121 मौतें, ढाई लाख की भीड़ और बंदोबस्त में 100 पुलिस वाले; नतीजे में फलों की टोकरी
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121 मौतें, ढाई लाख की भीड़ और बंदोबस्त में 100 पुलिस वाले; नतीजे में फलों की टोकरी

हाथरस भगदड़ हादसे के बाद प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि सत्संग में शामिल होने के लिए 80 हजार लोगों को अनुमति मिली थी. लेकिन लगभग ढाई लाख लोग आयोजन में पहुंच गए थे.


Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में चल रहे सत्संग में भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई. वहीं, कई लोग घायल हैं. वहीं, सत्संग का उपदेशक भोले बाबा उर्फ सूरज पाल सिंह हादसे के बाद से फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है. हालांकि, इस दौरान प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि सत्संग में शामिल होने के लिए 80 हजार लोगों को ही अनुमति मिली थी. लेकिन लगभग ढाई लाख लोग आयोजन में पहुंच गए थे.

भारी गर्मी के बावजूद भोले बाबा उर्फ सूरज पाल सिंह का सत्संग सुनने के लिए लाखों लोग आए थे. उस दौरान किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि यह उनका आखिरी सत्संग होगा. सत्संग के बाद मचे भगदड़ ने 121 लोगों की जीवन लीला लील ली. वहीं, कई घायल लोग अस्पताल में जीवन के संघर्ष कर रहे हैं. हादसे के बाद से भोले बाबा उर्फ सूरज पाल सिंह फरार है और अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

हालांकि, हाथरस में मची भगदड़ के बाद से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के अनुसार, इस सत्संग में शामिल होने के लिए लगभग 80 हजार लोगों को अनुमति दी गई थी.लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सत्संग में लगभग ढाई लाख से अधिक लोग पहुंच गए थे. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि 80 हजार लोगों की अनुमति के बावजूद ढाई लाख लोग सत्संग में कैसे पहुंच गए?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लगभग ढाई लाख लोग अगर सत्संग में पहुंच भी गए तो पुलिस प्रशासन ने बिना सुरक्षा के इंतजामों के कार्यक्रम को शुरू करने की अनुमति कैसे दी? अगर 80 हजार लोगों को अनुमति दी गई थी तो भी सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों की संख्या नाकाफी थी. यहां महज 100 कर्मियों को ही तैनात किया गया था.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयोजनकर्ताओं की तरफ से भी 80 हजार लोगों के लिए भी कोई सुविधाएं नहीं थी. लोगों के आने और जाने के लिए कोई गेट ही नहीं बने थे. लोग कहीं से भी आ जा रहे थे. अगर पहले से ही इन चीजों का इंतजाम किया गया होता तो इस हादसे को होने से रोका जा सकता था या फिर काफी कम लोगों की जान जाती.

घायलों का हाल जानने अस्पताल पहुंचे सीएम योगी

हादसे के बाद यूपी के सीएम योगी बुधवार को जिला अस्पताल पहुंचे और घायल हुए लोगों से मुलाकात की. यहां सीएम ने हर बेड पर जाकर घायलों से बातचीत कर उनका हालचाल जाना. सीएम ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सीएम के आने से पहले हर घायल के बेड के पास फलों की टोकरी रखी हुई थी. ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि घायलों के जान की कीमत क्या एक फल की टोकरी है.

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