Nazul Property Bill: उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में नजूल संपत्ति ( लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक भारी हंगामे के बाद पारित कराने में सफलता हासिल कर ली है. हालाँकि इस विधयेक में बदलाव किये जाने के लिए सिर्फ विपक्षी ही नहीं बल्कि भाजपा और उसके सहयोगी दल के विधायक भी अपने अपने सुझाव दे चुके हैं. दूसरी ओर इस विधेयक के विरोध में सपा विधायक वेल में धरने पर बैठ गए. इस विधयेक का विरोध करने वालों में एनडीए की सदस्य अपना दल की राष्ट्रिय अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल भी शामिल हैं, जिन्होंने इस विधयेक के लिए अधिकारीयों पर गंभीर आरोप लगाये हैं.
विधयेक पर चर्चा के दौरान भाजपा विधायकों ने भी दर्ज कराया विरोध
नजूल संपत्ति विधेयक जब विधानसभा में पेश हुआ तो उस पर चर्चा के दौरान भाजपा के अपने विधायकों ने ही इसमें कमी बताते हुए विनम्रता से विरोध जताते हुए बदलाव के सुझाव भी दिए. चर्चा के दौरान भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने सुझाव दिया कि जिन लोगों की लीज लंबे समय से चली आ रही है, उनकी लीज रिन्यू किए जाने का प्रावधान विधेयक में होना चाहिए.
मोदी जी मकान दे रहे हैं और आप गिराने का कानून ला रहे हैं
वहीँ प्रयागराज से भाजपा के ही विधायक हर्षवर्धन वाजपेई ने नजूल भूमि विधेयक को लेकर सरकार को घेरते हुए कहा कि पीएम मोदी लोगों को आवास दे रहें हैं और आप इसके उल्टा घर गिराने के लिए कानून ला रहे हैं. उनके इस विरोध पर भाजपा के अन्य विधयाकों ने उन्हें टोका, जिसके बाद सदन में विपक्ष ने हंगामा कर दिया.
जनसत्ता दल के नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इस विधयेक पर चर्चा के दौरान तीखी टिपण्णी करते हुए कहा कि न जाने किन अधिकारियों ने इसकी फीडिंग की है, ये समझ से परे है. अगर, अंग्रेज फ्री होल्ड कर सकते हैं तो ये जनहितकारी सरकार क्यों नहीं कर सकती? उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट भी नजूल की भूमि पर बना है, क्या खाली करा लेंगे? वहीँ कांग्रेस विधायक आराधना मिश्रा मोना ने भी ये सवाल उठाया कि जो लोग अपनी नजूल जमीन को फ्री होल्ड करा चुके हैं या जो लोग फ्री होल्ड के लिए पैसा जमा कर चुके हैं उनके लिए विधेयक में सरकार ने स्पष्ट नहीं किया है.
इस दौरान संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन के सदस्यों के सदस्यों के सामने कहा कि जिन लोगों ने नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए रकम जमा करा दी है, उन्हें भी 30 वर्ष के लिए नवीनीकरण का अवसर दिया जाएगा. उन्होंने सदन के सदस्यों को इसके लिए नियमों के तहत प्रबंध किए जाने का भरोसा दिलाया.
फ्री होल्ड नहीं हो पायगी नजूल की संपत्ति
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में कहा कि सार्वजनिक उपयोग और विकास को गति देने के लिए ये कानून बनाया गया है. ब्रिटिश काल में जो लोग अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाते थे, उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाती थी. उसी सम्पति को नजूल सम्पति का नाम दिया गया है. नए कानून के बाद अब नजूल की संपत्ति फ्री होल्ड नहीं होगी
केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने किया विरोध
अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने नजूल भुनी विधयेक का विरोध करते हुए अपने 'X' हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा ''नजूल भूमि संबंधी विधेयक को विमर्श के लिए विधान परिषद की प्रवर समिति को आज भेज दिया गया है. व्यापक विमर्श के बिना लाये गये नजूल भूमि संबंधी विधेयक के बारे में मेरा स्पष्ट मानना है कि ये विधेयक न सिर्फ़ ग़ैरज़रूरी है, बल्कि आम जन मानस की भावनाओं के विपरीत भी है. उत्तर प्रदेश सरकार को इस विधेयक को तत्काल वापस लेना चाहिए और इस मामले में जिन अधिकारियों ने गुमराह किया है, उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए.''