यूपी की ये तीन सीटें और दांव पर तीन नेताओं की साख, सपा ने खेला दलित कार्ड
यूपी में वैसे तो 10 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है लेकिन तीन सीटों पर सबकी नजर गड़ गई है।
UP Assembly Bypoll 2024: आम चुनाव 2024 के नतीजों के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के हौसले बुलंद हैं। अलग अलग वजहों से यूपी में कुल 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। यह संख्या आपको कम लग सकती है लेकिन इसके होने वाले असर से सभी राजनीतिक दल पूरी तरह वाकिफ हैं। इन 10 विधानसभा सीटों में से सबकी नजर तीन खास सीटों पर है। मिल्कीपुर, कटेहरी और फूलपुर सीट। मिल्कीपुर सीट समाजवादी पार्टी सीट रही है जहां से अवधेश प्रसाद विधायक हुआ करते थे। लेकिन अब वो फैजाबाद से सांसद हैं।
यह तीनों सीटें इसलिए अहम हैं कि क्योंकि सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ खुद मिल्कीपुर और कटेहरी की कमान संभाले हुए हैं तो सपा की तरफ से अवेधश प्रसाद को मिल्कीपुर की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं फूलपुर सीट से केशव प्रसाद मौर्य की परीक्षा होनी है जहां से इंद्रजीत सरोज सपा को जीत दिलाने की मोर्चा खोल रखा है। अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो अवधेश प्रसाद और इंद्रजीत सरोज का नाता एससी समाज से है जिसे 2027 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अहम माना जा रहा है।
फूलपुर में किसे चुभेंगे कांटे
अगर फूलपुर की बात करें तो अनुसूचिक जाति की संख्या 75 हजार, यादव 67 हजार, पटेल 60 हजार, ब्राह्मण 45 हजार, मुस्लिम 50 हजार, वैश्य 16 हजार, निषाद 22 हजार, क्षत्रिय 15 हजार हैं। यानी कि संख्या बल के हिसाब से यहां समाजवादी पार्टी का पलड़ा भारी है। लेकिन बीएसपी के ताल ठोंकने के बाद तस्वीर बदल सकती है। दरअसल बीएसपी पहले उपचुनाव में शिरकत नहीं करती थी। लेकिन अब मायावती सक्रिय हुईं है और समाजवादी पार्टी सीधे निशाने पर है। इस सीट के नतीजे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के लिए भी है क्योंकि इनका नाता भी इस इलाके से है और फूलपुर लोकसभा से सांसद भी रह चुके हैं। ये अलग बात है कि 2022 में सिराथू विधानसभा से खुद का चुनाव हार गए थे।