Tirupati Laddu Row: गहराया तिरुपति लड्डू विवाद, आरोपों के बीच पूर्व CM जगन मोहन रेड्डी ने कही ये बात
तिरुमाला में प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के लिए लड्डू प्रसादम की तैयारी में मिलावटी घी के कथित इस्तेमाल को लेकर विवाद शुक्रवार को और गहरा गया.
Laddu Prasadam Controversy: तिरुमाला में प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के लिए पवित्र लड्डू प्रसादम की तैयारी में मिलावटी घी के कथित इस्तेमाल को लेकर विवाद शुक्रवार को और गहरा गया. मंदिर ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू द्वारा लगाए गए आरोपों का समर्थन किया. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने मौजूदा सीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि नायडू ऐसे व्यक्ति हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
मंदिर के मामलों का प्रबंधन करने वाली संस्था तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने कहा कि घी सप्लायर ने इन-हाउस मिलावट जांच सुविधा की कमी और बाहरी सुविधाओं का उपयोग नहीं करने का फायदा उठाया. लेकिन लैब टेस्ट से पता चला है कि चुने गए नमूनों में पशु चर्बी और लार्ड की मौजूदगी है. इसलिए घी की आपूर्ति रोक दी गई है.
वहीं, आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि नायडू ऐसे व्यक्ति हैं, जो राजनीतिक लाभ के लिए भगवान का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
बता दें कि लड्डू विवाद तब शुरू हुआ, जब नायडू ने बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने लड्डू बनाने में घटिया सामग्री के इस्तेमाल की अनुमति दी, जिसमें पशु वसा और मछली का तेल शामिल है. तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) का नेतृत्व करने वाले नायडू ने कहा कि इन दावों का समर्थन गुजरात की एनडीडीबी कैल्फ लैब की एक प्रयोगशाला रिपोर्ट से होता है, जिसमें कथित तौर पर लड्डू के लिए इस्तेमाल किए गए घी के नमूनों में लार्ड, बीफ टैलो और मछली के तेल की मौजूदगी की पुष्टि की गई है.
वहीं, पूर्व टीटीडी अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी, जो कि वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता हैं, ने आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए उन्हें राजनीति से प्रेरित बताया. पिछली सरकार के तहत काम करने वाले सुब्बा रेड्डी ने नायडू को अपने दावों को साबित करने के लिए देवता के सामने शपथ लेने की चुनौती दी. रेड्डी ने कहा कि यह सुझाव देना भी कि पवित्र भोजन को बनाने में पशु वसा का इस्तेमाल किया गया था, कल्पना से परे है. नायडू के आरोप अपवित्र हैं और राजनीतिक लाभ हासिल करने के उद्देश्य से हैं. नायडू अभूतपूर्व स्तर तक गिर गए हैं, पवित्र परंपराओं को राजनीतिक कीचड़ उछालने में घसीट रहे हैं.
वहीं, इस हंगामे के बाद मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठने लगी है. आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में आरोपों की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का अनुरोध किया. पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन शर्मिला ने देश के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक के संभावित अपवित्रीकरण पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने पत्र में लिखा कि अगर आरोप सही साबित होते हैं तो यह सर्वोच्च स्तर का अपवित्रीकरण होगा और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.