30 की मौत के बाद सरकार की टूटी नींद, महाकुंभ में सुरक्षा पर नए सिरे से जोर
x

30 की मौत के बाद सरकार की टूटी नींद, महाकुंभ में सुरक्षा पर नए सिरे से जोर

महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या दिन वाला हादसा ना हो। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कुछ खास इंतजाम को अमल में लाने का फैसला किया है।


Mahakumbh Stampede 2025: भगदड़ कहीं हो खामियाजा गरीब और मध्यम वर्ग को उठाना पड़ता है। मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ के लिए कौन शख्स जिम्मेदार है उसका जवाब आना अभी शेष है। लेकिन 30 लोगों की मौत के बाद यूपी सरकार की नींद टूट चुकी है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 29 जनवरी को कहा था कि वो बेहद व्यथित हैं, आने वाले दिनों में कोई और दुखद हादसा ना हो। इसके लिए व्यवस्था को चाकचौबंद किया जा रहा है। यूपी सरकार ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इन सबके बीच कुछ खास दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।

बुधवार को महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भीड़ प्रबंधन, यातायात प्रवाह, श्रद्धालुओं की भीड़ को रोकने और विभागों के बीच समन्वय को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किए।

क्या किए गए बदलाव

  • पूरे मेला क्षेत्र को No Vehicle Zone घोषित किया गया है।
  • अब वन वे रास्ता होगा। यानी आने और जाने के लिए अलग अलग रास्ता
  • सभी वीवीआईपी पास को रद्द किया गया।
  • चार फरवरी तक चार पहिया गाड़ियों की एंट्री पर रोक
  • प्रयागराज से सटे जिलों से आने वाले वाहनों पर रोक

कुछ और अधिकारी अब रखेंगे नजर

आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने व्यवस्थाओं को और मजबूत करने के लिए कुंभ 2019 के दौरान प्रयागराज के मंडलायुक्त के रूप में कार्य करने वाले आशीष गोयल और एडीए के पूर्व उपाध्यक्ष भानु गोस्वामी को तैनात करने का आदेश दिया। आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को गुरुवार को महाकुंभ मेला व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करने को कहा।

बसंत पंचमी के लिए निर्बाध व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा और सार्वजनिक सुविधा से जुड़े हर पहलू की सावधानीपूर्वक जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज के मौजूदा एडीजी और जिला मजिस्ट्रेट को हर श्रद्धालु की सुरक्षित और सुचारू विदाई सुनिश्चित करनी चाहिए। सरकारी बयान के अनुसार, संचालन की देखरेख के लिए पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को नियुक्त किया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि वे व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने में सहायता के लिए 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे। बयान में कहा गया है कि इसके अलावा, पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को भी बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा।

Read More
Next Story