाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट से बड़ी संख्या में मुसलमानों और पिछड़ी जाति के लोगों के नाम काटे गए हैं।इधर अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र कन्नौज के विधायक और योगी सरकार में मंत्री असीम अरुण ने भी आज कहा है कि कन्नौज से भाजपा समर्थकों के नाम वोटर लिस्ट से काटे गए।
ज़ाहिर है आने वाले समय में यूपी में भी वोटर लिस्ट का मामला तूल पकड़ सकता है।