
उत्तराखंड में बादल फटने से फिर आई तबाही : 15 लोगों की मौत, 16 लापता
उत्तराखण्ड में आई आपदा में सबसे ज्यादा तबाही देहरादून में मची है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि मंगलवार को देहरादून से 13 शव बरामद हुए।
देहरादून और आसपास के जिलों में मंगलवार तड़के बादल फटने से भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति बन गई। इस आपदा में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं। कई सड़कें, पुल और अन्य ढांचागत संरचनाएं बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।
मौतें और प्रभावित इलाके
आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि मंगलवार को देहरादून से 13 शव बरामद हुए, जबकि पिथौरागढ़ और नैनीताल से एक-एक शव मिला।
देहरादून में सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र मोल्देवता, सहस्त्रधारा, मंझयाड़ा और कारलीगाड़ रहे।
आपदा प्रबंधन और पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि देहरादून में मिले 12 शवों की पहचान कर ली गई है, जबकि एक अज्ञात है। इनमें सात लोग मुरादाबाद के, एक-एक संभल, नेपाल और लुधियाना के, और दो देहरादून के निवासी थे।
उन्होंने बताया, “सहस्त्रधारा में रात को बादल फटने से बाढ़ आई। 24 घंटे में (मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक) यहां 264 मिमी बारिश दर्ज की गई।” बादल फटना एक दुर्लभ मौसमीय घटना है जिसमें किसी छोटे क्षेत्र में एक घंटे के भीतर 100 मिमी से ज्यादा बारिश होती है। नैनीताल में मंगलवार सुबह 8:30 बजे तक 105 मिमी बारिश दर्ज की गई।
रेस्क्यू और राहत अभियान
देहरादून में भयावह दृश्य सामने आए। प्रेमनगर में एक ट्रैक्टर, जिस पर करीब 15 लोग सवार थे, टौंस नदी में बह गया। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) ने पांच शव निकाले, जिला पुलिस ने तीन, जबकि दो लोगों को जिंदा बचाया गया। इस दौरान एक बच्चे का शव भी मिला जो पहले डूब गया था। SDRF ने सहसपुर से हर्बर्टपुर धर्मवाला पुल तक नदी के पूरे हिस्से में तलाशी अभियान चलाया।
SDRF कमांडेंट अर्पण यादवंशी ने बताया कि बादल फटने के स्थान के पास से करीब 70 लोगों को बचाया गया। “तीन ग्रामीण मलबे में दबे हुए हैं, जिन्हें निकालने की कोशिश हो रही है। इसके अलावा, प्रेमनगर की एक यूनिवर्सिटी में फंसे 250 छात्रों को भी सुरक्षित निकाला गया है,” उन्होंने कहा।
भारी नुकसान
देहरादून में मंगलवार की बाढ़ से हुए नुकसान का अनुमान 10 करोड़ रुपये से ज्यादा लगाया गया है।
13 पुल क्षतिग्रस्त हुए (नुकसान 1.5 करोड़ रुपये)
12 कृषि क्षेत्र बर्बाद हुए (राजस्व हानि 2.3 करोड़ रुपये)
21 सड़कों को नुकसान (1.2 करोड़ रुपये)
तटबंध क्षति (1.7 करोड़ रुपये)
साथ ही कुछ घर, एक आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन, 13 दुकानें, आठ होटल और तीन रेस्तरां भी क्षतिग्रस्त हुए। सहस्त्रधारा–कारलीगाड़ सड़क पर नौ से ज्यादा जगहों पर भूस्खलन हुआ।
देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रभावित परिवारों को तीन महीने तक प्रति माह 4,000 रुपये की दर से किराये का मुआवजा देने की घोषणा की, ताकि वे सुरक्षित जगह पर रह सकें।
राहत कार्य
जिलाधिकारी ने लोक निर्माण विभाग और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को पर्याप्त जनशक्ति और मशीनरी लगाने का आदेश दिया, ताकि बंद सड़कों और संपर्क मार्गों को जल्द से जल्द खोला जा सके। राहत शिविरों में ठहरे लोगों के लिए सूखा राशन और खाद्य पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं।