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सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के विधायक अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई गई है।

मुख्तार अंसारी के बेटे की विधायकी गई, हेट स्पीच में सजा के बाद कार्रवाई

उत्तर प्रदेश में हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद SBSP के विधायक अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। मऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित किया गया है।


गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे और उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक रहे अब्बास अंसारी की विधायकी खत्म कर दी गई है। नफरत फैलाने वाले भाषण (हेट स्पीच) के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद यूपी विधानसभा से अब्बास को अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

सरकारी सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। अब्बास अंसारी मऊ विधानसभा सीट से विधायक थे, जिसे अब रिक्त घोषित कर दिया गया है।

विशेष एमपी/एमएलए अदालत ने शनिवार को 2022 के हेट स्पीच मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान 3 मार्च 2022 को अब्बास अंसारी ने मऊ सदर सीट से एसबीएसपी प्रत्याशी के रूप में पाहरपुर मैदान में एक जनसभा के दौरान मऊ प्रशासन को चुनाव के बाद "सबक सिखाने" और "हिसाब चुकता करने" की धमकी दी थी।

अब्बास अंसारी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 189 (लोक सेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी), 153-A (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाना), 171-F (चुनाव में अनुचित प्रभाव) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

अब्बास अंसारी के वकील दारोगा सिंह ने बताया कि विशेष न्यायाधीश के पी सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया और सजा सुनाई,

धारा 189 और 153-A के तहत दो-दो साल, धारा 506 के तहत एक साल, धारा 171-F के तहत छह महीने की सजा। सभी सजाएँ साथ-साथ चलेंगी। साथ ही उन पर ₹2,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो साल या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वतः समाप्त हो जाती है।

अब्बास अंसारी पहली बार 2022 में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के टिकट पर समाजवादी पार्टी गठबंधन के तहत मऊ सदर सीट से विधायक बने थे। वर्तमान में एसबीएसपी भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत गठबंधन सरकार की सहयोगी है और इसके अध्यक्ष राज्य सरकार में मंत्री हैं।

इससे पहले मऊ सदर सीट से अब्बास अंसारी के पिता मुख्तार अंसारी लंबे समय तक विधायक रहे थे। मार्च 2024 में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी।

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