
दिल्ली में इन सात व्यवसायों को अब नहीं लेना होगा दिल्ली पुलिस का लाइसेंस
अब स्विमिंग पूल, ईटिंग हाउस, होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, डिस्कोथेक, वीडियो गेम पार्लर, मनोरंजन पार्क और ऑडिटोरियम के लिए दिल्ली पुलिस से लाइसेंस की जरूरत नहीं.
Delhi Police Power Cut : सरकार के ‘’इज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नस’’ मन्त्र को पूरा करने के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया है। इस क्रम में दिल्ली में कुछ व्यापारिक गतिविधियों के लिए लाइसेंस और अनुमतियां जारी करने की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब दिल्ली पुलिस को सात प्रमुख व्यापारिक गतिविधियों के लिए लाइसेंस जारी करने की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा रहा है। ये गक्तिविधियाँ हैं स्विमिंग पूल, ईटिंग हाउस, होटल, मोटल, गेस्ट हाउस, डिस्कोथेक, वीडियो गेम पार्लर, मनोरंजन पार्क और ऑडिटोरियम, इसका सीधा मतलब है कि इन व्यवसायों के लिए अब पुलिस से लाइसेंस लेने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह कदम 'न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन' के लक्ष्य को प्राप्त करने और 'व्यापार करने में आसानी' को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया दूरदर्शी कदम
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने उपराज्यपाल के इस निर्णय को दूरदर्शी बताया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में व्यापारिक गतिविधियों को आसान बनाने की दिशा में ये एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लिया गया है। अब होटल, रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से संबंधित लाइसेंसिंग प्रक्रिया पुलिस के बजाय नगर निकायों और संबंधित विभागों को सौंपी गई है।
क्यों हो रहा है यह बदलाव?
यह निर्णय कई महत्वपूर्ण कारणों से लिया गया है:
पुलिस का बोझ कम करना: दिल्ली उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय दोनों ने ही यह सिफारिश की थी कि दिल्ली पुलिस को मुख्य रूप से कानून और व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए, और लाइसेंसिंग की जिम्मेदारी उन पर अतिरिक्त बोझ है।
कर्मचारियों की कमी: दिल्ली पुलिस पहले से ही कर्मचारियों की कमी का सामना कर रही है, जिससे उनके मुख्य पुलिसिंग कर्तव्य प्रभावित होते हैं। इस बदलाव से पुलिस अपने मूल कार्यों पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाएगी।
लाइसेंसिंग प्रक्रिया का सरलीकरण: भारत सरकार देशभर में लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर जोर दे रही है। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कई लाइसेंसिंग व्यवस्थाएं चल रही हैं, जिससे कारोबारियों को परेशानी होती है।
अधिकार क्षेत्रों का दोहराव: दिल्ली पुलिस अधिनियम और नगर पालिका कानूनों के तहत कई प्राधिकरणों द्वारा एक ही तरह की गतिविधियों के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं, जिससे भ्रम और कठिनाइयां पैदा होती हैं।
अन्य राज्यों का उदाहरण: गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा जैसे कई प्रगतिशील राज्यों ने पहले ही इन श्रेणियों के लिए पुलिस से लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
आगे क्या होगा?
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पुलिस आयुक्त को इन सात व्यापारिक गतिविधियों से संबंधित मौजूदा नियम को तत्काल प्रभाव से रद्द करने का निर्देश दिया है। इस अधिसूचना को दिल्ली पुलिस और गृह विभाग द्वारा व्यापक प्रचार दिया जाएगा ताकि सभी संबंधित पक्षों को इसकी जानकारी मिल सके।
यह कदम निश्चित रूप से दिल्ली में कारोबारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और शहर में व्यापारिक माहौल को और अधिक अनुकूल बनाएगा।