
यूपी में विधायक अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण के मामले में 2 साल की सजा
इस सजा के चलते विधायक अब्बास अंसारी पर उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्यता की तलवार लटक रही है। यानी उनकी विधायकी जा भी सकती है।
यूपी में मऊ सदर से विधायक और SBSP (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के टिकट पर चुने गए अब्बास अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान एक सार्वजनिक सभा में दिए गए विवादित बयान के मामले में शनिवार को अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई।
इस बयान में उन्होंने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को धमकाया था। अब इस सजा के चलते अब्बास अंसारी की उत्तर प्रदेश विधानसभा से अयोग्यता की संभावना बन गई है।अब्बास अंसारी, माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, जिनकी पिछले साल बांदा जेल में सजा काटते समय मृत्यु हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स में मऊ के अभियोजन अधिकारी हरेंद्र सिंह के हवाले से बताया गया है कि इसी मामले में अदालत ने मऊ के ही निवासी और सभा के आयोजक मंसूर अहमद अंसारी को भी सजा सुनाई है। जहां अब्बास को 2 साल की कैद मिली है, वहीं मंसूर को 6 महीने की सजा सुनाई गई है। दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया है।
अभियोजन अधिकारी ने यह भी बताया कि अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी इस मामले में सह-आरोपी हैं, लेकिन उनकी फाइल को अलग कर दिया गया है और उनके खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही अभी लंबित है। इस मामले में अदालत ने अभियोजन पक्ष के छह गवाहों के बयान दर्ज किए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बचाव पक्ष के वकील दारोगा सिंह ने बताया कि दोषसिद्धि के बाद जमानत याचिका दाखिल की गई थी, जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए अब्बास और मंसूर दोनों को जमानत दे दी है। उन्होंने कहा कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील दाखिल करेंगे। शनिवार को दोनों, अब्बास और मंसूर, जिन्हें जमानत मिल चुकी है, अदालत में पेश हुए।
इन दोनों को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 171-F (चुनाव में अनुचित प्रभाव या भेषधारण), 189 (लोक सेवक को चोट पहुँचाने की धमकी), 153-A (धर्म, जाति, निवास आदि के आधार पर समूहों में वैमनस्य फैलाना), 505 (लोक शांति भंग करने वाले बयान) और 120-B (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत दोषी ठहराया गया है।
मामला एक पुलिस कर्मी की शिकायत पर दर्ज हुआ था, जिसमें कहा गया कि 3 मार्च 2022 को वह कांस्टेबलों के साथ पहाड़पुर इलाके में गया था, जहां अब्बास अंसारी और उनके भाई उमर अंसारी ने लगभग 150 लोगों की भीड़ जुटा रखी थी। शिकायत में कहा गया है कि मंच से भाषण देते हुए अब्बास ने प्रशासनिक अधिकारियों को "चुनाव के बाद सबक सिखाने" की धमकी दी, जो आचार संहिता का उल्लंघन है।
गौरतलब है कि 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब्बास अंसारी को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। उन्हें इस साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था।