GIFT CITY | शराब परमिट से विदेशी निवेश में कोई खास मदद नहीं, लेकिन प्रॉपर्टी में आया उछाल
रियल एस्टेट लेन-देन में अचानक उछाल आया है, क्योंकि अब यहाँ के निवासी शराब खरीद सकते हैं और क्षेत्र के क्लबों या होटलों में इसका सेवन कर सकते हैं
GIFT CITY Project: गुजरात सरकार द्वारा विदेशी कंपनियों को अपना कारोबार प्रदेश में स्थापित करने के लिए वर्षों पुरानी शराब बंदी के नियम में बदलाव करने से कोई बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिला है, क्योंकि विदेशी कंपनियों ने अभी तक उस स्तर पर निवेश नहीं किया है, जिसे लेकर ये कहा जाए कि सरकार का उद्देश्य इस नीति से पूरा हुआ है, लेकिन इसके उल्ट उस इलाके की प्रॉपर्टी के रेट में बढ़ोतरी जरुर हुई है. हम बात कर रहे हैं गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंसियल एंड टेक ( GIFT ) सिटी प्रोजेक्ट की, जहाँ सरकार ने होटलों में शराबा परोसने की इजाजत दी है, ताकि विदेशी कंपनियों को यहाँ स्थापित करने के लिए लुभाया जा सके.
गुजरात सरकार ने दिसंबर 2023 में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंशियल एंड टेक (GIFT) सिटी योजना का एलन किया था, जिसमें 'वाइन और डाइन सेवाएं' प्रदान करने वाले होटलों, रेस्तरां और क्लबों में शराब की खपत की अनुमति दी गयी. जबकि प्रदेश में 60 साल से शराब बंदी लागू है. लेकिन अभी तक किसी भी नई कंपनी ने फिनटेक हब में अपने कार्यालय खोलने की घोषणा नहीं की है.
जमीन की कीमतें और किराये बढ़े
हालांकि, इस क्षेत्र में आवास और भूमि की कीमतों में 10-20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, क्योंकि कई स्थानीय रियल एस्टेट कंपनियां और कई अनिवासी भारतीय (एनआरआई) फिनटेक हब में आवास परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आवासीय भूखंडों की कीमत, जो पहले लगभग ₹4,300 प्रति वर्ग फुट थी, कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली तिमाही के अंत तक बढ़कर ₹7,500 प्रति वर्ग फुट हो जाएगी.
अहमदाबाद स्थित एक रियल एस्टेट एजेंट किरण सोलंकी जो GIFT सिटी में किराए की संपत्तियों का कारोबार करती है, ने द फेडरल को बताया, "पिछले साल दिसंबर से आवासीय किराए की दरों में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. GIFT सिटी इलाके में 2BHK (दो बेडरूम, एक किचन और एक हॉल वाला फ्लैट) का किराया पहले करीब ₹25,000 से ₹35,000 प्रति महीने हुआ करता था. लेकिन शराब की दुकानों के खुलने के बाद से मालिकों ने 2BHK के लिए ₹40,000 प्रति महीने से ज़्यादा की मांग शुरू कर दी है."
अचानक उछाल
"गिफ्ट सिटी में संपत्ति खरीदने और किराए पर लेने में अचानक उछाल आया है, क्योंकि क्षेत्र के निवासी अब शराब खरीद सकते हैं और क्षेत्र के अंदर क्लबों या होटलों में इसका सेवन कर सकते हैं. पहले, गिफ्ट सिटी में और उसके आसपास काम करने वाले लोग गांधीनगर या अहमदाबाद के बाहरी इलाकों में फिनटेक सिटी के बाहर किराये के आवास का विकल्प चुनते थे. सोलंकी ने कहा कि गिफ्ट सिटी क्षेत्र में अभी भी बुनियादी दैनिक सुविधाओं जैसे दुकानें, चिकित्सा सुविधाएं आदि विकसित नहीं की गई हैं.
अभी तक केवल एक आवासीय परियोजना पूरी हो पाई है - जनाधार मंगला. जबकि इस परियोजना को निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए बनाया जाना था, लेकिन इसके डेवलपर्स ने दिसंबर 2023 के बाद इसके किराये की दरें बढ़ा दी हैं.
गिफ्ट सिटी का एकमात्र पांच सितारा होटल - द ग्रैंड मर्क्यूर - जिसमें पहले पूरे वर्ष पर्यटकों की कमी रहती थी, अब यहाँ शराब परमिट के बाद कुछ आगंतुक आने लगे हैं.
भूमि बिक्री में उछाल
गुजरात स्थित रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म कुशमैन एंड वेकफील्ड के प्रबंध निदेशक (लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल्स) अभिषेक भूटानी का कहना है कि गिफ्ट सिटी में शराब प्रतिबंध हटने से आवासीय रियल एस्टेट की बिक्री में तेजी आई है.
उन्होंने द फेडरल को बताया, "पिछले छह महीनों में, क्षेत्र में संपत्तियों की मांग बढ़ने के बाद डेवलपर्स ने भी कीमतें बढ़ा दी हैं." उन्होंने कहा, "गिफ्ट सिटी में वाणिज्यिक और आवासीय दोनों तरह की संपत्ति के मूल्यों में अचानक उछाल आया है. वाणिज्यिक कार्यालय स्थान की लीज़ दरें ₹50 से ₹65 प्रति वर्ग फीट से बढ़कर ₹60 से ₹80 प्रति वर्ग फीट हो गई हैं. लेकिन इसका असर आवासीय क्षेत्र पर ज़्यादा पड़ा है. शराब की खपत के मानदंडों में आंशिक छूट के बारे में हाल ही में की गई घोषणा के परिणामस्वरूप सिर्फ़ छह महीनों में संपत्ति की दरों में लगभग 20 प्रतिशत की अत्यधिक वृद्धि हुई है. अपार्टमेंट अब सुपर बिल्ट अप पर ₹10,000 प्रति वर्ग फीट तक बिक रहे हैं."
निवेश अभी भी एक सपना
गिफ्ट सिटी की योजना 2007 में अहमदाबाद को राज्य की राजधानी गांधीनगर से जोड़ने वाले एनएच8 के किनारे 886 एकड़ भूमि पर बनाई गई थी. राज्य में तत्कालीन नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सिंगापुर, दुबई और लंदन और यहां तक कि मुंबई जैसे वित्तीय सेवा केंद्रों से व्यवसाय को आकर्षित करने के लिए इसे विकसित किया था.
यह कार्य बहुचर्चित फिनटेक हब में विदेशी वित्तीय लेनदेन करने के लिए निवेशकों को विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करके किया जाना था.
हालाँकि, 17 साल बाद भी फिनटेक हब अभी भी प्रगति पर है और पांच लाख नौकरियां पैदा करने या प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को आकर्षित करने के अपने वादा किए गए लक्ष्य से बहुत दूर है.
17 साल बाद, GIFT सिटी में केवल बैंक ऑफ अमेरिका, मॉर्गन स्टेनली, जेपी मॉर्गन, आईबीएम, ओरेकल और गूगल जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड ही कार्यालय रखते हैं. हब में निवेश करने वाली अन्य कंपनियों में बेंगलुरु स्थित सोभा और ब्रिगेड ग्रुप जैसे रियल एस्टेट डेवलपर्स शामिल हैं. मुंबई स्थित हीरानंदानी ग्रुप का शहर में कार्यालय है, साथ ही शिवालिक और नीला स्पेस जैसी कई गुजरात स्थित फर्म भी हैं.
अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियां परीक्षण कर रही हैं
गिफ्ट सिटी के पूर्व निदेशक और ग्रुप सीईओ रमाकांत झा ने कहा, "गिफ्ट सिटी में जिन अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालय हैं, उन्होंने अभी तक गुजरात से पूर्ण पैमाने पर परिचालन शुरू करने का फैसला नहीं किया है. ये ज्यादातर छोटे सेटअप वाले शेल ऑफिस हैं. उनमें से ज्यादातर अभी भी मुंबई या दिल्ली में मुख्यालय रखना पसंद करते हैं."
झा ने द फेडरल को बताया, "जनवरी 2024 में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में, गुजरात सरकार ने घोषणा की थी कि पेटीएम और अन्य अर्तिफ़िशिअल इंटेलिजेंस आधारित फर्म जैसी कंपनियों को गिफ्ट सिटी में कार्यालय स्थापित करना है, लेकिन ये अभी भी कागज पर है."
उन्होंने कहा, "शिखर सम्मेलन के बाद से फिनटेक हब में किसी अंतरराष्ट्रीय कंपनी का कोई नया भौतिक कार्यालय नहीं आया है. हालांकि, आंशिक शराब परमिट के बाद से कई स्थानीय कंपनियों, विशेष रूप से रियल एस्टेट फर्मों ने संपत्तियों में रुचि दिखाई है."