
अपनों-गैरों का दिखा योगी सरकार पर दबाव, आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं
यूपी की सरकारी नौकरियों में अब आरक्षण का सख्ती से पालन कराया जाएगा।नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से इसका आदेश जारी कर दिया गया है।हाल ही में लेखपाल भर्ती में आरक्षण को लेकर सवाल उठे थे।
उत्तर प्रदेश सरकार अब सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमों के पालन पर पहले से ज़्यादा सख़्त होगी।हर हाल में ऊर्ध्वाधर ( vertical) और क्षैतिज (horizontal) आरक्षण का कड़ाई से पालन कराने के लिए विभागों को निर्देश दिया गया है।यूपी सीएम के निर्देश पर नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव ने शासनादेश जारी कर दिया है।विभागों की भर्तियों में आरक्षण का सवाल यूपी सरकार के मंत्रियों और सहयोगी दलों ने उठाया था।
यूपी सरकार अब भर्तियों में आरक्षण पर पहले से ज़्यादा सख़्त होगी।हर हाल में न सिर्फ़ इसका पालन कराया जाएगा बल्कि इसका पालन न करने कर जवाबदेही भी तय की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक ने शासनादेश जारी कर दिया है।इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भर्तियों में हर हाल में निर्धारित ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज 60 प्रतिशत आरक्षण का पालन कराया जाएगा।इससे ओबीसी, एससी/एसटी, ईडब्ल्यूएस, दिव्यांग, महिलाओं और पूर्व सैनिकों के लिए निर्धारित आरक्षण का अक्षरशः पालन किया जाए।
सभी विभागों, आयोगों और एजेंसियों पर लागू होगा नियम-
जारी शासनादेश में न सिर्फ़ आरक्षण का कड़ाई से पालन करने की बात कही गई है बल्कि यह चेतावनी दी गई है कि आरक्षण नियमों की अनदेखी या लापरवाही करने वाले विभागों या अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।यह आदेश सभी सरकारी विभागों, आयोगों और भर्ती एजेंसियों पर लागू होगा।नियमों के तहत अनुसूचित जाति( SC )को 21%, अनुसूचित जनजाति( ST )को 2%, अन्य पिछड़ा वर्ग( OBC) को 27%, आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है।वहीं क्षैतिज आरक्षण के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों( EWS) को 10%, दिव्यांगनों, स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों, भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों, उत्कृष्ट खिलाड़ियों को भी आरक्षण देने का प्रावधान है।
सहयोगी सुभासपा और विपक्ष ने उठाया था लेखपाल भर्ती पर सवाल-
हाल ही में पंचायती राज मंत्री और एनडीए की सहयोगी सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने लेखपालों की भर्ती में आरक्षण का पालन कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा था।उन्होंने लिखा था कि आरक्षण का नियमतः पालन नहीं कराया जा रहा है।कहा जा रहा है कि मामले की जाँच में बात सही पायी गई।वहीं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी आरोप लगाया था कि 7,994 लेखपाल पदों में ओबीसी को केवल 1,441 सीटें दी गईं जबकि 27% आरक्षण के हिसाब से 2,158 सीटें मिलनी चाहिए थीं।इसके बाद UPSSSC ने संशोधन कर OBC के पद बढ़ाकर 2,158 कर दिए। विपक्ष ने इस मुद्दे पर यूपी सरकार पर ‘आरक्षण विरोधी’ होने का आरोप लगाते हुए हमला बोला था।

