पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट में चुनाव अधिकारियों ने ही जुड़वा दिए फर्जी नाम, 4 अधिकारी सस्पेंड
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ECI जांच में सामने आया कि चुनाव अधिकारियों ने वोटर लिस्ट का लॉगिन-पासवर्ड अनधिकृत लोगों को दे दिया था (AI Generated picture)

पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट में चुनाव अधिकारियों ने ही जुड़वा दिए फर्जी नाम, 4 अधिकारी सस्पेंड

निलंबित किए गए चारों अधिकारी निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) और सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (AERO) के पद पर तैनात थे, जिनकी जिम्मेदारी मतदाता सूची तैयार करने, उसमें संशोधन और सुधार की होती है।


भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में तैनात चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने मतदाता सूची (Electoral Roll) डेटाबेस के लॉगिन क्रेडेंशियल्स (पासवर्ड) अनधिकृत व्यक्तियों के साथ साझा किए।

चुनाव आयोग ने बताया कि इन अधिकारियों ने बारुईपुर पूर्व (Baruipur Purba) निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ने की गंभीर लापरवाही की है। इस संबंध में बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आयोग को रिपोर्ट भेजी थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई है।

निलंबित किए गए चारों अधिकारी निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) और सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारी (AERO) के पद पर तैनात थे, जिनकी जिम्मेदारी मतदाता सूची तैयार करने, उसमें संशोधन और सुधार की होती है।

इन अधिकारियों के नाम हैं:

देबोत्तम दत्ता चौधरी (ERO)

तथागत मंडल (AERO)

बिप्लब सरकार (ERO)

सुदीप्त दास (AERO)

चुनाव आयोग ने बताया कि इन चारों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज की जाएगी, क्योंकि उनके कार्यों को आपराधिक कदाचार (Criminal Misconduct) के दायरे में माना गया है।

इसके अलावा, आयोग ने एक कैजुअल डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हालदार पर भी एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।

कुछ दिन पहले भी बंगाल में दो ERO अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की अनुमति दी गई थी। उन्होंने डेटा एंट्री ऑपरेटरों को अपने पासवर्ड दिए थे, जिससे 102 फर्जी मतदाताओं के नाम EC पोर्टल में डाले गए। ये अधिकारी पूर्वी मेदिनीपुर के नंदकुमार और उत्तर 24 परगना के राजारहाट-गोपालपुर से थे।

ECI जांच में सामने आया कि बूथ स्तर के अधिकारियों (BLOs) से कोई भी फिजिकल वेरीफिकेशन नहीं कराया गया था। इससे फर्जी मतदाताओं को सूची में जोड़ना आसान हो गया। जिला चुनाव अधिकारियों को इस घोटाले की जांच करने को कहा गया है।

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