
ईद वाले मुद्दे पर जयंत चौधरी का ट्ववीट, क्या हैं इसके मायने ?
ईद के दिन सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ेंगे तो कार्रवाई होगी। पासपोर्ट भी रद्द कराने की दिशा में काम होगा। मेरठ पुलिस के इस फरमान पर जयंत चौधरी का एक ट्वीट चर्चा में है। जाएंगे। इस
Jayant Chaudhary News: कुछ दिन पहले की बात है जब संभल के सीओ अनुज चौधरी के एक बयान पर बवाल मचा। उन्होंने कहा था कि साल में होली एक बार आती है, नमाज तो बार बार पढ़ा जाता है। दरअसल इस दफा होली शुक्रवार के दिन थी। उनके इस बयान पर यूपी की सियासत गरम हो गई। अब एक बार फिर यूपी का माहौल सियासी होने लगा है। दरअसल ईद के दिन नमाज के विषय में मेरठ पुलिस ने फरमान दिया कि जो लोग सड़कों पर नमाज अता करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बात यहीं तक नहीं थी। मेरठ पुलिस की तरफ से कहा कि पासपोर्ट रद्द करने तक की कार्रवाई की जाएगी। इस विषय पर विपक्ष की तरफ से ऐतराज जताया गया। लेकिन एक आवाज मोदी सरकार में मंत्री जयंत चौधरी की आई। जयंत चौधरी ने ट्वीट किया था जयंत अपने ट्वीट Policing towards Orwellian 1984! अब इस ट्वीट पर मामला जब गरमाया तो उन्होंने कहा कि पुलिस को संवेदनशील तरीके से बयान देना चाहिए।
Policing towards Orwellian 1984! पहले तो इसे समझने की जरूरत है। साल 1948-49 में जॉर्ज ओरवेल ने एक ऐसी स्थिति को अपने उपन्यास में जगह दी जहां सत्ता हर तरह की स्वतंत्रता पर बाधा लगा देता है। यानी कि आप जो भी कुछ बोलेंगे, कहेंगे उसका सामंजस्य सत्ता से होना जरूरी है। सरल शब्दों में सत्ता के खिलाफ आपकी भाव भंगिमा नजर नहीं आनी चाहिए। अब जयंत चौधरी के ट्वीट को देखें तो उसमें खंडन की संभावना भी नजर आएगी। उन्होंने कहा कि मेरठ पुलिस ने जिस तरह से अपनी बात कही उसे और संवेदनशील तरीके से कहा जा सकता है। इस विषय पर आरएलडी यूपी यूनिट के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने द फेडरल देश से बातचीत में कहा कि देखिए यूपी में सांप्रदायिक सद्भाव का बने रहना जरूरी। जयंत जी के ट्वीट का बेवजह पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मामला किसी भी धर्म या संप्रदाय से जुड़ा हो हर किसी को कानून के दायरे में ही रहकर पूजा अर्चना या नमाज अता करनी होगी। यानी कि उन्होंने कहा कि इसे किसी और संदर्भ में नहीं देखना चाहिए।
द फेडरल देश की तरफ से दूसरा सवाल था कि क्या जयंत चौधरी के ट्वीट को 2027 यूपी चुनाव के संदर्भ में देखना चाहिए। इस सवाल के जवाब में रामाशीष राय ने कहा कि देखिए विपक्ष का काम क्या है तरह तरह की बात करना। भ्रामक तरीके से सत्ता पक्ष के अपनी राय बनाना। आरएलडी पूरी तरह से एनडीए गठबंधन के साथ है। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि आरएलडी आम चुनाव 2024 से पहले समाजवादी पार्टी के साथ रही। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे लिए प्रदेश की तरक्की, लोगों की जिंदगी में खुशहाली अहम है। हमारा गठबंधन स्वार्थ आधारित नहीं है। विपक्षी धड़ों का काम यही है कि वो वोटर्स के मन में भ्रम फैलाएं। उन्होंने कहा कि विपक्ष को जो कहना है कि वो अपनी बात कहने के लिए आजाद है। लेकिन हम लोग पूरी तरह से एनडीए के साथ हैं।
इन सबके बीच यूपी की सियासत पर नजर रखने वाले कहते हैं कि आरएलडी का पाला बदल का इतिहास रहा है। सियासत संभावनाओं का खेल है। सियासी तौर समीकरण बनते और बिगड़ते रहते हैं। लिहाजा यह कहना मुश्किल है कि सियासी मिजाज ना बदले। वैसे 2027 अभी दूर है लिहाजा इस तरह की बातें होती रहेंगी।