देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या, नेपाल भागा मुख्य आरोपी
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देहरादून में त्रिपुरा के छात्र की हत्या, नेपाल भागा मुख्य आरोपी

देहरादून में कथित नस्लवादी हमले में त्रिपुरा के छात्र की मौत के बाद आक्रोश है। CM धामी ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया, मुख्य आरोपी फरार है।


Dehradun Murder News: देहरादून में एक कथित नस्लवादी हमले में त्रिपुरा के एक छात्र की मौत के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया है। इस मामले को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने कहा है कि राज्य में ऐसी घटनाएं बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएंगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने इस मामले में फरार मुख्य आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। आरोपी नेपाल का रहने वाला बताया जा रहा है। उसे पकड़ने के लिए एक पुलिस टीम नेपाल भेजी गई है। वहीं, इस मामले में दो नाबालिगों सहित पांच आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

बाजार में हुआ था विवाद

पुलिस के अनुसार, त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के रहने वाले 24 वर्षीय एंजेल चकमा और उनके छोटे भाई माइकल 9 दिसंबर को देहरादून के सेलाकुई बाजार गए थे। वहां उनका विवाद सूरज खवास नाम के युवक और उसके पांच दोस्तों से हो गया। सूरज मूल रूप से मणिपुर का रहने वाला है और फिलहाल देहरादून में रह रहा था।

आरोप है कि विवाद के दौरान एंजेल (Anjel Chakma) पर चाकू और धारदार हथियारों से हमला किया गया। गंभीर रूप से घायल एंजेल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 26 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।

पिता ने लगाए नस्लीय गालियों के आरोप

एंजेल के पिता तरुण चकमा, जो बीएसएफ में जवान हैं, ने बताया कि हमलावरों ने उनके बेटों को नस्लीय गालियां दीं। उन्होंने कहा कि जब एंजेल ने अपने भाई का बचाव किया तो उस पर बेरहमी से हमला किया गया। पिता का कहना है कि हमलावर उनके बेटों को चीनी और मोमो जैसे शब्दों से अपमानित कर रहे थे। उन्होंने इस घटना को बर्बर हत्या बताया और दोषियों को सख्त सजा की मांग की।

एंजेल देहरादून की एक यूनिवर्सिटी में एमबीए के फाइनल ईयर का छात्र था और उसे नौकरी भी मिल चुकी थी। उसका अंतिम संस्कार त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के माछमारा गांव में किया गया।

पुलिस का पक्ष

हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि मामला नस्लीय दुर्व्यवहार से जुड़ा है। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि आरोपियों में एक मणिपुर का भी रहने वाला है और विवाद किसी बात को लेकर हुआ था। पुलिस के अनुसार, पहले इस मामले में मारपीट और धमकी की धाराओं में केस दर्ज किया गया था, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट और एंजेल की मौत के बाद हत्या की धाराएं जोड़ दी गईं। फरार आरोपी यज्ञराज अवस्थी, जो नेपाल के कंचनपुर जिले का रहने वाला है, की तलाश तेज कर दी गई है।

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि उत्तराखंड (Uttarakhand Crime News) में रहने वाला हर व्यक्ति सुरक्षित है और कानून से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि फरार आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाए।

पूर्वोत्तर के नेताओं की प्रतिक्रिया

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भी इस घटना पर दुख जताया और कहा कि उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की है। उन्हें भरोसा दिया गया है कि पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि नस्लीय हिंसा अस्वीकार्य है और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।

यह मामला न सिर्फ कानून-व्यवस्था, बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पीड़ित परिवार को कब और कैसे न्याय मिलता है।

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