
कांग्रेस से गठबंधन की खबरें सिर्फ अटकलें, TVK नेता अरुणराज ने किया स्पष्ट
करूर हादसे के बाद विजय की पहली रैली के लिए TVK ने सेलम में अनुमति मांगी थी, जिसे अब अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अरुणराज ने बताया कि अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, केवल अनौपचारिक रूप से कहा गया है कि कार्यक्रम कुछ बड़े आयोजनों और तारीखों से टकरा रहा है।
करूर में हुए भीषण भगदड़ हादसे में 41 लोगों की मौत को लगभग दो महीने बीत चुके हैं। इस घटना के बाद तमिलगा वेत्त्री कझगम (TVK) अब अपने संगठनात्मक और नीतिगत ढांचे को मजबूत करने में जुटा है, साथ ही जनता से संपर्क भी तेज कर रहा है। TVK के महासचिव केजी अरुणराज ने द फेडरल से बातचीत में आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था, CBI जांच पर पार्टी का रुख, गठबंधन की अटकलों और 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की विचारधारा और जनसमर्थन पर विस्तार से चर्चा की।
भगदड़ के बाद TVK में क्या बदलाव?
अरुणराज ने बताया कि हादसे जैसी घटनाओं से निपटने के लिए पार्टी ने एक प्रशासनिक परिषद (Administrative Council) बनाई है, जो विभिन्न क्षेत्रों से सुझाव लेकर आपात स्थिति में निर्णय लेने का ढांचा तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOP) जल्द ही तैयार हो जाएंगी। साथ ही, पार्टी प्रमुख विजय जल्द ही अपने जनता-सम्पर्क कार्यक्रम फिर शुरू करने के इच्छुक हैं।
CBI जांच पर DMK के आरोप
DMK का आरोप है कि CBI जांच राजनीतिक रूप से प्रेरित है और BJP इसका उपयोग विजय पर दबाव बनाने के लिए कर रही है। अरुणराज ने इन आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि TVK ने कभी CBI जांच की मांग नहीं की, बल्कि एक स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की थी, जिसकी निगरानी एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट जज करें। उन्होंने आरोप लगाया कि DMK ने ही जल्दबाजी में एक सदस्यीय आयोग गठित कर मामले को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की और बाद में हाई कोर्ट ने SIT बनाने का आदेश दिया, जबकि याचिका में यह मांग नहीं थी।
विजय का राजनीतिक अभियान
हादसे से पहले विजय की रैलियां भारी भीड़ खींच रही थीं, लेकिन करूर की घटना ने अभियान को रोक दिया। अरुणराज ने कहा कि लोग पूछते हैं कि क्या वही विजय वापस आएंगे। मैं कहूंगा—इस हादसे ने उन्हें और मजबूत, दृढ़ और संकल्पित बनाया है। उन्होंने कहा कि महाबलीपुरम में हाल ही में हुई जनरल काउंसिल बैठक में विजय का आत्मविश्वास और दृढ़ता स्पष्ट दिखी।
कांग्रेस से गठबंधन की अटकलें
यह खबरें थीं कि बिहार चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद TVK-कांग्रेस गठबंधन की बातचीत रुक गई है। इस पर अरुणराज ने कहा कि ये सिर्फ मीडिया की अटकलें हैं। TVK का रुख स्पष्ट है—विजय ही पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं और किसी भी पार्टी, चाहे कांग्रेस हो या AIADMK के धड़े, से किसी तरह की औपचारिक बातचीत नहीं हुई है।
SIR प्रक्रिया पर सवाल
TVK ने Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया पर गंभीर चिंताएं जताई हैं। अरुणराज ने कहा कि यह प्रक्रिया जल्दबाजी में की गई, राजनीतिक दलों से कोई विस्तृत परामर्श नहीं हुआ, BLOs को पर्याप्त प्रशिक्षण भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता की कमी से भी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिनिधि अधिनियम 1952 की धारा 22 के अनुसार मतदाताओं को नाम हटाने से पहले पर्याप्त अवसर मिलना चाहिए, जो बिहार जैसे मामलों में नहीं दिखा।
क्या TVK BJP और AIADMK पर नरम है?
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि विजय विपक्षी दलों पर नरम रुख अपना रहे हैं। अरुणराज ने इसे खारिज करते हुए कहा कि हमने BJP को अपना वैचारिक प्रतिद्वंद्वी घोषित किया है। हम किसी मुद्दे पर नरमी नहीं दिखा रहे।
पार्टी का जवाब
टीका-टिप्पणी है कि TVK के पास जमीनी संगठन नहीं है और पार्टी विजय पर ही निर्भर है। इस पर अरुणराज ने कहा कि TVK की सबसे बड़ी ताकत उसका जनाधार है और तमिलनाडु में शायद ही कोई पार्टी इतनी बड़ी भीड़ जुटा सके। उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा—“सभी समान हैं, हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है”—उन्हें जनता से जोड़ती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समय आने पर अन्य नेताओं को भी आगे लाया जाएगा।
नीतियों पर कमजोर होने के आरोप
कुछ आलोचक कहते हैं कि TVK की राजनीति सोशल मीडिया पर मजबूत है लेकिन नीतियों में गहराई नहीं है। अरुणराज ने कहा कि पार्टी 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप जनता-केन्द्रित नीति-रोडमैप तैयार कर रही है, जिसे जल्द जारी किया जाएगा।
TVK का अगला कदम
करूर हादसे के बाद विजय की पहली रैली के लिए TVK ने सेलम में अनुमति मांगी थी, जिसे अब अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। अरुणराज ने बताया कि अभी तक कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, केवल अनौपचारिक रूप से कहा गया है कि कार्यक्रम कुछ बड़े आयोजनों और तारीखों से टकरा रहा है। TVK पुलिस से चर्चा कर नई तारीख मांगेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि DMK सरकार TVK के ‘पीपल-कनेक्ट’ कार्यक्रमों को बाधित करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि पहली ही घटना त्रिची में बेहद सफल रही थी।

