यूपी में वोटर लिस्ट पर टकराव बढ़ा, सपा ने वोटरों के एफिडेविट के साथ की शिकायत
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यूपी में वोटर लिस्ट पर टकराव बढ़ा, सपा ने वोटरों के एफिडेविट के साथ की शिकायत

वोटर लिस्ट से नाम कटने के मामले पर समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को अपने ही सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। सपा ने वोटर लिस्ट के साथ वोटरों का एफिडेविट भी दिया था। द फ़ेडरल देश के पास ऐसे दर्जनों एफिडेविट हैं, जिनमें वोटरों ने अपना नाम ग़लत ढंग से काटे जाने की बात कही है।


वोटर लिस्ट के मामले पर मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कांफ्रेंस के बाद यूपी में वोटर लिस्ट से नाम कटने और सपा की शिकायत का मुद्दा एक बार फिर से उछल गया है। अखिलेश यादव ने कहा है कि ये लोग पिछड़ों का वोट काट देते हैं और चुनाव जीत लेते हैं। वहीं द फ़ेडरल देश के पास ऐसी शिकायत के साथ भेजे गए कई हलफनामे (affidavit) हैं, जिन्हें देकर चुनाव आयोग में यूपी विधानसभा चुनाव के बाद शिकायत की गई थी। एक नज़र देखने पर कई विधानसभाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी एक ही पेज पर सामने आ रही है।

सियासी भूचाल

राहुल गांधी के बाद अब अखिलेश यादव भी इस पर हमलावर नज़र आ रहे हैं। समाजवादी पार्टी ने 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव के बाद चुनाव आयोग में शिकायत करके बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने और लोगों के नाम गायब करने का आरोप लगाया था। मौजूदा समय में चुनाव आयोग के ‘एफिडेविट ज़रूरी’ की बात करने के बाद सपा ने फिर से उन सूचियों को चुनाव आयोग के पास भेज दिया है। The Federal Desh के पास वो एक्सक्लूसिव लिस्ट और हलफनामे हैं, जिनको सपा ने चुनाव आयोग के पास भेजकर शिकायत की थी। रायबरेली, प्रतापगढ़, आज़मगढ़, बलिया,कासगंज, गोंडा, महराजगंज जैसे जिलों की सूची में एक ही बूथ कर कई-कई लोगों के नाम गायब हैं।

रायबरेली विधानसभा क्षेत्र (180) की ऐसी ही एक मतदाता पुष्पा देवी की ओर से शपथ पत्र देकर शिकायत की गई है। पुष्पा देवी, पत्नी श्रवण कुमार के एफिडेविट के अनुसार, उनका नाम विधानसभा के भाग संख्या 340 में सीरियल नंबर 825 में दर्ज था। लेकिन नाम ग़लत तरीके से नाम काट दिया गया। एफिडेविट के अनुसार, न तो घर के लोगों से न ही किसी पड़ोसी से कोई वेरिफिकेशन किया गया।ॉ




पुष्पा देवी, रायबरेली

वहीं, अमरोहा विधानसभा( संख्या 41) की शबनम के एफिडेविट के अनुसार शबनम, पत्नी दिलशाद का नाम भाग संख्या 348 के क्रम संख्या 581 पर दर्ज है। शिकायत की गई है कि न तो परिवार के लोगों से गवाही ली गई न ही कोई नोटिस मिली पर शबनम का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया गया।




शबनम, अमरोहा

आज़मगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा(346) के वोटर अशोक,पुत्र राम अवध ने एफिडेविट दिया है कि उनका नाम भाग संख्या 55 के क्रम संख्या 963 पर दर्ज था, जो ग़लत ढंग से काट दिया गया। इसके लिए किसी पड़ोसी या घर के लोगों की गवाही नहीं ली गई। कोई नोटिस नहीं चस्पा किया गया। प्रार्थी अशोक इस पते का स्थाई निवासी है।



अशोक, मुबारकपुर

प्रतापगढ़ की बाबागंज विधानसभा(245) में मतदाता सुषमा देवी, पत्नी रोशन लाल का नाम भाग संख्या 7 में क्रम संख्या 536 में दर्ज है। एफ़िडेविट के अनुसार, न तो फॉर्म 07 भरवाया गया, न ही किसी से गवाही ली गई, न ही कोई पूछताछ की गई और न ही नोटिस लगायी गई और बिना वजह उनका नाम काट दिया गया।



सुषमा देवी, बाबागंज

सूचियों को कंपाइल करके सपा ने भेजा था

ख़ास बात यह है कि ऐसे शपथ पत्र वोटरों की ओर से दिए गए हैं। जबकि समाजवादी पार्टी ने शिकायत में हर बूथ पर कितने नाम काटे गए हैं इसका ब्योरा भी अलग अलग दिया है। द फ़ेडरल देश के पास वो दस्तावेज़ मौजूद हैं, जिनमे समाजवादी पार्टी ने किसी विधानसभा में ग़लत ढंग से काटे गए नामों का आरोप लगाते हुए उसकी संख्या बतायी है।

पिछड़े-अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों का ब्योरा

अगर इन शिकायतों को देखें तो इसमें ज्यादातर वोटर पिछड़े वर्ग, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक हैं। जिन विधानसभा क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नाम कटने की शिकायत की गई है, उनमें पिछड़े-दलित और मुस्लिम वोटों की संख्या बहुत ज़्यादा है। आज़मगढ़ की मुबारकपुर, कासगंज की पटियाली, प्रतापगढ़ की बाबागंज जैसी सीटों पर ये मतदाता हार जीत का फ़ैसला करते हैं। समाजवादी पार्टी के एक पदाधिकारी का कहना है कि शिकायत मिलने पर सपा के कार्यकर्ताओं ने इसकी जाँच भी की थी और उसके बाद ही शपथ पत्र के ज़रिए वोटर की शिकायत चुनाव आयोग में भेजी गई।

अखिलेश यादव ने संसद सोमवार को बोलते हुए यह कहा कि ‘यह जानबूझकर पिछड़ों का वोट काटते हैं। इसमें बिंद, मौर्य, पाल, राठौर समाज सब शामिल हैं और शो यह करते हैं कि पिछड़ा वोट मिल रहा है। पिछड़ों का वोट काट देते हैं लिस्ट से और आप चुनाव जीत लेते हैं।’ अखिलेश यादव ने यह भी माँग की है कि यूपी में जाति के आधार पर कोई चुनाव अधिकारी न लगाया जाए। ज़ाहिर है समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को आसानी से नहीं छोड़ना चाहती। 2027 में यूपी में विधानसभा चुनाव है और ऐसे में सपा वोटर लिस्ट के मामले को लेकर आगे भी हमलावर रहेगी।

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