छात्रों के आक्रोश और कोचिंग सेंटर सील होने के बाद सामने आये मिसिंग विकास दिव्यकीर्ति
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ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के बाद आक्रोषित छात्रों ने सोशल मीडिया पर 12वीं फेल वाले विकास दिव्यकीर्ति को लेकर इस तरह से अभियान चलाया था. छात्रों में इस बात की नाराज़गी थी की इतनी बड़ी घटना के बाद दृष्टि नाम से कोचिंग सेंटर चलने वाले विकास छात्रों के समर्थन में क्यों नहीं आये.

छात्रों के आक्रोश और कोचिंग सेंटर सील होने के बाद सामने आये 'मिसिंग' विकास दिव्यकीर्ति

यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर घोर निंदा रोष झेलने के बाद अब 12वीं फेल वाले विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया सामने आई है. ये प्रतिक्रिया विकास दिव्यकीर्ति ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर ही दी है


Old Rajendra Nagar Coaching Centre: ओल्ड राजेंद्र नगर में राउस आईएएस स्टडी सर्किल की घटना के बाद यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर घोर निंदा रोष झेलने के बाद अब 12वीं फेल वाले विकास दिव्यकीर्ति की प्रतिक्रिया सामने आई है. ये प्रतिक्रिया विकास दिव्यकीर्ति ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'X' पर ही दी है, जिसमें उन्होंने अपना पक्ष रखा है.

विकास दिव्यकीर्ति ने अपने कोचिंग सेंटर दृष्टि के नाम से बने हैंडल से ये पक्ष रखा है. उन्होंने देरी का ज़िक्र करते हुए लिखा शनिवार (27 जुलाई) को राजिंदर नगर स्थित एक कोचिंग संस्थान की बेसमेंट में हुई त्रासद घटना तथा उसके बाद बनी परिस्थितियों पर टीम दृष्टि का पक्ष निम्नलिखित है:
1) हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की. वस्तुतः हम नहीं चाहते थे कि अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें. इस देरी के लिये हम हृदय से क्षमाप्रार्थी हैं.
2) शनिवार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ( जिसमें 3 विद्यार्थियों श्रेया यादव, तान्या सोनी और निविन डाल्विन की असमय व दर्दनाक मृत्यु हुई ) पर हम गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. हम तीनों बच्चों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवारजनों को यह अपूरणीय क्षति झेलने का हौसला प्रदान करें.
3) इन बच्चों के परिवारों से हमारा प्रत्यक्ष परिचय नहीं है किंतु दुख की इस घड़ी में हम पूरी तरह उनके साथ हैं. यदि हम किसी भी तरह उनके लिये कुछ कर सकेंगे तो कृतज्ञता महसूस करेंगे.

4) इस दुर्घटना को लेकर विद्यार्थियों में जो रोष दिख रहा है, वो पूरी तरह न्यायसंगत है. बहुत अच्छा होगा यदि इस रोष को सटीक दिशा मिले और सरकार कोचिंग संस्थाओं के लिये निश्चित दिशानिर्देश लागू करे। इस संबंध में हम सरकार के साथ सक्रिय सहयोग करने को तत्पर हैं.


कानूनों की अस्पष्टता के चलते कोचिंग सेंटरों की ऐसी है स्थिति
5) कोचिंग संस्थानों से जुड़ी ये समस्या ऊपर से जितनी सरल दिखती है, उतनी है नहीं. इसके कई पक्ष हैं जिनके तार कानूनों की अस्पष्टता और अंतर्विरोध से जुड़ते हैं. डीडीए, एमसीडी तथा दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के नियमों में असंगति है. इसी तरह, 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021', 'नैश्नल बिल्डिंग कोड', 'दिल्ली फायर रूल्स' और 'यूनिफाइड बिल्डिंग बाई-लॉज़' के प्रावधानों में भी काफी अंतर्विरोध है. 'दिल्ली मास्टरप्लान-2021' को छोड़कर किसी भी दस्तावेज़ में कोचिंग संस्थानों के लिये स्पष्ट प्रावधान नहीं दिये गए हैं. आशा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त समिति जब एक माह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी तो उसमें ऊपर लिखे अधिकांश बिंदुओं का समाधान मिल सकेगा.

6) हम पूरे विश्वास से कह सकते हैं कि टीम दृष्टि विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर अत्यधिक सतर्क रहती है. वर्तमान में हमारी मैनेजमेंट में 'फायर एन्ड सेफ्टी ऑफिसर' का विशेष पद है, जिस पर कार्यरत अधिकारी नैशनल फायर सर्विस कॉलेज (नागपुर) से पढ़े हुए हैं और बड़े अस्पतालों और मॉल्स में 14 वर्षों तक यही कार्य कर चुके हैं. वे प्रत्येक भवन का नियमित रूप से सेफ्टी ऑडिट करते हैं. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक भवन के लिये एक-एक अधिकारी की ज़िम्मेदारी होती है कि वो रोज़ सुरक्षा के 16 बिंदुओं को चेक करे और इसकी सूचना 'बिल्डिंग मेंटेनेंस ग्रुप' पर अपडेट करे. हमारे क्लासरूम जिन भी भवनों में हैं, उनमें आने-जाने के लिये कम से कम दो रास्ते हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में बच्चे सुरक्षित निकल सकें.

7) दिल्ली नगर निगम द्वारा पिछले कुछ दिनों में की गई व्यापक कार्रवाई स्वागतयोग्य है.

8) इस समस्या का स्थायी समाधान ये है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों को चुनकर उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिये नियत करे. अगर सरकार क्लासरूम्स, लाइब्रेरीज़, होस्टल खुद तैयार कराएगी तो न ज़्यादा किराए की समस्या रहेगी और न ही सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों की.

9) इस विषय की जटिलताओं को स्पष्ट करने के लिये हम जल्दी ही एक विस्तृत विश्लेषण (लेख या वीडियो) जारी करेंगे ताकि सभी विद्यार्थियों व अन्य हितधारकों को भी सभी पक्षों का अनुमान हो सके. हमें विश्वास है कि जब सारे पक्ष सामने होंगे, तब समाधान की सही राह निकलेगी.

10) एक बार फिर, यदि जाने-अनजाने में हमारी टीम से कोई चूक हुई है तो हम उसके लिये पुनः खेद व्यक्त करते हैं. अब हम विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर और ज़्यादा सतर्क रहने का भरोसा दिलाते हैं.


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